बिग एम बिग इनकम बिग लाइफ
Grihshobha - Hindi|January First 2024
लग्जरी से भरपूर लाइफ का आनंद लेना चाहती हैं, तो नए साल में कैरियर प्लानिंग करनी होगी कुछ ऐसे...
प्रियंका यादव
बिग एम बिग इनकम बिग लाइफ

24 की उम्र में अच्छा सैलरी पैकेज पाना हर किसी की चाहत होती है. लेकिन बिस्तर पर पड़ेपड़े तो अच्छा पैकेज मिलेगा नहीं. अच्छा पैकेज तो छोड़िए जनाब आप को एक अच्छी नौकरी भी नहीं मिलेगी. इसलिए बिस्तर को छोड़ कर अपने लक्ष्य की ओर दौड़िए, तभी आप बिग ब्रैंड्स की बिग लाइफ जी पाएंगे.

इस के उलट अगर आप अपने आलस के कारण बिस्तर पर ही पड़े रहेंगे तो आप कभी लग्जरी लाइफ नहीं जी पाएंगे. आप अपने दोस्तों को ऐसी लाइफ जीते देख कर अपने सिर के बाल नोचेंगे और अपने आप को कोसेंगे कि काश मैं ने मेहनत कर ली होती. इस से पहले कि आप अपने किए पर पछताएं हम आप को समय रहते मेहनत करने की सलाह देते हैं. अगर आप ने अपने सपनों के लिए मेहनत की तो न सिर्फ आप अपने सपनों को पूरा कर पाएंगे बल्कि आप वह सब भी खरीद पाएंगे जिस की चाह आप को हमेशा से थी.

अगर आप मेहनत कर रहे हैं तो सफलता आप के कदम जरूर चूमेगी. इस बात की गवाह मधुरिमा चतुर्वेदी है. मधुरिमा 36 साल की है. वह पेशे से डाटाऐनालिस्ट है. वह गाजियाबाद की इंदिरापुरम सोसाइटी में रहती है. आज मधुरिमा के पास अपने खुद के पैसों के 2 घर हैं. अपने ही पैसों से उस ने मर्सडीज भी ले ली है. वह जानती है कि पैसे कैसे कमाए जाते हैं इसलिए उस ने स्टौक मार्केट में भी इनवैस्ट किया है.

मेहनत तो करनी पड़ेगी

ऐसा नहीं है कि मधुरिमा हमेशा से ही अमीर रही है. उस ने बचपन में बहुत स्ट्रगल किया है. बचपन में ही मधुरिमा के पिता की कैंसर से डैथ हो गई थी. मां ने छोटीमोटी नौकरी कर के किसी तरह मधुरिमा को पाला. सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली मधुरिमा पढ़ाई में बहुत होशियार थी. वह अच्छी तरह जानती थी कि अगर अपने बदलने हैं तो मेहनत तो करनी ही होगी.

मधुरिमा ने अपने पूरे दिन का टाइम टेबल बनाया हुआ था. 10वीं क्लास से ही उस ने अपनी कैरियर प्लानिंग शुरू कर दी थी. वह जानती थी कि अपना भविष्य अच्छा बनाने के लिए अपने कैरियर पर फोकस करना होगा.

12वीं कक्षा पास करते ही मधुरिमा ने इंटर्नशिप स्टार्ट कर दी. सोसाइटी वाले उस के बारे में तरहतरह की बातें करने लगे. लेकिन वह नहीं रुकी. उस ने अपने सपनों की उड़ान जारी रखी और आज एक अच्छी पोस्ट पर है. इसी के जरीए उस ने अपनी लाइफ को बदला.

सपनों का साथ नहीं छोड़ा

This story is from the January First 2024 edition of Grihshobha - Hindi.

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