सुरक्षा इंतजाम और सरकारी सिस्टम की अनदेखी । भास्कर ने 1 जनवरी 2022 से 27 मई 2024 तक बड़े निजी व सरकारी भवनों, नर्सिंग होम, शॉपिंग मॉल और फैक्टरियों में हुए आगजनी के बड़े हादसों की पड़ताल की तो पता चला कि इनमें 1,177 जानें जा चुकी हैं। इनकी जांच रिपोर्ट बताती हैं कि ज्यादातर इमारतों का फायर ऑडिट सालों से नहीं हुआ था, न ही सरकारी सिस्टम ने इनके आग से बचने के इंतजामों को जांचा-परखा। अग्नि सुरक्षा नियम, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के दिशा-निर्देश और खुद केंद्र के अलग से फायर सेफ्टी के 10 नियम हैं, लेकिन कहीं भी इनका पूर्ण पालन नहीं होता। इसलिए आग से मौतों का आंकड़ा भी हर साल बढ़ रहा है। 2022 में जहां देशभर में 419 लोगों की जान गई थी, तो 2023 में यह बढ़कर 573 हो गईं। 2024 में अब तक 185 मौतें हो चुकी हैं।
This story is from the May 31, 2024 edition of Dainik Bhaskar Mumbai.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the May 31, 2024 edition of Dainik Bhaskar Mumbai.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
महाकुंभ स्वच्छ, सुरक्षित और सुव्यवस्थित होगा ; 10 दिसंबर तक सभी काम पूरे करें
महाकुंभ : आयोजन के लिए लोगो, वेबसाइट और मोबाइल ऐप लॉन्च, योगी बोले
भारत पर दांव लगा रहे इंटरनेशनल लग्जरी फूड ब्रांड एकॉर, अरमानी, कार्निवल भारत में खोल रहे आउटलेट्स
न्यू ट्रेंड • लग्जरी डाइनिंग, हॉस्पिटैलिटी का हॉटस्पॉट बन रहा भारत, ये बाजार सालाना 20% बढ़ रहा
भारत ने टी-20 में लगातार आठवीं जीत हासिल की
पहला टी20• बांग्लादेश को सात विकेट से हराया
श्रीजेश की कोचिंग में जोहोर कप में उतरेगी जूनियर हॉकी टीम
18 सदस्यीय भारतीय टीम घोषित, आमिर कप्तान
दुबई में हुआ 100वां टी-20
महिला टी-20 वर्ल्ड कप • भारत ने पाकिस्तान पर 6 विकेट से जीत दर्ज की
महाविकास आघाडी में उद्धव गुट को अपने बराबर सीट नहीं देगी कांग्रेस
वरिष्ठ नेताओं की बैठक में हुआ फैसला, सबसे ज्यादा सीटों पर पार्टी करेगी दावा
कल्याण में शहाड फ्लाइओवर का जल्द किया जाएगा विस्तार
यातायातः स्थानीय सांसद श्रीकांत शिंदे की पहल पर एमएमआरडीए ने 320 करोड़ का टेंडर किया जारी
महंगा पड़ रहा अटल सेतु का टोल, कार वाले पुराने रास्ते से आने-जाने को मजबूर
190 हजार के मुकाबले केवल 24 हजार वाहन गुजर रहे रोज
पीछे छूट रहा जलापूर्ति का नियोजन पानी की किल्लत होने की आशंका
आगे नहीं बढ़ सकीं पिंजाल, दमणगंगा जैसी परियोजनाएं, गारगाई का काम भी धीमा
सिर्फ गैजेट्स ही आंखों को नहीं थका रहे, पढ़ने-लिखने, सिलाई से भी होता है तनाव; सबसे बेहतर उपचार... बार-बार पलकें झपकाते रहें
आमतौर पर लैपटॉप, मोबाइल और टीवी को हमारी आंखों की थकान के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है।