अधर में इमरान
Panchjanya|November 20, 2022
इमरान पर हमला किसी उत्तेजित सिरफिरे की कारिस्तानी नहीं, बल्कि एक व्यापक साजिश की ओर इशारा करती है। इमरान शायद इसे समझ रहे हैं। इसीलिए वे परिणामों से भली-भांति वाकिफ होते हुए भी सेना के विरुद्ध मोर्चा खोले हुए हैं
एस. वर्मा
अधर में इमरान

राजधानी इस्लामाबाद से लगभग 200 किलोमीटर दूर पंजाब प्रांत के गुजरांवाला जिले के वजीराबाद में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेता, इमरान खान पर हमला हुआ है। हालांकि गुजरांवाला में आपराधिक मामलों का रिकॉर्ड अत्यंत ही खराब रहा है, पर एक पूर्व प्रधानमंत्री पर हमला, जिसकी सरकार सात माह पूर्व ही इस देश के सर्वशक्तिमान रक्षा प्रतिष्ठान का विश्वास खोने के बाद गिर चुकी है और जो तब से ही लगातार सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई के 'हस्तक्षेप' के खिलाफ इसलिए भी अभियान चला रहे हैं कि वह एक कठपुतली सरकार  स्थापित करके लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास कर रही है, मात्र कानून और व्यवस्था का प्रश्न नहीं हो सकता।

पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को कदाचार के मामले में, सार्वजनिक पद संभालने के अयोग्य घोषित कर दिया गया है और अगला निर्णय होने तक उनका राजनैतिक भविष्य अधर में लटका हुआ है। पाकिस्तान के चुनाव आयोग के एक फैसले के अनुसार खान पर अवैध रूप से राज्य के उपहार बेचा था।

अप्रैल में प्रधानमंत्री के रूप अपने पद से हटने के बाद से, इमरान खान ने पाकिस्तान के सबसे शक्तिशाली संस्थान का नेतृत्व करने वाले प्रमुख जनरलों के खिलाफ जनसमर्थन जुटाने के लिए एक जोखिम भरा अभियान शुरू किया है। पद गंवाने के बाद से इमरान खान मौजूदा सरकार के लिए कांटे की तरह हैं। उन्होंने पाकिस्तान के अर्थव्यवस्था संकट, भारी मुद्रास्फीति और इस वर्ष देश के एक तिहाई हिस्से को जलमग्न कर देने वाली विनाशकारी बाढ़ से निपटने में असमर्थता के लिए सरकार और प्रशासन की आलोचना की है।

सामान्य नहीं है हमला

This story is from the November 20, 2022 edition of Panchjanya.

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