
देश की आजादी की जंग का गवाह लालकिला मुगलकालीन वास्तुकला, सृजनात्मकता और सौंदर्य का अनुपम और अनूठा उदाहरण है. मुगल शासक शाहजहां ने 11 वर्ष तक आगरा यानी अकबराबाद से शासन करने के बाद तय किया कि राजधानी को दिल्ली लाया जाए, उसी ने दिल्ली में लालकिले की नींव रखवाई. शाहजहां यानी 5वां मुगल शहंशाह अपनी न्यायप्रियता और वैभवविलास के कारण अपने समय में बहुत लोकप्रिय रहा. 1639 में मुगल सम्राट शाहजहां ने दुनिया के इस सब से खूबसूरत और भव्य किले का निर्माण शुरू करवाया था.
इतालवी इतिहासकार निकोलाओ मनूची लिखते हैं, "राजपाट से अपना ध्यान बंटाने के लिए शाहजहां संगीत और नृत्य का सहारा लिया करता था. विभिन्न संगीत वाद्य और शेरोशायरी सुनना उन की आदत थी. वे खुद भी अच्छाखासा गा लेता था. उन के साथ गाने और नाचने वाली लड़कियों का एक समूह हमेशा चलता था."
आगरे में बहुत भीड़ हो गई थी और शाहजहां के लिए वहां काम करना मुश्किल हो रहा था. जबकि 'दिल्ली सैंटर औफ ट्रेड' था इसलिए उस ने अपनी राजधानी दिल्ली को बनाने का फैसला लिया और इसे शाहजानाबाद नाम दिया. 16 अप्रैल, 1648 यानी करीब 9 साल में लालकिला बन कर तैयार हुआ. उस ने लालकिले को 'मुबारक ए किला' नाम दिया था. करीब डेढ़ किलोमीटर की परिधि में फैले भारत के इस भव्य ऐतिहासिक स्मारक के चारों तरफ करीब 30 मीटर ऊंची पत्थर की दीवार बनी हुई है जिस में मुगलकालीन वास्तुकला का इस्तेमाल कर बेहद सुंदर नक्काशी की गई है.
अनमोल धरोहर
शाहजहां के दरबार के उस्ताद हामिद और उस्ताद अहमद ने लालकिले का निर्माण किया था. कहा जाता है कि जब यह किला बनाया जा रहा था तो शाहजहां बहुत जल्दी में था क्योंकि यमुना के किनारे किला बन रहा था, जबकि दोनों उस्ताद चाहते थे कि नींव पहले सूख जाए फिर आगे काम करेंगे. मगर शाहजहां मान नहीं रहा था. तब ये दोनों एकदम से गायब हो गए थे. उस वक्त शाहजहां ने 6 महीने इंतजार किया और फिर इन के ऊपर ईनाम रखवा दिया.
तब दोनों एकदम से सामने आ गए और शाहजहां को बताया कि वे इसलिए गए थे ताकि नींव सूखने के लिए कुछ समय मिल जाए. जब नींव चैक की तो पाया गया कि सचमुच इतने समय में लगातार यमुना का पानी मिलने के कारण नींव बहुत मजबूत हो गई थी.
Diese Geschichte stammt aus der April Second 2023-Ausgabe von Grihshobha - Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der April Second 2023-Ausgabe von Grihshobha - Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden

बालकनी सजाने के सिंपल ट्रिक्स
घर की बालकनी को मिनिमलिस्ट लुक किस तरह दें, यहां जानिए...

जब बच्चा करने लगे हैड बैंगिग
बच्चे के सिर पटकने को कभी हलके में न लें, जानें वजह और ऐक्सपर्ट की राय...

होममेकर क्यों है बैस्ट जौब
घर में रहते हुए भी आप मानसिक शांति और संतुष्टि के लिए बहुत कुछ कर सकती हैं...

कपल कुकिंग रोमांस भी फन भी
अब वाइफ को किचन से बांध कर रखना बेमानी है. पतिपत्नी जिस तरह अपना काम संभालते हैं वैसे ही उन्हें मिल कर किचन भी संभालनी होगी....

कार नहीं है फिर भी सीखें ड्राइविंग
लड़कियों के लिए ड्राइविंग स्किल क्यों जरूरी है, जरूर जानिए...

9 फायदे लेजर हेयर रिडक्शन के
लेजर हेयर रिमूवल के ये टिप्स बड़े काम के साबित होंगे...

वादा रहा प्यार से प्यार का
इधर किसी वजह से शिखर की अपनी गर्लफ्रेंड से सगाई टूट गई और उधर आर्या का अपने बोयफ्रैंड से ब्रेकअप हो गया. दोनों अजीब कशमकश में थे कि तभी एक दिन एक घटना घट गई....

गृहशोभा निटिंग कंपीटिशन 2025 के परिणाम
स्कर्ट टौप विद श्रग

यंग कपल्स के लिए जरूरी साइबर पेरैंटिंग
बच्चों को डिजिटल दुनिया में सुरक्षित नेविगेट करने के लिए साइबर पेरेंटिंग बेहद जरूरी है...

सैक्स लाइफ ऐसे करें ऐंजौय
दांपत्य जीवन को लंबे समय तक तरोताजा रखना चाहते हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है...