यह 1962 वाला भारत नहीं
Panchjanya|November 06, 2022
पिछले 70-75 वर्षों में शायद ही किसी सरकार ने रक्षा को केंद्र में रखकर आत्मनिर्भर भारत पर विचार किया हो। लेकिन नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश न केवल रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो रहा है, बल्कि रक्षा साजो-सामान का निर्यात भी करने लगा है
यह 1962 वाला भारत नहीं

अमदाबाद में आयोजित साबरमती संवाद-2022 में केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्ट ने आत्मनिर्भर भारत की तस्वीर प्रस्तुत करते हुए कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार आने के 7-8 साल में ही देश का कायाकल्प हो गया है। आत्मनिर्भर होने के साथ 2013-14 की तुलना में निर्यात में भी ऐतिहासिक वृद्धि हुई है। अभी तक हम 38,500 करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात कर चुके हैं। देश हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बने, इसके लिए सरकार ने काफी मेहनत की है।

उन्होंने कहा कि इससे पहले ऐसा काम कभी नहीं हुआ। अटल बिहारी वाजपेयी का कार्यकाल भले ही छोटा था, पर उन्हीं के कार्यकाल में ही पोखरण में परमाणु परीक्षण हुआ। अटल जी का ध्येय वाक्य था- 'मेरे देश की जनता नमक रोटी खा लेगी, लेकिन हम किसी से दबेंगे नहीं।' नतीजा, भारत पर जो पाबंदियां थोपी गईं, उन्हें दुनिया को हटाना पड़ा। अजय भट्ट ने कहा कि 2020 में सिपरी ने दुनिया के 25 शीर्ष निर्यातक देशों की सूची जारी की, जिसमें पहली बार भारत को शामिल किया गया। भारत किसी भी मामले में पीछे नहीं है। अमेरिका व चीन के बाद भारत रक्षा बजट पर सबसे ज्यादा खर्च करता है। सेना में शामिल हमारा हेलिकॉप्टर एलएचएस अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। इसमें प्रयुक्त तोप, बंदूक, गोली, मिसाइल सहित सभी सामान स्वदेशी हैं। मानवरहित जहाज का परीक्षण भी सफल रहा है। ड्रोन मामले में भी हम किसी से कम नहीं हैं। के- 9 बजरा बंदूक की तो तकनीक ही कमाल की है। उन्होंने आईएनएस विक्रांत को आत्मनिर्भर भारत का बड़ा उदाहरण बताया, जिससे पूरी दुनिया अचरज में है। इस पर तैनात युद्धक विमान को उड़ाने वाले पायलटों में महिलाएं भी हैं। 

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