छत्तीसगढ़ ! पौराणिक कोसल प्रदेश। वह पुनीत अंचल जहां श्रीराम ने अपने वनवास का अधिकांश समय बिताया था। धर्म के मामले में यह प्रदेश पिछले कुछ दिनों से काफी संवेदनशील बना हुआ है जहां अनुकूल राजनीतिक परिस्थितियां देख मिशनरी समेत कन्वर्जन के व्यवसाय में लगीं अन्य संस्थाएं पूरी ताकत से झांसा और लोभ दिखाकर जनजातियों और दलितों को उनके मूल सनातन धर्म से काटने की कवायद में लगी हैं, वहीं समाज के भीतर से इनके विरुद्ध प्रतिक्रियाएं भी संगठित रूप से होने लगी हैं। हाल ही में बस्तर के नारायणपुर में मिशनरियों के विरुद्ध उबल रहे जनजाति समाज की प्रतिक्रया सामने आई, जहां व्यापक हिंसा भी हुई। इससे पहले प्रदेश के कबीरधाम में मजहब विशेष के लोगों के साथ हुई झड़प ने दंगे का रूप ले लिया था। इससे प्रदेश के किसी शहर में पहली बार कर्फ्यू लगाने की नौबत आई। इसी तरह प्रदेश में अंबिकापुर से लेकर जशपुर तक जहां मिशनरी और रोहिंग्या मुस्लिम अत्यधिक सक्रिय होकर सनातन को नुकसान पहुंचा रहे हैं, वहीं इसके विरुद्ध ऐसे भी हिंदू संगठन हैं, जो अपने धर्म-समाज से बिछुड़ चुके समुदायों को उन्हें घर वापस लाने के अभियान में जुटे हुए हैं।
ऐसे ही एक चर्चित अभियान में पिछले दिनों 'घरवापसी अभियान' के प्रमुख और भाजपा के प्रदेश मंत्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने प्रदेश के महासमुंद जिले में ईसाई बन चुके 1,100 हिंदुओं की घरवापसी कराई। जशपुर राजपरिवार से जुड़े श्री जूदेव अभी तक 10,000 से अधिक लोगों की 'घरवापसी' करा चुके हैं। श्री जूदेव ने कहा, "कन्वर्जन का अर्थ एक तरह से राष्ट्रांतरण है। इसे मेरे पिता स्व. दिलीप सिंह जूदेव बेहतर रूप से समझते थे, और उन्होंने ही प्रदेश के जनजाति अंचल सरगुजा से इस 'घरवापसी अभियान' की शुरुआत की।" आज छत्तीसगढ़ के अलावा झारखंड और ओडिशा में भी धर्म जागरण मंच के बैनर तले घरवापसी का यह अभियान चल रहा है।
This story is from the 05 February 2023 edition of Panchjanya.
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शिक्षा, स्वावलंबन और संस्कार की सरिता
रुद्रपुर स्थित दूधिया बाबा कन्या छात्रावास में छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा के साथ-साथ संस्कार और स्वावलंबन का पाठ पढ़ाया जा रहा। इस अनूठे छात्रावास के कार्यों से अनेक लोग प्रेरणा प्राप्त कर रहे
शिवाजी पर वामंपथी श्रद्धा!!
वामपंथियों ने छत्रपति शिवाजी की जयंती पर भाग्यनगर में उनका पोस्टर लगाया, तो दिल्ली के जेएनयू में इन लोगों ने शिवाजी के चित्र को फाड़कर फेंका दिया। इस दोहरे चरित्र के संकेत क्या हैं !
कांग्रेस के फैसले, मर्जी परिवार की
कांग्रेस में मनोनीत लोगों द्वारा 'मनोनीत' फैसले लिये जा रहे हैं। किसी उल्लेखनीय चुनावी जीत के बिना कांग्रेस स्वयं को विपक्षी एकता की धुरी मानने की जिद पर अड़ी है जो अन्य को स्वीकार्य नहीं हैं। अधिवेशन में पारित प्रस्ताव बताते हैं कि पार्टी के पास नए विचार के नाम पर विफलताओं का जिम्मा लेने के लिए खड़गे
फूट ही गया 'ईमानदारी' का गुब्बारा
अरविंद केजरीवाल सरकार की 'कट्टर ईमानदारी' का ढोल फट चुका है। उनकी कैबिनेट के 6 में से दो मंत्री सलाखों के पीछे। शराब घोटाले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की जांच की आंच कभी भी केजरीवाल तक पहुंच सकती है
होली का रंग तो बनारस में जमता था
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आनंद का उत्कर्ष फाल्गुन
भक्त और भगवान का एक रंग हो जाना चरम परिणति माना जाता है और इसी चरम परिणति की याद दिलाने प्रतिवर्ष आता है धरती का प्रिय पाहुन फाल्गुन। इसीलिए वसंत माधव है। राधा तत्व वह मृदु सलिला है जो चिरंतन है, प्रवाहमान है
नागालैंड की जीत और एक मजबूत भाजपा
नेफ्यू रियो 5वीं बार नागालैंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।
सूर्योदय की धरती पर फिर खिला कमल
त्रिपुरा और नागालैंड की जनता ने शांति, विकास और सुशासन के भाजपा के तरीके पर अपनी स्वीकृति की मुहर लगाई है। मेघालय में भी भाजपा समर्थित सरकार बनने के पूरे आसार। कांग्रेस और वामदल मिलकर लड़े, लेकिन बुरी तरह परास्त हुए और त्रिपुरा में पैर पसारने की कोशिश करने वाली तृणमूल कांग्रेस को शून्य से संतुष्ट होना पड़ा
जीवनशैली ठीक तो सब ठीक
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नाकाम किए मिशनरी
भारत के इतिहास में पहली बार बंजारा समाज का महाकुंभ महाराष्ट्र के जलगांव जिले के गोद्री ग्राम में संपन्न हुआ। इससे पहली बार भारत और विश्व को बंजारा समाज, संस्कृति एवं इतिहास के दर्शन हुए। एक हजार से भी ज्यादा संतों और 15 लाख श्रद्धालुओं ने इसमें भाग लिया। इससे बंजारा समाज को हिन्दुओं से अलग करने और कन्वर्ट करने की मिशनरियों की साजिश नाकाम हो गई