
वहीं पिछले कुछ दशकों में, यह स्पष्ट हो गया है कि जलवायु परिवर्तन और इसके परिणामस्वरूप चरम मौसम की घटनाएं, फसल की पैदावार पर कहर बरपा सकती हैं। विकसित और विकासशील देशों के बीच कृषि में बड़ी असमानता है।
एक नए अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने फसल की पैदावार पर जलवायु परिवर्तन के छोटी तथा लंबी अवधि में पड़ने वाले प्रभावों को समझने के लिए भारत में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों की पड़ताल की है।
कृषि और उपभोक्ता अर्थशास्त्र के प्रोफैसर मधु खन्ना ने कहा, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को मापने वाले अधिकांश अध्ययन साल-दर-साल बदलावों को देख रहे हैं, जो मौसम में बदलाव से संबंधित हैं। हमने 60 वर्षों के आंकड़ों का उपयोग यह जांचने के लिए किया कि लंबी अवधि के औसत से मौसम में बदलाव तीन प्रमुख फसलों - चावल, मक्का और गेहूं की पैदावार को किस तरह प्रभावित करता है।
मौसम में बदलाव कुछ समय के लिए होता है, जैसे गर्म दिन के बाद अचानक गरज के साथ बौछारें पड़ना। हालांकि, इस तरह की विविधताएं लंबे समय में अलग-अलग हो सकती हैं, जो जलवायु परिवर्तन की पहचान हैं।
Bu hikaye Modern Kheti - Hindi dergisinin 15th May 2023 sayısından alınmıştır.
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कृषि में डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त करने वाली 'मिलेट क्वीन' - रायमती घुरिया
ओडिशा के कोरापुट जिले की 36 वर्षीय आदिवासी महिला किसान रायमती घुरिया को कृषि क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है।

फसलों में सूक्ष्म पोषक तत्वों का महत्व
बढ़ती हुई जनसंख्या की मांग पूरी करने के लिए अधिक उत्पादन जरुरी है, प्रत्येक फसल के बाद भूमि में पोषक तत्वों की जो कमी आती है, उनकी पूर्ति करना आवश्यक है, वरना भूमि की उपजाऊ शक्ति व पैदावार में कमी आयेगी।

फलों के पेड़ लगाने की करें तैयारी
कंपनियों के झूठे प्रचार ने पंजाबियों को दूध, लस्सी और घी से दूर कर दिया है। रात को सोने से पहले एक गिलास दूध पीना पुरानी बात हो गई है।

गेहूं के प्रमुख कीटों की रोकथाम कैसे करें ?
गेहूं भारत की प्रमुख खाद्य फसल है।

"बीज व्यवसाय एवं गुणवत्ता का द्वंद्व"
कृषि उत्पाद के लिये बीज मूल्यवान एवं असरदार माणिक्य है।

नैनो यूरिया के प्रयोग के प्रति बढ़ रहे खदशे
किसानों एवं सरकार को हर वर्ष पारंपरिक दानेदार यूरिया खाद की कमी से जूझना पड़ता है। शायद ही कोई ऐसा वर्ष हो जब यूरिया की निर्विघ्न सप्लाई हुई हो।

घुइया या अरवी की खेती में कीट एवं रोगों का प्रबंधन
परिचय : अरवी की खेती उत्तरी भारत में नगदी फसल के रूप में की जाती है। इससे प्राप्त घनकंदों तथा गांठों का प्रयोग शाक की तरह करते हैं।

पौधों के प्रजनन में परागण की भूमिका
परागण किसी भी पुष्पीय पौधे के जीवन चक्र का एक महत्वपूर्ण चरण है, जिससे निषेचन और बीज निर्माण की प्रक्रिया पूरी होती है।

केरल कृषि विश्वविद्यालय ने बीज रहित तरबूज किया विकसित
केरल कृषि विश्वविद्यालय के सब्जी विज्ञान विभाग ने तरबूज की ऐसी किस्म विकसित की है, जो अपने रंग और बिना बीजों की वजह से चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल, नई किस्म के तरबूज का गुद्दा लाल की बजाये ऑरेंज कलर का है।

कृषि विविधीकरण में सूरजमुखी सहायक
सूरजमुखी विश्व की प्रमुख तिलहन फसल है, जिसका मूल स्रोत उत्तरी अमेरिका है।