भारत की राजनीतिक रूप से एकसूत्र में बांधने का प्रश्न उठा, तब आचार्य चाणक्य सामने आए। विदेशी दमनकारी शक्तियों के सामने भारत के सामर्थ्य को प्रकट करने के लिए चन्द्रगुप्त मौर्य, राजा दाहिर, महाराजा रणजीत सिंह, महाराणा प्रताप और शिवाजी गहाराज जैसे पराक्रगी व्यक्तित्व उभर कर आते हैं। आध्यात्मिक एवं बौद्धिक चेतना की पताका अखंड भारत से लेकर अखिल विश्व में फहराने के लिए आदिगुरु शंकराचार्य से लेकर स्वामी विवेकानन्द तक एक दैवीय परम्परा है। आधुनिक भारत में महात्मा गांधी, मदन मोहन मालवीय, डह केशव बलिराम हेडगेवार, नेताजी सुभाषचन्द्र बोस और स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर सहित अनेक नाम हैं। भारत के पास महापुरुषों की एक लम्बी श्रृंखला है, जिसमें एक से एक चमकते हीरे, प्रेरणापुंज एवं प्रकाश-स्तम्भ विद्यमान हैं। इसी कड़ी में बाबा साहेब डॉ. भीमराव रामजी आम्बेडकर का नाम आता है। उनका जीवन संघर्ष और प्रेरणा से भरा हुआ है।
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प्रेमकृष्ण खन्ना
स्थानिक विभूतियों की कथा - २५
स्वस्थ विश्व का आधार बना 'मिलेट्स'
मिलेट्स यानी मोटा अनाज। यह हमारे स्वास्थ्य, खेतों की मिट्टी, पर्यावरण और आर्थिक समृद्धि में कितना योगदान कर सकता है, इसे इटली के रोम में खाद्य एवं कृषि संगठन के मुख्यालय में मोटे अनाजों के अन्तरराष्ट्रीय वर्ष (आईवाईओएम) के शुभारम्भ समारोह के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी के इस सन्देश से समझा जा सकता है :
जब प्राणों पर बन आयी
एक नदी के किनारे एक पेड़ था। उस पेड़ पर बन्दर रहा करते थे।
देव और असुर
बहुत पहले की बात है। तब देवता और असुर इस पृथ्वी पर आते-जाते थे।
हर्षित हो गयी वानर सेना
श्री हनुमत कथा-२१
पण्डित चन्द्र शेखर आजाद
क्रान्तिकारियों को एकजुट कर अंग्रेजी शासन की जड़ें हिलानेवाले अद्भुत योद्धा
भारत राष्ट्र के जीवन में नया अध्याय
भारत के त्रिभुजाकार नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह हर किसी को अभिभूत करनेवाला था।
समान नागरिक संहिता समय की मांग
विगत दिनों से समान नागरिक संहिता का विषय निरन्तर चर्चा में चल रहा है। यदि इस विषय पर अब भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो इसके गम्भीर परिणाम आनेवाली सन्तति और देश को भुगतना पड़ सकता है।
शिक्षा और स्वामी विवेकानन्द
\"यदि गरीब लड़का शिक्षा के मन्दिर न आ सके तो शिक्षा को ही उसके पास जाना चाहिए।\"
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक
२३ जुलाई, जयन्ती पर विशेष