सूत्रकृमि : एक खेती समस्या : भारत में कृषि अर्थव्यवसाय महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन सूत्रकृमि की समस्या ने किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती बना दी है। सूत्रकृमि की वृद्धि और जलवायु परिवर्तन के कारण इस समस्या का समाधान एक अद्वितीय तरीके से आवश्यक हो गया है। नेमाटोड या सूत्रकृमि, छोटी कीटक होती हैं जो जड़ों और पौधों में घुस जाती हैं और पोषण छीन लेती हैं। इनकी गति तेज होती है और वे खेतों में जीवन बिताने के लिए भूमि में घुस जाती हैं। सूत्रकृमि के प्रमुख प्रकार में रख दिया गया है, जैसे कि किसानों के लिए महत्वपूर्ण हैं। फसल चक्र कृषि प्रणालियों में सूत्रकृमि प्रबंधन में उपयोग किया जाने वाला एक प्रभावी और टिकाऊ पद्यति है। सूत्रकृमि सूक्ष्म गोलकृमि हैं जो पौधों के लिए फायदेमंद और हानिकारक दोनों हो सकते हैं। कुछ सूत्रकृमि पौध परजीवी हैं और फसलों को बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे पैदावार कम हो सकती है और आर्थिक नुकसान हो सकता है। फसल चक्र में समय के साथ किसी विशेष क्षेत्र में विभिन्न फसलों को व्यवस्थित तरीके से शामिल करना होता है। यह सूत्रकृमि जीवन चक्र को बाधित करने और मिट्टी में उनकी जनसंख्या घनत्व को कम करने के लिए एक अच्छी तरह से स्थापित रणनीति है।
फसल चक्र :- एक व्यापक समाधान : फसल चक्र एक तकनीक है जिसमें किसान विभिन्न प्रकार की फसलों को एक निर्धारित क्रम में लगाते हैं, ताकि सूत्रकृमि के प्रबंधन के लिए सावधानी बरत सकें। इस तकनीक का उपयोग न केवल सूत्रकृमि के प्रबंधन में मदद करता है, बल्कि फसल चक्र को भी सुरक्षित रूप से बनाता है और भूमि की स्वास्थ्य को बढ़ावा प्रदान करता है।
Bu hikaye Modern Kheti - Hindi dergisinin December 01, 2023 sayısından alınmıştır.
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मृदा में नमी की जांच और फायदे
नरेंद्र कुमार, संदीप कुमार आंतिल2, सुनील कुमार। और हरदीप कलकल 1 1 कृषि विज्ञान केंद्र सिरसा, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय 2 कृषि विज्ञान केंद्र, सोनीपत, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय
निस्तारण की व्यावहारिक योजना पर हो अमल
पराली जलाने से हुए प्रदूषण से निपटने के दावे हर साल किए जाते हैं, लेकिन आज तक इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकल सका है। यह समस्या हर साल और विकराल होती चली जा रही है।
खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए कारगर है कृषि वानिकी
जैसे-जैसे विश्व की आबादी बढ़ती जा रही है, लोगों की खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने की चुनौती भी बढ़ रही है।
बढ़ा बजट उबारेगा कृषि को संकट से
साल था 1996 चुनाव परिणाम घोषित हो चुके थे और अटल बिहारी वाजपेयी को निर्वाचित प्रधानमंत्री के रुप में घोषित किया जा चुका था।
घट नहीं रही है भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि की 'प्रधानता'
भारतीय अर्थव्यवस्था में एक विरोधाभास पैदा हो गया है। तेज आर्थिक विकास दर के फायदे कुछ लोगों तक सीमित हो गए हैं जबकि देश की आबादी का बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है।
कृषि विकास का राह सहकारिता
भारत को 2028 तक पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का इरादा है और इसमें जिन तत्वों और सैक्टर के योगदान की जरुरत पड़ेगी, उनमें एक है सहकारिता क्षेत्र।
मधुमक्खियां भी हो रही हैं प्रभावित हवा प्रदूषण से
सर्दियों का मौसम आते ही देश के कई हिस्से प्रदूषण की आगोश में समा गए हैं, खासकर देश की राजधानी दिल्ली जहां सांसों का आपातकाल लगा हुआ है।
ज्वार की रोग एवं कीट प्रतिरोधी नई किस्म विकसित
भारत श्री अन्न या मोटे अनाज का प्रमुख उत्पादक है और निर्यात के मामले में भी हमारा देश दूसरे पायदान पर है।
खरपतवारों के कारण होता है फसली नुकसान
खरपतवार प्रबंधन पर एक संयुक्त अध्ययन में खुलासा हुआ है कि हर साल भारत में फसल उत्पादन में करीब 192,202 करोड़ रुपये का नुकसान खरपतवारों के कारण होता है।
जलवायु परिवर्तन बनाम कृषि विकास...
कृषि और प्राकृतिक स्रोतों पर आधारित उद्यम न केवल भारत बल्कि ज्यादातर विकासशील देशों की आर्थिक उन्नति का आधार हैं। कृषि क्षेत्र और इसमें शामिल खेत फसल, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, पॉल्ट्री संयुक्त राष्ट्र के दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों खासकर शून्य भूखमरी, पोषण और जलवायु कार्रवाई तथा अन्य से जुड़े हुए हैं।