समय की आहट पहचाने बॉलीवुड
Panchjanya|January 01, 2023
वक्त बदल रहा है, लेकिन बॉलीवुड नहीं बदल रहा है। देश की अस्मिता पर कुठाराघात करने की उसकी मानसिकता अब लोगों के मन से मुम्बइया फिल्मों को दूर कर रही है
विशाल ठाकुर
समय की आहट पहचाने बॉलीवुड

एक समय में 'मिस्टर परफेक्शनिस्ट' के तौर पर पहचान रखने वाले आमिर खान का मत है कि कोई भी फिल्म जब तक अपनी लागत का पांच गुना न कमा ले तो उसे सफल फिल्म कतई नहीं कहा जा सकता। हालांकि सिनेमा जगत के जानकार मानते हैं कि कोई फिल्म अपनी लागत का दोगुना भी वसूल लेती है तो 'हिट' मानी जाती है। हो सकता है कि आमिर ने लागत से पांच गुना कमाई का पैमाना खासतौर से अपने लिए तय किया हो। लेकिन ऐसा सोचते समय शायद उन्हें अंदाजा नहीं होगा कि भविष्य में साल 2022 भी आएगा, जब उनकी किसी फिल्म को पांच गुना मुनाफा तो दूर की बात है, लागत तक निकालने में मुश्किल आएगी। यहां बात केवल आमिर खान की ही नहीं है। लगभग पूरे बॉलीवुड का यही हाल है। 2022 में हर कोई किसी न किसी वजह से माथा पकड़कर बैठा है। हालांकि कुछेक फिल्म सितारों और फिल्मकारों के पास खुशियां मनाने की वाजिब वजह दिखती है। वरना अधिकतर तो ऐसे भी हैं, जो केवल इसलिए मुंह फुलाए हैं कि उनकी फिल्म न चलकर दक्षिण की फिल्में खूब चलीं। ये वही लोग हैं, जो कुछ साल पहले तक हॉलीवुड फिल्मों की सफलता से जला-भुना करते थे। 

सब पर भारी 'दि कश्मीर फाइल्स'

This story is from the January 01, 2023 edition of Panchjanya.

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