सेहत की दुश्मन न बने तकनीक
Panchjanya|August 28, 2022
आज तकनीक पूरी तरह जीवन पर हावी है। स्मार्टफोन केवल संवाद का माध्यम नहीं रहा. बल्कि इसमें मनोरंजन से लेकर जरूरत की हर चीज मौजूद है। लेकिन इसके अत्यधिक प्रयोग से शरीर पर घातक प्रभाव पड़ रहे
पूनम नेगी
सेहत की दुश्मन न बने तकनीक

पने इर्द-गिर्द निगाह दौड़ा कर देखें, आज समूची दुनिया तकनीक की गिरफ्त में है। बीती सदी में कंप्यूटर क्रांति और 21वीं सदी के बीते दो दशकों में डिजिटल क्रांति ने दुनिया की काया ही पलट दी है। जरा कल्पना करके देखें कि यदि 17वीं सदी का मानव 21वीं सदी में आ जाए तो यकीन मानिए कि वह हमारी जीवनशैली देख कर पूरी तरह चकरा जाएगा। कारण कि उसने विज्ञान व तकनीक की इस जादुई दुनिया की कल्पना कभी सपने में भी नहीं की होगी । निस्संदेह कोई भी इस तथ्य को अनदेखा नहीं कर सकता कि तकनीक आज हमारी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बन गई है। उदाहरण के तौर पर मोबाइल फोन को ही देखिए ! जेब और पर्स में सहजता से समा जाने वाले इस छोटे से तकनीकी उपकरण में अलादीन के चिराग की भांति आज के अत्याधुनिक इंसान की हर छोटी-बड़ी महत्वपूर्ण जानकारी तथा सुख-सुविधा का त्वरित समाधान निहित है।

स्मार्ट फोन का प्रभाव

अत्याधुनिक फीचर्स से लैस स्मार्ट मोबाइल फोन ने लोगों की आदतों और जिंदगी के तरीकों को बेहद गहराई से प्रभावित किया है। स्मार्ट फोन जानकारी, सूचना और संवाद की नई दुनिया रचने के साथ संवाद का सबसे सुलभ, सस्ता और उपयोगी साधन साबित हो रहा है। इस बहुपयोगी संचार उपकरण ने मैसजिंग के टेक्स्ट को एक नए पाठ में बदल दिया है। यह हमें फेसबुक से भी जोड़ता है और ट्विटर से भी। यहां व्यक्त किया गया एक पंक्ति का विचार सोशल मीडिया पर हाहाकार मचा सकता है । इसने एक पूरी की पूरी जीवन शैली और भाषा विकसित कर दी है।

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