उस तूफान ने भयंकर तबाही मचा दी। लगभग २६० से २७० कि.मी. प्रति घंटा की तीव्र गति से हवाएँ चलने से समुद्र में ऊँची-ऊँची तरंगें उठीं और समुद्र के पानी का स्तर २० फुट से भी अधिक बढ़ गया, जिससे गाँव-के-गाँव जलमग्न हो गये। साथ ही असाधारण भारी वर्षा होने से भयंकर बाढ़ आयी थी और सब जगह भीषण जलप्रवाह से हाहाकार मचा हुआ था।
३ दिन बाद जब पानी नीचे उतरा तो सब तरफ वीभत्सता और विनाश के दृश्य थे । मेरे होटल के आसपास करीब १७०० जितनी लाशें पड़ी हुई थीं। मेरा होटल बंद हो गया था। खाने को कुछ नहीं था। कई हजार लोगों की मृत्यु हो चुकी थी। लगभग ७० गाँव तबाह हो गये थे। सब लोग बेसहारा हो गये थे। मेरे पड़ोसी के शरीर पर कपड़े तक नहीं थे, ३ दिन तक उसको खाने को कुछ नहीं मिला तो उसने जिंदा चिड़िया को फाड़ के खा लिया था।
This story is from the February 2023 edition of Rishi Prasad Hindi.
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रूहानी सौदागर संत-फकीर
१५ नवम्बर को गुरु नानकजी की जयंती है। इस अवसर पर पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत से हम जानेंगे कि नानकजी जैसे सच्चे सौदागर (ब्रहाज्ञानी महापुरुष) समाज से क्या लेकर समाज को क्या देना चाहते हैं:
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कर्म करने से सिद्धि अवश्य मिलती है
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अपने ज्ञानदाता गुरुदेव के प्रति कैसा अद्भुत प्रेम!
(गतांक के 'साध्वी रेखा बहन द्वारा बताये गये पूज्य बापूजी के संस्मरण' का शेष)
समर्थ साँईं लीलाशाहजी की अद्भुत लीला
साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज के महानिर्वाण दिवस पर विशेष
धर्मांतरणग्रस्त क्षेत्रों में की गयी स्वधर्म के प्रति जागृति
ऋषि प्रसाद प्रतिनिधि।