जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक गंभीर समस्या
Modern Kheti - Hindi|15th October 2024
विश्वभर में जलवायु परिवर्तन का विषय चर्चा का मुद्दा बना है। इस बात से कोई भी इनकार नहीं कर सकता कि वर्तमान में जलवायु परिवर्तन वैश्विक समाज के सामने सबसे बड़ी चुनौती है तथा इससे निपटना वर्तमान समय की बड़ी जरुरत बन गई है।
राघवेंद्र सिंह, डॉ सीता राम मिश्रा, आलोक कुमार मिश्रा, अमरनाथ मिश्रा यंग प्रोफैशनल, कृषि विज्ञान केंद्र बसुली महराजगंज उत्तरप्रदेश, एसोसिएट प्रोफैसर एवं विभागाध्यक्ष, परास्नातक छात्र, असिस्टैंट प्रोफैसर कृषि मौसम विज्ञान विभाग
जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक गंभीर समस्या

आंकड़े दर्शाते हैं कि 19वीं सदी के अंत से अब तक पृथ्वी की सतह का औसत तापमान लगभग 1.62 डिग्री फॉरनहाइट (अर्थात लगभग 0.9 डिग्री सेल्सियस) बढ़ा है। इसके अलावा पिछली सदी से अब तक समुद्र के जल स्तर में भी लगभग 8 इंच की बढ़ोतरी देखी गई है। आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि यह समय जलवायु परिवर्तन की दिशा में गंभीरता से सोचने का है।

जलवायु परिवर्तन क्या है?

जलवायु परिवर्तन को पूर्णरूप से समझने से पहले यह समझ लेना आवश्यक है कि जलवायु क्या है? सामान्यतः जलवायु का तात्पर्य किसी दिये गए क्षेत्र में लंबे समय तक औसत मौसम से होता है।

अतः जब किसी क्षेत्र विशेष के औसत मौसम में परिवर्तन देखा जाता है तो उसे जलवायु परिवर्तन (Climate Change) कहते हैं।

जलवायु परिवर्तन को किसी एक स्थान विशेष में भी महसूस किया जा सकता है एवं संपूर्ण विश्व में भी। यदि वर्तमान संदर्भ में बात करें तो यह इसका प्रभाव लगभग संपूर्ण विश्व में देखा जा रहा है। पृथ्वी के पूरे इतिहास में यहां की जलवायु बहुत बार परिवर्तित हुई है एवं जलवायु परिवर्तन की अनेक घटनाएं सामने आई हैं।

पृथ्वी का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिक बताते हैं कि पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। पृथ्वी का तापमान बीते 100 वर्षों में 1 डिग्री फारेनहाइट तक बढ़ गया है। पृथ्वी के तापमान में यह परिवर्तन संख्या की दृष्टि से काफी कम हो सकता है, परंतु इस प्रकार के किसी भी परिवर्तन का मानव जाति पर बड़ा असर नहीं हुआ है।

जलवायु परिवर्तन के कुछ प्रभावों को वर्तमान में भी महसूस किया जा सकता है। पृथ्वी के तापमान में वृद्धि होने से बर्फ पिघल रही है और महासागरों का जल बढ़ रहा है, जिससे प्राकृतिक आपदाओं और कुछ द्वीपों के डूबने का खतरा भी बढ़ गया है। जलवायु परिवर्तन किसी अचानक आई विपदा की भांति प्रभावी न होकर धीरे-धीरे पृथ्वी और यहां रहने वाले जीवों के लिये प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अनेक समस्याओं को जन्म देती है। जलवायु परिवर्तन का आशय तापमान, बारिश, हवा नमी जैसे जलवायुवीय घटकों में दीर्घकाल के दौरान होने वाले परिवर्तनों से है। जलवायु परिवर्तन का तात्पर्य उन बदलावों से है जिन्हें हम लगातार अनुभव कर रहे हैं।

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कृषि-खाद्य प्रणालियों में एएमआर को नियंत्रण में करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिएं

रोगाणुरोधी प्रतिरोध यानी एएमआर एक ऐसी 'मूक महामारी', है जो न केवल इंसान और मवेशियों के स्वास्थ्य बल्कि खाद्य सुरक्षा और विकास को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है। आज जिस तरह से वैश्विक स्तर पर कृषि क्षेत्र में एंटीबायोटिक्स दवाओं का बेतहाशा उपयोग हो रहा है, वो चिंता का विषय है। सैंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमैंट (सीएसई) लम्बे समय से रोगाणुरोधी प्रतिरोध के बढ़ते खतरे को लेकर चेताता रहा है।

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