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असमी आशंकाएं तो एकदम अलग
विभाजन के समय से समस्या झेल रहे असम में अपनी संस्कृति, पहचान, भाषा को लेकर हर धर्म के बहिरागतों का विरोध, वहां हिंदू-मुस्लिम एजेंडा नहीं
एनआरसी नही, बेरोजगार रजिस्टर की जरुरत
सरकार बार-बार बंटवारे की गलतियां दुरुस्त करने की बात कर उसके जख्मों को कुरेदकर ताजा कर रही है
अब झारखंड की राह पर सियासत
फिजा बदली तो उम्मीद बढ़ी कि एकजुट महागठबंधन यहां भी पड़ेगा भारी, बढ़ सकता है एनडीए में अलगाव
घाटी लद्दाख, जम्मू में बढ़ीं आशंकाएं
जम्मू - कश्मीर के मुस्लिम बहुल जिलों को मिलाकर दो डिवीजन बनाने की चर्चा की नई सुगबुगाहट
गांव बदहाल मंदी बेलगाम
जीडीपी और निजी खपत में लगभग आधा योगदान करने वाली ग्रामीण अर्थव्यवस्था की अनदेखी से बिगड़े हालात
क्या आप चुस्त दुरुस्त हैं?
सवाल तो सीधा-सा है लेकिन जवाब देना क्या वाकई आसान है? सेहत का अंदाजा तो कुछेक टेस्ट एक्सरे, ईसीजी और ब्लड टेस्ट से भी लगा सकते हैं। फिर, कुछ अंदाजा इससे भी मिल सकता है कि आप क्या खाते हैं कितनी देर सोते हैं, खुद को फिट रखने के लिए क्या या कितना व्यायाम करते हैं ।
कांग्रेस का कायाकल्प
पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने प्रदेश में लगभग वैसी ही भूमिका निभाई, जैसी महाराष्ट्र में शरद पवार ने
उन्नाव में बर्बर अंधेरगर्दी
गैंगरेप पीड़िता को जलाने की घटना से भाजपा की आदित्यनाथ सरकार की कानून - व्यवस्था के दावों की पोल खुली , विपक्ष हुआ हमलावर
आवाज का असर तो हुआ
एक स्वर में मुक्त व्यापार समझौते के खतरों पर आवाज उठी तो सरकार आरसीईपी से बाहर आई
आगे बढ़ने का वक्त
अदालत के फैसले के बाद क्या यह मान लिया जाए कि अयोध्या राजनीति खत्म हुई या फिर राजनेतिक फायदे के लिए नए भावनात्मक और धार्मिक मुद्दों की तलाश शुरू हो जाएगी?
अयोध्या राजनीति का अंत या...
अदालत ने अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाकर ध्रुवीकरण की राजनीति को खत्म करने की राह दिखाई लेकिन क्या ऐसा होगा?
'स्थिर सरकार को ही मिलेगा जनादेश'
आपकी पहली सरकार है जिसने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। इस दौरान सरकार लोगो के जीवन में क्या बदलाव ला पाई ?
खुली हर गांठ
आजसू का साथ छूटने से बैकफुट पर सत्तारूढ़ भाजपा, विपक्षी कांग्रेस, झामुमो और राजद गठजोड़ में भी बगावत के स्वर
पांसा पलटने के दांव
शिवसेना, राकांपा, कांग्रेस को पर्याप्त समय न देकर राष्ट्रपति शासन लगाने पर उठे सवाल
भाजपा के विस्तार से डरे सहयोगी
हालिया चुनावों के नतीजों ने भाजपा के सहयोगी दलों को मोदी-शाह से मोल-भाव करने का मौका दिया
विहिप के ऐलान से हो गईं बेमानी
28 अक्टूबर 1992 को हिंदुत्व संगठनों के ऐलान से आम सहमति बनाने की कोशिशों को लगा बड़ा झटका
संतुलित समीक्षा जरूरी
कई पेचीदगियों के बावजूद अयोध्या फैसले के असर को देखकर विश्लेषण करने की दरकार
हर बार राष्ट्रवाद नहीं चलने वाला
इंटरव्यू: भूपेश बघेल
हैरान करने वाला फैसला
अगर कोर्ट ने विवादित स्थल पर अस्पताल या अयोध्या की बहु-सांस्कृतिक पहचान दिखाने के लिए भव्य संग्रहालय बनाने का आदेश दिया होता तो वह अनुच्छेद-142 का बेहतर इस्तेमाल होता