मसूर की समग्र सिफारिशें अपनाएं और उत्पादन बढ़ाएं
Modern Kheti - Hindi|November 01, 2023
ध्यान रखें कि पानी अधिक न होने पावे। यथा संभव स्प्रिंकलर से सिंचाई करें या खेत में स्ट्रिप बनाकर हल्की सिंचाई करना लाभकारी रहता है। अधिक सिंचाईयाँ मसूर की फसल के लिए लाभकारी नहीं रहती है। खेत में जल निकास का उत्तम प्रबन्ध होना आवश्यक रहता है।
आशा, दीक्षा प्रगति यादव एवं संदीप डागर
मसूर की समग्र सिफारिशें अपनाएं और उत्पादन बढ़ाएं

बाजार में मसूर की बढ़ती मांग को देखते हुए इसकी औसत पैदावार बढ़ाना नितांत आवश्यक है। प्रति इकाई मसूर की उपज बढ़ाने के लिए निम्न वैज्ञानिक तकनीक का अनुशरण करना चाहिए। दलहनी वर्ग में मसूर सबसे प्राचीनतम एवं महत्वपूर्ण फसल है। प्रचलित दालों में सर्वाधिक पौष्टिक होने के साथ-साथ इस दाल को खाने से पेट के विकार समाप्त हो जाते है यानि सेहत के लिए फायदेमंद है। मसूर के 100 ग्राम दाने में औसतन 25 ग्राम प्रोटीन, 1.3 ग्राम वसा, 60.8 ग्रा. कार्बोहाइड्रेट, 3.2 ग्रा. रेशा, 68 मिग्रा. कैल्शियम, 7 मिग्रा. लोहा, 0.21 मिग्रा राइबोफ्लोविन, 0.51 मिग्रा. थाइमिन तथा 4.8 मिग्रा. नियासिन पाया जाता है अर्थात मानव जीवन के लिए आवश्यक बहुत से खनिज लवण और विटामिन्स से यह परिपूर्ण दाल है। रोगियों के लिए मसूर की दाल अत्यन्त लाभप्रद मानी जाती है क्योंकि यह अत्यंत पाचक है।

जलवायु

मसूर शरद ऋतु की फसल है। जिसकी खेती रबी में की जाती है। पौधों की वृद्धि के लिए ठण्डी जलवायु परन्तु फसल पकने के समय उच्च तापक्रम की आवश्यकता होती है। मसूर की फसल वृद्धि के लिए 20 से 30 डिग्री सैंटीग्रेड तापमान उपयुक्त रहता है। जहाँ 80-100 सैंमी. तक वार्षिक वर्षा होती है, मसूर की खेती बिना सिंचाई के भी बारानी परिस्थिति (वर्षा नमी सरंक्षित) में की जाती है। अधिक वर्षा, अधिक गर्मी तथा पाला-कोहरा प्रभावित क्षेत्रों में मसूर की खेती नहीं की जाती हैं। गर्म आद्र स्थानों में इसकी उपज अच्छी नहीं आती है।

कैसी हो भूमि

मसूर की खेती के लिए हल्की दोमट तथा दोमट मिट्टी अधिक उपयुक्त रहती है। उत्तरी भारत में मैदानों की अलूवियल मिट्टी, मध्य प्रदेश में कपास की काली मिट्टी तथा दक्षिण भारत की लाल लेटेराइट मिट्टी में मसूर की खेती अच्छी प्रकार से की जा रही है। छत्तीसगढ़ की डोरसा तथा कन्हार भूमि में मसूर की खेती की जाती है। अच्छी फसल के लिए मिट्टी का पी.एच. मान 5.8-7.5 के बीच होना चाहिये।

खेत की तैयारी

Bu hikaye Modern Kheti - Hindi dergisinin November 01, 2023 sayısından alınmıştır.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

Bu hikaye Modern Kheti - Hindi dergisinin November 01, 2023 sayısından alınmıştır.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

MODERN KHETI - HINDI DERGISINDEN DAHA FAZLA HIKAYETümünü görüntüle
सब्जियों की जैविक खेती
Modern Kheti - Hindi

सब्जियों की जैविक खेती

सब्जियों की जैविक खेती हमारे देश में हरित क्रांति के अंतर्गत सिंचाई के संसाधनों के विकास, उन्नतशील किस्मों और रासायनिक उर्वरकों एवं कृषि रक्षा रसायनों के उपयोग से फसलों के उत्पादन में काफी बढ़ोतरी हुई। लेकिन समय बीतने के साथ फसलों की उत्पादकता में स्थिरता या गिरावट आने लगी है। इसका प्रमुख कारण भूमि की उर्वराशक्ति में ह्रास होना है।

time-read
7 dak  |
1st September 2024
किसानों के लिए पैसे बचाने का महत्व एवं बचत के आसान सुझाव
Modern Kheti - Hindi

किसानों के लिए पैसे बचाने का महत्व एवं बचत के आसान सुझाव

किसानों के लिए बचत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन्हें आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करती है। खेती एक जोखिम पूर्ण व्यवसाय है जिसमें मौसम, फसल की बीमारी और बाजार के उतार-चढ़ाव जैसी कई अनिश्चितताएं शामिल होती हैं।

time-read
4 dak  |
1st September 2024
उर्द व मूंग में एकीकृत रोग प्रबंधन
Modern Kheti - Hindi

उर्द व मूंग में एकीकृत रोग प्रबंधन

दलहनी फसलों में उर्द व मूंग का प्रमुख स्थान है। जायद में समय से बुवाई व सघन पद्धतियों को अपनाकर खेती करने से इन फसलों की अच्छी पैदावार प्राप्त की जा सकती है। जायद में पीला मौजेक रोग का प्रकोप भी कम होता है।

time-read
3 dak  |
1st September 2024
ढींगरी खुम्ब उत्पादन : एक लाभकारी व्यवसाय
Modern Kheti - Hindi

ढींगरी खुम्ब उत्पादन : एक लाभकारी व्यवसाय

खुम्बी एक पौष्टिक आहार है जिसमें प्रोटीन, खनिज लवण तथा विटामिन जैसे पोषक पदार्थ पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। खुम्बी में वसा की मात्रा कम होने के कारण यह हृदय रोगियों तथा कार्बोहाईड्रेट की कम मात्रा होने के कारण मधुमेह के रोगियों के लिए अच्छा आहार है। खुम्बी एक प्रकार की फफूंद होती है। इसमें क्लोरोफिल नहीं होता और इसको सीधी धूप की भी जरूरत नहीं होती बल्कि इसे बारिश और धूप से बचाकर किसी मकान या झोंपड़ी की छत के नीचे उगाया जाता है जिसमें हवा का उचित आगमन हो।

time-read
2 dak  |
1st September 2024
वित्तीय साक्षरता को उत्साहित करने में सोशल मीडिया की भूमिका
Modern Kheti - Hindi

वित्तीय साक्षरता को उत्साहित करने में सोशल मीडिया की भूमिका

आधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकी का पूरी तरह से प्रयोग करना एवं भविष्य में वित्तीय सुरक्षा को यकीनन बनाने के लिए, प्रत्येक के लिए वित्तीय साक्षरता आवश्यक है। यह यकीनन बनाने के लिए कि आपका वित्त आपके विरुद्ध काम करने की बजाये आपके लिए काम करती है, ज्ञान एवं कुशलता की एक टूलकिट्ट की जरूरत होती है।

time-read
10+ dak  |
1st September 2024
मेथी की उन्नत खेती एवं उत्पादन तकनीक
Modern Kheti - Hindi

मेथी की उन्नत खेती एवं उत्पादन तकनीक

मेथी (Fenugreek) की खेती पूरे भारत में की जाती है। इसका सब्जी में केवल पत्तियों का प्रयोग किया जा सकता है। इसके साथ ही बीजों का प्रयोग मसाले के रूप में किया जाता है।

time-read
3 dak  |
1st September 2024
जैविक खादों का प्रयोग बढ़ायें
Modern Kheti - Hindi

जैविक खादों का प्रयोग बढ़ायें

भूमि से अधिक पैदावार लेने के लिए उपजाऊ शक्ति को बनाये रखना बहुत जरूरी है। वर्ष 2025 में 30 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन के लिए लगभग 45 मिलियन टन उर्वरकों की जरूरत होगी, लेकिन एक अन्दाज के अनुसार वर्ष 2025 में 35 मिलियन टन उर्वरकों का प्रयोग किया जायेगा।

time-read
4 dak  |
1st September 2024
गेंदे की वैज्ञानिक खेती से लाभ
Modern Kheti - Hindi

गेंदे की वैज्ञानिक खेती से लाभ

गेंदा बहुत ही उपयोगी एवं आसानी से उगाया जाने वाला फूलों का पौधा है। यह मुख्य रूप से सजावटी फसल है। यह खुले फूल, माला एवं भू-दृश्य के लिए उगाया जाता है।

time-read
5 dak  |
1st September 2024
विनाशकारी खरपतवार गाजरघास की रोकथाम
Modern Kheti - Hindi

विनाशकारी खरपतवार गाजरघास की रोकथाम

अवांछित पौधे जो बिना बोये ही उग जाते हैं और लाभ की तुलना में ज्यादा हानिकारक होते हैं वो खरपतवार होते हैं। खरपतवार प्राचीन काल से ही मनुष्य के लिये समस्या बने हुये हैं, खेतों में उगने पर यह फसल की पैदावार व गुणवत्ता पर विपरीत असर डालते हैं।

time-read
6 dak  |
1st September 2024
खेती में बुलंदियों की ओर बढ़ने वाला युवक किसान - नितिन सिंह
Modern Kheti - Hindi

खेती में बुलंदियों की ओर बढ़ने वाला युवक किसान - नितिन सिंह

उत्तर प्रदेश का एग्रीकल्चर सैक्टर काफी तेजी से ग्रो कर रहा है। इस सैक्टर को लेकर सबसे खास बात यह है कि देश के युवा भी इसमें दिलचस्पी ले रहे हैं। इसी क्रम में हम आपको यूपी के सीतापुर के रहने वाले एक ऐसे युवक की कहानी बताने जा रहे हैं, जो लाखों युवा किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गए हैं।

time-read
2 dak  |
1st September 2024