पिछले कुछ समय में बॉडी सोप की जगह अब बॉडी वॉश ने ले ली है। लेकिन बॉडी वॉश से जुड़े मिथक इसे गलत तरीके से इस्तेमाल करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करते हैं। बॉडी वॉश के बारे में सबसे व्यापक गलतफहमियों में से एक यह है कि उन्हें केवल शॉवर रूटीन के हिस्से के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए, न कि बाल्टी से नहाते समय।
इसी तरह, कुछ लोगों का यह भी मानना है कि महंगे बॉडी वॉश हमेशा बेहतर होते हैं। और इसलिए अक्सर लोग बॉडी वॉश खरीदते समय अतिरिक्त पैसे खर्च करना पसंद करते हैं। ऐसे में कहीं ना कहीं लोगों की जेब पर अतिरिक्त जोर पड़ता है। इसलिए, बॉडी वॉश के बारे में इन मिथकों को दूर करना और उनकी सच्चाई के बारे में जानना बेहद जरूरी है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बॉडी वॉश से जुड़े कुछ मिथकों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी सच्चाई हर व्यक्ति को पता होनी चाहिए।
मिथक 1. बॉडी वॉश साबुन से अधिक जेंटल होते हैं
सच्चाई - बॉडी वॉश को लेकर लोगों की की यह मान्यता है कि बॉडी वॉश बार साबुन में स्किन पर अधिक जेंटल होते हैं। हालांकि, यह हमेशा सच नहीं होता है। तुलना बॉडी वॉश या साबुन स्किन पर कितना जेंटल है, यह उसके बनाने पर निर्भर करता है, जिसमें पीएच लेवल और मॉइश्चराइजिंग इंग्रीडिएंट्स आदि की मौजूदगी शामिल है। कई बार कुछ बॉडी वॉश को बनाते समय उसमें हार्श इंग्रीडिएंट्स या फ्रेगरेंस का इस्तेमाल किया जाता है, जो सेंसेटिव स्किन को परेशान कर सकती है। वहीं, कुछ बार जेंटल और मॉइश्चराइजिंग इंग्रीडिएंट साबुन की मदद से तैयार किए जाते हैं।
मिथक 2. बॉडी वॉश में ज्यादा झाग का मतलब है बेहतर सफाई सच्चाई
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