इन दिनों लोगों में विविध प्रकार के अपेक्षाकृत पौष्टिक तथा प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों को खाने की आवश्यकता को लेकर जागरूकता बढ़ रही है। महामारी के दौरान इस रुझान को एक नई गति मिली जिसने गैर-पारंपरिक फलों और सब्जियों की खपत और बढ़ा दी है जिससे इन चीजों के आयात और घरेलू उत्पादन दोनों में वृद्धि हुई है।
इन वस्तुओं का आयात केवल एक वर्ष में लगभग दोगुना हो गया है और यह 2020 के लगभग 360,000 टन से 2021 में रिकॉर्ड 721,000 टन तक पहुंच गया। इस वक्त घरेलू उत्पादन में सालाना 10 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी का अनुमान है। भारत में अब उगाए और उपभोग किए जा रहे विदेशी पौधों की सूची काफी लंबी हो रही है।
उनमें से सबसे सामान्य एवोकैडो, कीवी और ड्रैगन फ्रूट जैसे फल, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, तोरी, शतावरी, रंगीन गोभी, शिमला मिर्च, बेबी कॉर्न और चेरी टमाटर जैसी सब्जियां और सलाद में ब्रोकली, अजवाइन और पार्सले है। फूजी सेब, लाल अंगूर, विभिन्न प्रकार के बेर और मंदारिन संतरे, पोमेलो (एक प्रकार का अंगूर) और कुछ अन्य दुर्लभ फल और सब्जियां भी बड़ी मात्रा में आयात की जाती हैं।
महानगरों में लक्जरी होटल, रेस्तरां या सुपर मार्केट में अक्सर आने वालों को छोड़कर अधिकांश भारतीय हाल तक इनमें से कई चीजों से अपरिचित थे। अब ये टियर-2 और टियर-3 शहरों में फल और सब्जी की दुकानों में आसानी से उपलब्ध हैं। इनके अलावा भी कुछ अनूठे खाद्य पदार्थ हैं जो पारंपरिक रूप से जंगल से एकत्र किए जाते हैं और इनका उपभोग मुख्य रूप से स्थानीय लोगों द्वारा किया जाता है, लेकिन अब उद्यमी किसान इसे व्यावसायिक स्तर पर उगाते हैं।
Bu hikaye Modern Kheti - Hindi dergisinin 15th December 2022 sayısından alınmıştır.
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कपास विज्ञानी - डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव
डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव एक उजबेक विज्ञानी हैं जिनको 2013 के इंटरनेशनल कॉटन एडवाईजरी कमेटी रिसर्चर के तौर पर जाना जाता है। डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव कोलाबोरेटर प्रोजैञ्चट डायरेञ्चटर हैं।
बिहार का सॉफ्टवेयर इंजीनियर कर रहा ड्रैगन फ्रूट की खेती
आज के अधिकांश युवा पीढ़ी के किसान अपनी पारंपरिक खेती से दूर हो रहे हैं। उसी में कुछ ऐसे किसान हैं जो स्टार्टअप के रूप में अत्याधुनिक खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं।
अब मशीनें पकड़ेंगी दूध में यूरिया की मिलावट
भारत में टैक्नोलॉजी को तेजी से बढ़ाया जा रहा है जिससे आम जनता को काफी फायदा मिल रहा है। अब ज्यादा दिनों तक दूध में यूरिया की मिलावट करने वाली कंपनियां लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं कर पाएंगी। मिलावटी दूध में यूरिया का पता तरबूज के बीज से लगाने के लिए बायो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ढञ्ज-का ने बना लिया है।
मिट्टी जांच के लिए आईआईटी कानपूर ने बनाई मशीन
आईआईटी कानपुर ने मिट्टी की जांच के लिए एक डिवाइस विकसित किया है, जो 90 सैकेंड में मिट्टी के 12 पोषक तत्वों की जांच कर सकता है। यह उपकरण किसानों को उनकी मिट्टी की गुणवत्ता के बारे में तुरंत जानकारी प्रदान करेगा, जिससे वे अपनी फसलों को उचित पोषण दे सकते हैं।
हजार साल पुराना बीज भी हुआ अंकुरित
कृषि वैज्ञानिकों, वनस्पति विज्ञानियों और इतिहासकारों के एक अंतराष्ट्रीय दल को हजार साल पुराने बीज को उगाने में सफलता मिली है। इस बीज से फूटा अंकुर अब एक परिपक्व पेड़ में तब्दील हो चुका है। गौरतलब है कि यह बीज इजरायल की एक गुफा में पाया गया था।
दो अरब लोगों को नहीं मिल रहा पोषक तत्व
विश्व खाद्य दिवस हर साल 16 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक-भूख और खाद्य असुरक्षा की ओर ध्यान आकर्षित करता है। यह दिन भोजन की कमी और कुपोषण से जूझ रहे लाखों लोगों की दुर्दशा की ओर दुनिया भर का ध्यान आकर्षित करने का भी है, टिकाऊ कृषि, समान खाद्य वितरण और पौष्टिक भोजन तक सभी की पहुंच परम आवश्यक है।
क्या जीएम फसलें लाभकारी हैं?
जेनेटिकली मोडीफाईड फसलें (जीएम) एक बड़े विवाद का विषय रही हैं। हाल ही में मैक्सिको की सरकार ने अपनी सबसे महत्वपूर्ण फसल मक्का को जीएम से बचाने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है।
रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसानों को बड़ी राहत
केंद्र सरकार ने प्रमुख रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। यह बढ़ोतरी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए सभी रबी फसलों के लिए की गई। है।
फल, सब्जियों में उपयोग होने वाली नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की वैज्ञानिक विधि
फल, सब्जियों की अच्छी पैदावार के लिए नीम तुलसी कीटनाशक काफी लाभदायक साबित होती है। इस कीटनाशक को बनाने के लिए किसानों को अधिक मेहनत करने की जरुरत नहीं है। इसके लिए आज हम आसान वैज्ञानिक विधि लेकर आए हैं, यहां जानें नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की पूरी विधि -
उत्तर प्रदेश को FDI लाने में करेगा मदद IFC; कृषि, सोलर और इन्फ्रा क्षेत्रों का होगा विकास
अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र, सौर ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आर्थिक सहयोग करेगी। इसके अलावा आईएफसी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने में भी मदद करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश सरकार और अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) के बीच हुई बैठक में प्रदेश में बुनियादी ढांचे, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) और कृषि क्षेत्र में निवेश पर विस्तृत चर्चा की गई।