परपरागण वाले कीटों को सुरक्षित करना आवश्यक
Modern Kheti - Hindi|1st June 2023
विश्व मधुमक्खी दिवस हर साल 20 मई को दुनिया भर में मनाया जाता है। मधुमक्खी पालकों के कार्यक्रम जनता को मधुमक्खियों और मधुमक्खी पालन के महत्व के बारे में शिक्षित करते हैं। इन आयोजनों में मधुमक्खियों द्वारा परागणकर्ताओं के रूप में निभाई जाने वाली भूमिकाओं पर विशेष जोर दिया जाता है, साथ ही उनके वन आवरण को बढ़ाने की अहम भूमिका को उजागर किया जाता है।
परपरागण वाले कीटों को सुरक्षित करना आवश्यक

मधुमक्खियों और अन्य परागणकों, जैसे कि तितलियों, चमगादड़ों और हमिंगबर्ड्स पर मानवीय गतिविधियों के कारण खतरा बढ़ रहा है। हालांकि, परागण हमारे पारिस्थितिक तंत्र के अस्तित्व के लिए एक मूलभूत प्रक्रिया है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक दुनिया की लगभग 90 प्रतिशत जंगली फूलों वाली पौधों की प्रजातियां, पूरी तरह से या आंशिक रूप से जीवों के परागण पर निर्भर करती हैं। 

दुनिया की 75 प्रतिशत से अधिक खाद्य फसलें और 35 प्रतिशत कृषि भूमि इनके भरोसे हैं। परागकण न केवल सीधे खाद्य सुरक्षा में योगदान करते हैं, बल्कि वे जैव विविधता के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं।

क्योंकि मधुमक्खियां खतरे में हैं, इसलिए 20 मई को लोगों को सिखाया जाता है कि जैव विविधता को बढ़ावा देने के लिए उनकी और अन्य परागणकों की रक्षा कैसे करें।

Bu hikaye Modern Kheti - Hindi dergisinin 1st June 2023 sayısından alınmıştır.

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गेहूं में सूक्ष्म पोषक तत्वों का महत्व
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गेहूं में सूक्ष्म पोषक तत्वों का महत्व

गेहूं में मुख्य पोषक तत्वों का संतुलित प्रयोग अति आवश्यक है। प्रायः किसान भाई उर्वरकों में डी.ए.पी. व यूरिया का अधिक प्रयोग करते हैं और पोटाश का बहुत कम प्रयोग करते हैं।

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15th December 2024
क्या है मनरेगा की कृषि में भागेदारी?
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क्या है मनरेगा की कृषि में भागेदारी?

ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से कमियां पूरी करें और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए संबंधित विभागों से कनवरजैंस के लिए जोर दिया जाता है। जैसे खेतीबाड़ी, बागवानी, वानिकी, जल संसाधन, सिंचाई, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, नेशनल रूरल लिवलीहुड मिशन और अन्य प्रोग्रामों के सहयोग से जो कि मनरेगा अधीन निर्माण की संपति की क्वालिटी को सुधारना और टिकाऊ बनाया जा सके।

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15th December 2024
कृषि-वानिकी और वनों व वृक्षों का धार्मिक एवं पर्यावरणीय महत्व
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कृषि-वानिकी और वनों व वृक्षों का धार्मिक एवं पर्यावरणीय महत्व

कृषि-वानिकी : कृषि वानिकी भू-उपयोग की वह पद्धति है जिसके अंतर्गत सामाजिक तथा पारिस्थितिकीय रुप से उचित वनस्पतियों के साथ-साथ कृषि फसलों या पशुओं को लगातार या क्रमबद्ध ढंग से शामिल किया जाता है। कृषि वानिकी में खेती योग्य भूमि पर फसलों के साथ-साथ वृक्षों को भी उगाया जाता है। इस प्रणाली द्वारा उत्पाद के रुप में ईंधन की लकड़ी, हरा चारा, अन्न, मौसमी फल इत्यादि आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। इस प्रणाली को अपनाने से भूमि की उपयोगिता बढ़ जाती है।

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15th December 2024
'रिचेस्ट फार्मर ऑफ इंडिया' अवार्ड प्राप्त करने वाली सफल महिला किसान-नीतुबेन पटेल
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'रिचेस्ट फार्मर ऑफ इंडिया' अवार्ड प्राप्त करने वाली सफल महिला किसान-नीतुबेन पटेल

नीतूबेन पटेल ने जैविक कृषि में उत्कृष्ट योगदान देकर \"सजीवन\" नामक फार्म की स्थापना की, जो 10,000 एकड़ में 250 जैविक उत्पाद उगाता है। उन्होंने 5,000 किसानों और महिलाओं को प्रशिक्षित कर जैविक खेती में प्रेरित किया।

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15th December 2024
स्वस्थ मानव जीवन के लिए आवश्यक है स्वस्थ मिट्टी
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स्वस्थ मानव जीवन के लिए आवश्यक है स्वस्थ मिट्टी

लगातार खेती के कारण ऊपरी मिट्टी के कटाव की दर मिट्टी के निर्माण की दर से ज्यादा हो गई है। इसके अलावा, देश गंभीर जल संकट का सामना कर रहा है, लगभग 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अति-शोषित के रुप में वर्गीकृत किया गया है।

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15th December 2024
तिल की फसल को प्रभावित करने वाले बैक्टीरिया की पहचान
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तिल की फसल को प्रभावित करने वाले बैक्टीरिया की पहचान

भारतीय वैज्ञानिकों ने तिल की फसल को प्रभावित करने वाले एक नए बैक्टीरिया की पहचान की है। आशंका है कि यह बैक्टीरिया पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में तिल के फूलों को प्रभावित करने के लिए जिम्मेदार है।

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15th December 2024
अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धी प्राप्त विज्ञानी डॉ. महिन्द्र सिंह रंधावा
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अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धी प्राप्त विज्ञानी डॉ. महिन्द्र सिंह रंधावा

डॉ. महिन्द्र सिंह रंधावा एक बहुआयामी शकसीयत के मालिक थे। डॉ. महिन्द्र सिंह रंधावा का जन्म एक जाट किसान परिवार के घर 2 फरवरी 1909 को जीरे में हुआ। उनमें बचपन से ही पढ़ने-लिखने व खेलने की दिलचस्पी थी।

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1st December 2024
हल्दी में पाई जा रही सीसे की मात्रा-चिंताजनक
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हल्दी में पाई जा रही सीसे की मात्रा-चिंताजनक

भारत में कई सदियों से हल्दी का उपयोग होता आया है। यह एक ऐसा मसाला है जो करीब-करीब सभी के घरों में उपयोग किया जाता है। इतना ही नहीं अपने अनोखे गुणों के चलते यह स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद समझी जाती है। लेकिन एक नए अध्ययन में भारत में हल्दी को लेकर जो खुलासे किए गए हैं, वे बेहद चिंताजनक हैं। भारत और अमेरिका के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक भारत के कुछ हिस्सों से लिए गए हल्दी के नमूनों में सीसे (लेड) की मात्रा तय मानकों से 200 गुणा अधिक थी।

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1st December 2024
पौधों की मृदा जनित बीमारियों को इन प्राकृतिक उपायों से करें प्रबंधित!
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पौधों की मृदा जनित बीमारियों को इन प्राकृतिक उपायों से करें प्रबंधित!

दमनकारी मिट्टी कई तंत्रों के माध्यम से काम करती है, जिसमें अक्सर मिट्टी के सूक्ष्म जीवों, कार्बनिक पदार्थों और मिट्टी के गुणों का जटिल परस्पर क्रिया शामिल होती है। सूक्ष्म जीवों की प्रतिस्पर्धा और विरोध लाभकारी सूक्ष्म जीव, जैसे कि कुछ बैक्टीरिया और कवक, पोषक तत्वों और स्थान के लिए रोगजनकों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं।

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1st December 2024
बढ़ रहे तापमान के कारण घट रही है जमीन की कार्बन सोखने की क्षमता
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बढ़ रहे तापमान के कारण घट रही है जमीन की कार्बन सोखने की क्षमता

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की मदद से किए एक नए अध्ययन से पता चलता है कि साल 2023 की भयंकर लू या हीटवेव की वजह से बड़े पैमाने पर जंगलों में आग लगने की घटनाएं हुई और भयंकर सूखा पड़ा, जिसने जमीन की वायुमंडलीय कार्बन को सोखने की क्षमता को कम कर दिया।

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1st December 2024