
इन कवकों ने न केवल अपने पोषण मूल्य के लिए बल्कि विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों का इलाज करने की अपनी क्षमता के लिए भी मान्यता प्राप्त की है और विभिन्न संस्कृतियों में पारंपरिक चिकित्सा में सदियों से इसका उपयोग किया जाता रहा है। औषधीय मशरूम, जैसे कि गैनोडर्मा ल्यूसिडम (रीशी), लेंटिनुला एडोड्स (शिटाके), हैरीसियम एरीनाशियस (लायन्स माने), कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस, हाइप्सिजगस उलमेरियस (एल्म ऑयस्टर मशरूम) आदि, अपने समृद्ध बायोएक्टिव यौगिकों के कारण मानव स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और चिकित्सीय गुण, शरीर को संक्रमण और बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। इन खाद्य कवकों में शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण होते हैं जो प्रतिरक्षा समारोह और रोग की रोकथाम में योगदान करते हैं। वे हृदय स्वास्थ्य का समर्थन करने, तनाव से निपटने और यहां तक कि कैंसर विरोधी गुणों का प्रदर्शन करने में भी बहुत सक्षम हैं। औषधीय मशरूम को मानव आहार में या पूरक के रूप में शामिल करना समग्र कल्याण को बढ़ावा देने के लिए एक प्राकृतिक और समग्र दृष्टिटकोण प्रदान कर सकता है। यह लेख औषधीय मशरूम के महत्व पर प्रकाश डालता है और इन उपचार चमत्कारों की एक सूची प्रदान करता है।
Bu hikaye Modern Kheti - Hindi dergisinin 1st February 2024 sayısından alınmıştır.
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कृषि में डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त करने वाली 'मिलेट क्वीन' - रायमती घुरिया
ओडिशा के कोरापुट जिले की 36 वर्षीय आदिवासी महिला किसान रायमती घुरिया को कृषि क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है।

फसलों में सूक्ष्म पोषक तत्वों का महत्व
बढ़ती हुई जनसंख्या की मांग पूरी करने के लिए अधिक उत्पादन जरुरी है, प्रत्येक फसल के बाद भूमि में पोषक तत्वों की जो कमी आती है, उनकी पूर्ति करना आवश्यक है, वरना भूमि की उपजाऊ शक्ति व पैदावार में कमी आयेगी।

फलों के पेड़ लगाने की करें तैयारी
कंपनियों के झूठे प्रचार ने पंजाबियों को दूध, लस्सी और घी से दूर कर दिया है। रात को सोने से पहले एक गिलास दूध पीना पुरानी बात हो गई है।

गेहूं के प्रमुख कीटों की रोकथाम कैसे करें ?
गेहूं भारत की प्रमुख खाद्य फसल है।

"बीज व्यवसाय एवं गुणवत्ता का द्वंद्व"
कृषि उत्पाद के लिये बीज मूल्यवान एवं असरदार माणिक्य है।

नैनो यूरिया के प्रयोग के प्रति बढ़ रहे खदशे
किसानों एवं सरकार को हर वर्ष पारंपरिक दानेदार यूरिया खाद की कमी से जूझना पड़ता है। शायद ही कोई ऐसा वर्ष हो जब यूरिया की निर्विघ्न सप्लाई हुई हो।

घुइया या अरवी की खेती में कीट एवं रोगों का प्रबंधन
परिचय : अरवी की खेती उत्तरी भारत में नगदी फसल के रूप में की जाती है। इससे प्राप्त घनकंदों तथा गांठों का प्रयोग शाक की तरह करते हैं।

पौधों के प्रजनन में परागण की भूमिका
परागण किसी भी पुष्पीय पौधे के जीवन चक्र का एक महत्वपूर्ण चरण है, जिससे निषेचन और बीज निर्माण की प्रक्रिया पूरी होती है।

केरल कृषि विश्वविद्यालय ने बीज रहित तरबूज किया विकसित
केरल कृषि विश्वविद्यालय के सब्जी विज्ञान विभाग ने तरबूज की ऐसी किस्म विकसित की है, जो अपने रंग और बिना बीजों की वजह से चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल, नई किस्म के तरबूज का गुद्दा लाल की बजाये ऑरेंज कलर का है।

कृषि विविधीकरण में सूरजमुखी सहायक
सूरजमुखी विश्व की प्रमुख तिलहन फसल है, जिसका मूल स्रोत उत्तरी अमेरिका है।