2006 में नीरज वोरा द्वारा निर्देशित कौमेडी फिल्म 'फिर हेराफेरी' आई थी. यह 2000 में आई 'हेराफेरी' की सीक्वेंस थी. फिल्म के एक सीन में अक्षय कुमार यानी राजू लक्ष्मी चिट फंड कंपनी के झांसे में आ जाता है जो 21 दिनों में पैसे डबल करने का वादा करती है. वह अपनी सारी संपत्ति चिट फंड में लगा देता है. 21 दिनों बाद जब राजू अपना डबल हुआ पैसा लेने जाता है तो देखता है लक्ष्मी चिट फंड वाले झांसा दे कर गायब हो गए हैं.
यह फिल्मी सीन उन दिनों उस हकीकत को बयान करता था जब 'चिट फंड' के नाम पर ऐसे गिरोह खासा ऐक्टिव हो गए थे जो लोगों को लालच दे कर उन का पैसा इकठ्ठा करते थे और टाइम आने पर गायब हो जाते थे.
आज भले झांसा देने वाले ये तरीके पुराने हो गए हों, पर झांसे में फंसने का सिलसिला अब भी जारी है और फंसाने वाले लोगों के गिरोह बड़े स्तर पर खड़े हो गए हैं, जो नए जमाने के साथ डिजिटल और हाईटैक तरीके से अंजाम दे रहे हैं.
फर्जी ऐप की आड़ में जालसाजी
अगस्त महीने में उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में तेलंगाना पुलिस ने मुगलसराय के रविनगर महल्ले से एक बड़े कारोबारी के बेटे अभिषेक जैन और उस के एक साथी को 9 करोड़ 81 लाख रुपए के साथ गिरफ्तार किया. दोनों पर आरोप था कि ये फर्जी ऐप बना कर जालसाजी और धोखाधड़ी के कर रहे थे.
ये दोनों एक अपार्टमैंट में बैठ कर फर्जी ऐप के जरीए लोगों को ठगा करते थे. अभिषेक जैन ने एक ऐप बना रखा था, जिस से वह व उस का साथी लोगों से पैसे जमा करते थे. ये दोनों भोलेभाले लोगों को फंसाने के लिए तय अवधि में जमा कराई गई राशि को दोगुना करने का लालच दिया करते थे. दोनों जालसाजों ने मिल कर तेलंगाना राज्य में कई लोगों को ठगा और उन के करोड़ों रुपए ले कर चलते बने. उस के बाद इन के खिलाफ साइबर सैल में रिपोर्ट दर्ज कराई गई.
आज डिजिटल युग में हर किसी के पास स्मार्ट फोन आ गया है. लोग अधिकतर काम स्मार्ट फोन से कर रहे हैं. जब से कोरोना महामारी फैली तब से हर काम औनलाइन होने से डिजिटल होना लोगों की जरूरत बन गई. आज डिजिटल ऐप्लिकेशन के जरीए ही लोग हजारोंलाखों की ट्रांजैक्शन कर रहे हैं. इस में गूगल पे, फोन पे, भारत पे जैसे ऐप्लिकेशन हैं.
This story is from the November Second 2022 edition of Grihshobha - Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the November Second 2022 edition of Grihshobha - Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी
इस ढकोसलेबाजी को क्यों बंद किया जाए कि जिम जाना या वजन उठाना महिलाओं का काम नहीं.....
लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर
फोटोग्राफी के क्षेत्र में पहले केवल पुरुषों का अधिकार था, लेकिन अब इस क्षेत्र में लड़कियां भी बाजी मारने लगी हैं....
समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स
शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और खुशहाल रहने के लिए बौडी डिटोक्स के साथ डिजिटल डिटौक्स भी जरूरी है....
पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं
मासिकधर्म के दौरान क्या खाना सही रहता है और क्या गलत, यहां जानिए...
पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस
जरूरत से ज्यादा रोकटोक रिश्ते की मजबूती को बिगाड़ सकती है. ऐसे में क्या करें कि ताउम्र खुशहाल रहें....
औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी
औफिस में पहला दिन है, जानें कुछ जरूरी बातें....
क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर
क्या आप का बच्चा जिद्दी है, बातबात पर तोड़फोड़ करता है और खुद को नुकसान पहुंचा लेता है, तो जानिए वजह और निदान....
जब मन हो मंचिंग का
फ़ूड रेसिपीज
सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी
अगर आप भी सस्ते के चक्कर में खरीदारी करने का शौक रखते हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है....
डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता
पिस्ता सिर्फ एक गार्निश नहीं, एक न्यूट्रिशन पावरहाउस है....