सूक्ष्मग्रही होना !
Rishimukh Hindi|March 2020
बीज वृक्ष बनता है और वृक्ष फिर एक बीज बनता है। इस प्रकार बीज को पुन: बीज बनने में ही संपूर्णता की अनुभूति होती है।
सूक्ष्मग्रही होना !

जब तक कि बीज वृक्ष नहीं बनता और इस

वृक्ष पर फल नहीं आते, बीज पूर्ण नहीं होता

और यह चक्र पूरा नहीं होता। ‘एक बीज

से एक बीज तक' की यह संपूर्ण यात्रा है।

यह एक से शुरू होती है और अनेक बीजों

में परिवर्तित हो जाती है। इसी प्रकार मानव

जीवन को भी संपूर्णता की अनुभूति तभी

होती है, जब इसे 'स्व' की विशाल प्रकृति

Bu hikaye Rishimukh Hindi dergisinin March 2020 sayısından alınmıştır.

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देवी की अनंत ज्योति
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देवी की अनंत ज्योति

धर्मशाला से करीब ५० किलोमीटर दूर हिमाचल के शिवालिक की गोद में ज्वाला जीष्कांगड़ा जगह उपस्थित है। ज्वाला जी या ज्वालामुखी ऐसे ही अनूठे स्थानों में से एक हैं, जहां आग की लपटें जलती हुई रहती है , कहा से यह ज्ञात नहीं है जिस समय से यह जाना जाता है । नौ लपटें जवरात्रिके नौ देवी के रूप को दर्शाती हैं। ये लपटें सदियों से जल रही हैं, बिना रोके एवम बिना किसी ईधन के -देवी की शाश्वत ज्वाला।

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October 2020
अन्नपूर्णा पूर्णता से पूर्णता की ओर
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अन्नपूर्णा पूर्णता से पूर्णता की ओर

एक बार कैलाश पर्वत पर पार्वती जी ने शिवजी को पासों का खेल खेलने के लिए आमंत्रित किया। जैसे एक पिता अपने बच्चे को खुश करने के लिए उसके साथ खेलता है, शिवजी मुस्कुराए और तैयार हो गए।

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October 2020
क्या आप जानते है
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क्या आप जानते है

क्या आप जानते है

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October 2020
जब देवी ने अनंत का अनावरण किया
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जब देवी ने अनंत का अनावरण किया

जब देवी ने अनंत का अनावरण किया

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October 2020
नवरात्रि-अपने भीतर जाने के लिये ९-दिवसीय यात्रा
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नवरात्रि-अपने भीतर जाने के लिये ९-दिवसीय यात्रा

नवरात्रि हमारी आत्मा को उन्नत करने के लिये मनाये जाते हैं। यह हमारी आत्मा ही है, जो सभी नकारात्मक गुणों (जड़ता, अभिमान, जुनून, राग, द्वेष आदि) को नष्ट कर सकती है। नवरात्रि के दौरान भीतर की ओर मुड़कर और आत्मा से जुड़कर, हम इन नकारात्मक प्रवृत्तियों को दूर कर सकते हैं और हमारे भीतर मौजूद सकारात्मक गुणों का आह्वान कर सकते हैं । इस प्रकार, हम उन्नत और पांतरित अनुभव कर सकते हैं।

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October 2020
भगवद् गीता-दिव्य गान
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भगवद् गीता-दिव्य गान

ब्रह्मांड चेतना की एक शानदार अभिव्यक्ति है। यहां जो कुछ भी आप देख रहे हैं, वह और कुछ नहीं है, बल्कि चेतना की अपनी संपूर्ण कांति के साथ अभिव्यक्ति है। अपनेपन का बोध, जिस की अनुभूति हर वस्तु और हर जीव को होती है, कुछ और नहीं बल्कि उस ‘संपूर्ण' का एक भाग है। गीता इसी से शुरू होती है ...

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October 2020
व्रत का विज्ञान
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व्रत का विज्ञान

लोग व्रत क्यों रखते हैं? इसे धर्म में क्यों रखा गया है क्या यह तप है या क्या इसके कुछ लाभ हैं ?

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October 2020
कोविड 19 से बचाव के लिए रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं
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कोविड 19 से बचाव के लिए रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं

योग को, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के प्रभावी एवं प्राकृतिक तरीके के रूप में जान जाता है। एक व्यवहारिक चिकित्सा जर्नल के हाल ही में प्रकाशित शोध पत्र में बताया गया कि योग आपकी रोग प्रतिरोधक प्रणाली को बढ़ाने और शरीर में प्रदाह को कम करने में सहायक हो सकता है।

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September 2020
ऑनलाइन शिक्षा में अभिभावकों की भूमिका
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ऑनलाइन शिक्षा में अभिभावकों की भूमिका

मातापिता अपने बच्चों की शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। माना जाता है कि अभिभावकविद्यालय की साझेदारी का इस महामारी के समय में बहुत महत्व है।

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September 2020
अध्यापन और प्रशिक्षण के रहस्य
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अध्यापन और प्रशिक्षण के रहस्य

दुनिया शिक्षकों से भरी है। सृष्टि का हर पहलू हमें कुछ सिखा सकता है। हमें बस अच्छे छात्र बनना है।

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September 2020