जीवन्मुक्त महात्मा निजानंद स्वामी का एक शिष्य उनकी आज्ञाओं का पूरा पालन करता हुआ एकांत में भजन करता था। एकांतवास के कारण उसकी चित्तवृत्तियों का बिखराव कम हुआ और उसमें कुछ प्रभाव, आकर्षण पैदा हुआ। गुरुपूनम के दिन वह अपने गुरुदेव के श्रीचरणों में सिर झुकाने को गया तो और गुरुभाई उसको देखकर बड़े मान के शब्दों के साथ उसका स्वागत करने लगे।
किसीने कहा : ‘‘तुम्हें देखकर हमारी आँखें चाहती हैं कि बार-बार तुम्हें देखें। तुम्हारे में क्या अद्भुत आकर्षण है !"
दूसरे गुरुभाई ने कहा : "तुम मानो प्रेम की मूर्ति बन गये हो।”
तीसरे ने कहा : ‘‘तुम्हारे वचन सुनकर हमारे कान अघाते नहीं।"
चौथे ने कहा: "सचमुच! बुद्धिमान भी तुम ऐसे हो कि मानो बृहस्पति !"
गुरुदेव अपनी कुटिया में यह गपशप सुन रहे थे। बाहर आये और अपने उस खास प्यारे शिष्य को डाँटा : ‘‘चल रे पाखंडी पापी ! दुष्ट ! गुरुपूनम को मुँह दिखाने को आया ! मेरे को मुँह मत दिखा, भाग जा यहाँ से, निकल !”
この記事は Rishi Prasad Hindi の January 2023 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です ? サインイン
この記事は Rishi Prasad Hindi の January 2023 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です? サインイン
रूहानी सौदागर संत-फकीर
१५ नवम्बर को गुरु नानकजी की जयंती है। इस अवसर पर पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत से हम जानेंगे कि नानकजी जैसे सच्चे सौदागर (ब्रहाज्ञानी महापुरुष) समाज से क्या लेकर समाज को क्या देना चाहते हैं:
पितरों को सद्गति देनेवाला तथा आयु, आरोग्य व मोक्ष प्रदायक व्रत
एकादशी माहात्म्य - मोक्षदा एकादशी पर विशेष
ऐसी कल्पना आपका कल्याण कर देगी
बाबा कृष्ण बन जाते हैं, कृष्ण बाबा बन जाते हैं।
विलक्षण न्याय
विद्यार्थी संस्कार - पढ़िये-पढ़ाइये यह शिक्षाप्रद कथा
पूज्य बापूजी की रिहाई ही देश को विश्वगुरु बना सकती है
श्री अशोक सिंहलजी की जयंती पर हुए विशेष चर्चासत्र के कुछ अंश
गोपाष्टमी पर क्यों किया जाता है गायों का आदर-पूजन?
९ नवम्बर : गोपाष्टमी पर विशेष
कर्म करने से सिद्धि अवश्य मिलती है
गतासूनगतासुंश्च नानुशोचन्ति पण्डिताः ॥
अपने ज्ञानदाता गुरुदेव के प्रति कैसा अद्भुत प्रेम!
(गतांक के 'साध्वी रेखा बहन द्वारा बताये गये पूज्य बापूजी के संस्मरण' का शेष)
समर्थ साँईं लीलाशाहजी की अद्भुत लीला
साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज के महानिर्वाण दिवस पर विशेष
धर्मांतरणग्रस्त क्षेत्रों में की गयी स्वधर्म के प्रति जागृति
ऋषि प्रसाद प्रतिनिधि।