भारत में कृषि क्षेत्र के मुद्दों को देखते हुए, यह अनिवार्य है कि हमें बढ़ती जनसंख्या को खिलाने के लिए वैज्ञानिक नवाचार की आवश्यकता है। नए सामान्य की ओर अपना रास्ता खोजने के लिए निरंतरता और परिवर्तन का सबसे अच्छा मिश्रण प्राप्त करना चुनौती है। यह कृषि के नए युग यानी उत्तर-आधुनिक कृषि की आवश्यकता है।
उत्तर-आधुनिक कृषि : कृषि के लिए उत्तर आधुनिक दृष्टिकोण स्थिरता यानी सतत कृषि (एसए) पर आधारित है। यह सबसे आधुनिक तकनीक का उपयोग करता है और आधुनिक प्रबंधन पद्धतियों को एकीकृत करता है, यह उच्च आर्थिक मूल्य के कृषि उत्पादों के उत्पादन में भी शामिल है। उत्तर-आधुनिक कृषि के प्रकार और तकनीक का दायरा काफी विस्तृत है। कृषि उत्पादों का चुनाव, पालनपोषण के तरीकों में सुधार, स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए विचार और उपज का विपणन सभी इस दायरे में हैं। उत्तर आधुनिक कृषि को वैज्ञानिक रूप से प्रेरित करने की आवश्यकता है। बायोटैक्नोलॉजी, नैनोटैक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रिमोट सेंसिंग, कम्युनिकेशन टैक्नोलॉजी और इस तरह के सीमांत विषयों से संसाधनदक्षता को बढ़ावा मिलेगा। कृषि परिदृश्य और वाटरशेड के स्तर पर प्रबंधन तेजी से प्रासंगिक होगा। अपने आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक आयामों के साथ कृषि का बहुआयामी चरित्र पहले से ही केंद्र में आ रहा है।
कृषि के लिए उत्तर आधुनिक दृष्टिकोण की आवश्यकता :
हरित क्रांति के नकारात्मक परिणाम : आधुनिक कृषि, विज्ञान आधारित प्रौद्योगिकियों पर आधारित और हरित क्रांति के प्रतीक के रूप में, अब दोधारी तलवार के रूप में देखी जाती है। खाद्यान्न उत्पादन को तिगुना करने में, कृषि रसायनों के बढ़ते उपयोग और जीवाश्म ईंधन ऊर्जा पर बढ़ती निर्भरता के साथ, भारत में नाइट्रोजन युक्त उर्वरक का उपयोग 10 गुना बढ़ गया। देश में 18% ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कृषि से होता है। तेजी से घटते भूजल जलभृतों और 35% भूमि क्षरण से त्रस्त, हमारी मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा एशिया में सबसे कम है। गेहूँ और चावल की एकल कृषि पारंपरिक कृषि प्रणालियों की विविधता को विस्थापित कर रही है। जैविक और अजैविक तनावों के प्रति भेद्यता को बढ़ाते हुए आनुवंशिक समरूपता पोषण के लिए हानिकारक रही है।
Bu hikaye Modern Kheti - Hindi dergisinin 1st March 2023 sayısından alınmıştır.
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कपास विज्ञानी - डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव
डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव एक उजबेक विज्ञानी हैं जिनको 2013 के इंटरनेशनल कॉटन एडवाईजरी कमेटी रिसर्चर के तौर पर जाना जाता है। डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव कोलाबोरेटर प्रोजैञ्चट डायरेञ्चटर हैं।
बिहार का सॉफ्टवेयर इंजीनियर कर रहा ड्रैगन फ्रूट की खेती
आज के अधिकांश युवा पीढ़ी के किसान अपनी पारंपरिक खेती से दूर हो रहे हैं। उसी में कुछ ऐसे किसान हैं जो स्टार्टअप के रूप में अत्याधुनिक खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं।
अब मशीनें पकड़ेंगी दूध में यूरिया की मिलावट
भारत में टैक्नोलॉजी को तेजी से बढ़ाया जा रहा है जिससे आम जनता को काफी फायदा मिल रहा है। अब ज्यादा दिनों तक दूध में यूरिया की मिलावट करने वाली कंपनियां लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं कर पाएंगी। मिलावटी दूध में यूरिया का पता तरबूज के बीज से लगाने के लिए बायो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ढञ्ज-का ने बना लिया है।
मिट्टी जांच के लिए आईआईटी कानपूर ने बनाई मशीन
आईआईटी कानपुर ने मिट्टी की जांच के लिए एक डिवाइस विकसित किया है, जो 90 सैकेंड में मिट्टी के 12 पोषक तत्वों की जांच कर सकता है। यह उपकरण किसानों को उनकी मिट्टी की गुणवत्ता के बारे में तुरंत जानकारी प्रदान करेगा, जिससे वे अपनी फसलों को उचित पोषण दे सकते हैं।
हजार साल पुराना बीज भी हुआ अंकुरित
कृषि वैज्ञानिकों, वनस्पति विज्ञानियों और इतिहासकारों के एक अंतराष्ट्रीय दल को हजार साल पुराने बीज को उगाने में सफलता मिली है। इस बीज से फूटा अंकुर अब एक परिपक्व पेड़ में तब्दील हो चुका है। गौरतलब है कि यह बीज इजरायल की एक गुफा में पाया गया था।
दो अरब लोगों को नहीं मिल रहा पोषक तत्व
विश्व खाद्य दिवस हर साल 16 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक-भूख और खाद्य असुरक्षा की ओर ध्यान आकर्षित करता है। यह दिन भोजन की कमी और कुपोषण से जूझ रहे लाखों लोगों की दुर्दशा की ओर दुनिया भर का ध्यान आकर्षित करने का भी है, टिकाऊ कृषि, समान खाद्य वितरण और पौष्टिक भोजन तक सभी की पहुंच परम आवश्यक है।
क्या जीएम फसलें लाभकारी हैं?
जेनेटिकली मोडीफाईड फसलें (जीएम) एक बड़े विवाद का विषय रही हैं। हाल ही में मैक्सिको की सरकार ने अपनी सबसे महत्वपूर्ण फसल मक्का को जीएम से बचाने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है।
रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसानों को बड़ी राहत
केंद्र सरकार ने प्रमुख रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। यह बढ़ोतरी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए सभी रबी फसलों के लिए की गई। है।
फल, सब्जियों में उपयोग होने वाली नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की वैज्ञानिक विधि
फल, सब्जियों की अच्छी पैदावार के लिए नीम तुलसी कीटनाशक काफी लाभदायक साबित होती है। इस कीटनाशक को बनाने के लिए किसानों को अधिक मेहनत करने की जरुरत नहीं है। इसके लिए आज हम आसान वैज्ञानिक विधि लेकर आए हैं, यहां जानें नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की पूरी विधि -
उत्तर प्रदेश को FDI लाने में करेगा मदद IFC; कृषि, सोलर और इन्फ्रा क्षेत्रों का होगा विकास
अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र, सौर ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आर्थिक सहयोग करेगी। इसके अलावा आईएफसी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने में भी मदद करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश सरकार और अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) के बीच हुई बैठक में प्रदेश में बुनियादी ढांचे, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) और कृषि क्षेत्र में निवेश पर विस्तृत चर्चा की गई।