भारतीय मध्यमवर्ग को अच्छे बचतकर्ता के रूप में जाना जाता है. विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार वह अपनी आय का लगभग 25% बचाता है. लेकिन सवाल यह है कि क्या यह वर्ग अपनी बचत को स्मार्ट तरीके से निवेश कर रहा हैं? अधिकतर भारतीय लौकर या बैंकों में नकदी रखना पसंद करते हैं. तो सवाल यह उठता है कि उस नकदी को अपने लौकर में रखने से ज्यादा अच्छा विकल्प क्या है ?
समय के साथ नकद कम मूल्यवान हो जाता है. उदाहरण के लिए 10 साल पहले के 100 रुपए का मूल्य आज के 100 रुपए से अधिक था. इसलिए नकदी अपने पास रखने के बजाय हमें नकदी का निवेश करना चाहिए ताकि हम मुद्रास्फीति को मात दे सकें. इस के बावजूद अधिकांश निवेशक मुद्रास्फीति को ध्यान में नहीं रखते हैं. मनोवैज्ञानिक इसे धन का मोह बताते हैं.
अगर मुद्रास्फीति में 7% की वृद्धि हुई है तो वेतन में 5% की वृद्धि प्रभावी रूप से हमारे पास उपलब्ध धन में एक 'कटौती' है. इस के बावजूद आम तौर पर लोग इस परिदृश्य में 1 वर्ष के दौरान 1% वेतन कटौती करना पसंद करते हैं जब मुद्रास्फीति शून्य होती है. इसलिए अपनी निवेश की सफलता को इस बात से मापें कि मुद्रास्फीति के बाद आप कितना अपने पास रख रहे हैं बजाय इस के कि आप अपने निवेश से कितना कमा रहे हैं.
निवेश करना कैसे शुरू करें
शेयर बाजार में कदम रखने से पहले बुनियादी बातों को जानना जरूरी है. इसलिए यूट्यूब वीडियो देख कर या किताबें पढ़ कर खुद को शिक्षित करें. शेयर बाजारों को समझने से आप को बेहतर वित्तीय निर्णय लेने में मदद मिलेगी. नए वित्तीय उत्पादों की जानकारी रखें और उद्योग के विशेषज्ञों द्वारा निवेश पर लिखी पुस्तकें पढ़ें. वित्तीय समाचारों के बारे में सामान्य जागरूकता भी स्मार्ट तरीके से निवेश करने का एक अच्छा तरीका है.
अगला कदम यह है कि जल्दी निवेश शुरू करना, जो निश्चित रूप से बचत देता है और भले ही आप ने अपने जीवन के उस बिंदु को पर कर लिया हो परंतु कभी न करने से अच्छा देरी से निवेश करना भी है. शुरुआती निवेश यह सुनिश्चित कर सकता है कि आप के पैसे को पर्याप्त कौर्पस फंड में विकसित होने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है जो आप को जरूरत के समय या जब आप रिटायर होने का फैसला करते हैं तो आप की अच्छी हैल्थ करेगा.
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