इस प्रकोप ने भारत के कृषि क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया, जिससे भारी आर्थिक नुकसान हुआ। अध्ययन में शोधकर्ता ने कहा कि यह कुछ मायनों में एक आपदा थी, जिसे एक राष्ट्रीय आपातकाल भी कह सकते हैं। शोधकर्ता उस टीम का हिस्सा थे जिन्होंने प्रकोप के कारण की जांच करने का निर्णय लिया। यह अध्ययन इस रोग को फैलाने वाले वायरस और उनके वेरिएंटों के विकास और उत्पत्ति में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।
अध्ययन में लम्पी स्किन डिजीज वायरस (एलएसडीवी) के कारण होने वाला एक संक्रामक संक्रमण, यह बीमारी मक्खियों और मच्छरों जैसे कीड़ों से फैलती है। यह बुखार और त्वचा पर गांठों का कारण बनता है और मवेशियों के लिए घातक हो सकता है। लम्पी त्वचा रोग पहली बार 1931 में जाम्बिया में पाया गया था और 1989 तक उप-अफ्रीकी क्षेत्र तक ही सीमित रहा, जिसके बाद दक्षिण एशिया में फैलने से पहले यह मध्य पूर्व, रूस और अन्य दक्षिण-पूर्व यूरोपीय देशों में फैलना शुरू हो गया। भारत में इस बीमारी के दो बड़े प्रकोप हुए, पहला 2019 में और दूसरा 2022 में अधिक गंभीर प्रकोप, जिसने 20 लाख से अधिक गायों को संक्रमित किया।
वर्तमान प्रकोप की जांच करने के लिए, टीम ने पशु चिकित्सा संस्थानों के सहयोग से गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और कर्नाटक सहित विभिन्न राज्यों में संक्रमित मवेशियों से त्वचा की गांठें, रक्त और नाक के नमूने एकत्र किए। उन्होंने 22 नमूनों से निकाले गए डीएनए की उन्नत संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण का प्रदर्शन किया।
Bu hikaye Modern Kheti - Hindi dergisinin 15th April 2024 sayısından alınmıştır.
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मृदा में नमी की जांच और फायदे
नरेंद्र कुमार, संदीप कुमार आंतिल2, सुनील कुमार। और हरदीप कलकल 1 1 कृषि विज्ञान केंद्र सिरसा, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय 2 कृषि विज्ञान केंद्र, सोनीपत, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय
निस्तारण की व्यावहारिक योजना पर हो अमल
पराली जलाने से हुए प्रदूषण से निपटने के दावे हर साल किए जाते हैं, लेकिन आज तक इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकल सका है। यह समस्या हर साल और विकराल होती चली जा रही है।
खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए कारगर है कृषि वानिकी
जैसे-जैसे विश्व की आबादी बढ़ती जा रही है, लोगों की खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने की चुनौती भी बढ़ रही है।
बढ़ा बजट उबारेगा कृषि को संकट से
साल था 1996 चुनाव परिणाम घोषित हो चुके थे और अटल बिहारी वाजपेयी को निर्वाचित प्रधानमंत्री के रुप में घोषित किया जा चुका था।
घट नहीं रही है भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि की 'प्रधानता'
भारतीय अर्थव्यवस्था में एक विरोधाभास पैदा हो गया है। तेज आर्थिक विकास दर के फायदे कुछ लोगों तक सीमित हो गए हैं जबकि देश की आबादी का बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है।
कृषि विकास का राह सहकारिता
भारत को 2028 तक पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का इरादा है और इसमें जिन तत्वों और सैक्टर के योगदान की जरुरत पड़ेगी, उनमें एक है सहकारिता क्षेत्र।
मधुमक्खियां भी हो रही हैं प्रभावित हवा प्रदूषण से
सर्दियों का मौसम आते ही देश के कई हिस्से प्रदूषण की आगोश में समा गए हैं, खासकर देश की राजधानी दिल्ली जहां सांसों का आपातकाल लगा हुआ है।
ज्वार की रोग एवं कीट प्रतिरोधी नई किस्म विकसित
भारत श्री अन्न या मोटे अनाज का प्रमुख उत्पादक है और निर्यात के मामले में भी हमारा देश दूसरे पायदान पर है।
खरपतवारों के कारण होता है फसली नुकसान
खरपतवार प्रबंधन पर एक संयुक्त अध्ययन में खुलासा हुआ है कि हर साल भारत में फसल उत्पादन में करीब 192,202 करोड़ रुपये का नुकसान खरपतवारों के कारण होता है।
जलवायु परिवर्तन बनाम कृषि विकास...
कृषि और प्राकृतिक स्रोतों पर आधारित उद्यम न केवल भारत बल्कि ज्यादातर विकासशील देशों की आर्थिक उन्नति का आधार हैं। कृषि क्षेत्र और इसमें शामिल खेत फसल, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, पॉल्ट्री संयुक्त राष्ट्र के दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों खासकर शून्य भूखमरी, पोषण और जलवायु कार्रवाई तथा अन्य से जुड़े हुए हैं।