बांड खरीदने की सीमा नहीं
चुनावी बांड योजना भारतीय नागरिकों और घरेलू कंपनियों को बांड के जरिये दान करने की अनुमति देती है, जो एक हजार, 10 हजार, एक लाख, 10 लाख और एक करोड़ रुपए के गुणांक में अपनी पसंद की पार्टी को दे सकते हैं। इन बांड को राजनीतिक पार्टियों द्वारा 15 दिनों के भीतर भुनाया जा सकता है। व्यक्ति या तो स्वयं या किसी अन्य व्यक्ति के साथ इन बांड को खरीद सकता है। व्यक्ति (कंपनियों के लिए) के लिए बांड खरीदने की कोई सीमा नहीं है। राजनीतिक दल द्वारा 15 दिनों में बांड को नहीं भुनाने की स्थिति में राशि प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा हो जाती है।
चुनावी बांड योजना की जमीन तैयार करने के लिए तीन कानूनों में वित्त विधेयक, 2016 और वित्त विधेयक, 2017 के माध्यम से संशोधन किए गए थे। वित्त विधेयकों ने भारत के चुनाव कानून, कंपनी अधिनियम और आयकर कानून के प्रावधानों को बदल दिया। इसके बाद जनवरी 2018 में चुनावी बांड योजना लाई गई। अब अपने ताजा फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने उन संशोधनों को रद्द कर दिया है।
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