नर्सरी एक जगह है, जहां अंकुर, पौधे, पेड़, झाड़ियां और अन्य पौधों की सामग्री को तब तक उगाया और बनाए रखा जाता है जब तक वे स्थायी स्थान पर रोपण के लिए तैयार नहीं हो जाते हैं। नर्सरी प्रबंधन एक तकनीकी और कौशल उन्मुख कार्य है जिसमें गुणवत्तापूर्ण पौध के उत्पादन के लिए विभिन्न चरणों में उचित ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
कुछ सब्जियों को उनकी शुरुआती वृद्धि अवधि के दौरान विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। ये ऐसी सब्जियां हैं जिन्हें सीधे खेत में नहीं बोया जा सकता है। एक प्रारंभिक चरण के अंकुरों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है जो केवल नर्सरी में संभव है।
सब्जियों की नर्सरी या पौध का उद्देश्य
• बेहतर गुणवत्ता एवं वांछित संख्या में पौध का उत्पादन।
• सही समय एवं सस्ती लागत पर वांछित पौधों का उत्पादन।
• नर्सरी में कम जगह पर आसानी से अधिक पौधे तैयार किए जा सकते हैं। कम जगह होने के कारण पौधों को उपयुक्त जलवायुवीय दशाएं आसानी से प्रदान की जा सकती हैं। जबकि खुली जगह में ऐसी सुविधाएं देना संभव नहीं होता है। कम क्षेत्र के कारण पौधों में होने वाली बीमारियों और कीटों को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
• नर्सरी में उगाई जाने वाली फसल की पौध काफी जल्दी तैयार होती है और बाजार में इसकी कीमत अधिक होती है और इसलिए आर्थिक रुप से अधिक लाभदायक होता है।
• चूंकि सब्जियों के बीज महंगे होते हैं। खासकर संकर किस्म के। इसलिए हम नर्सरी में बीज बोकर उनकी अंकुरण प्रतिशत वृद्धि कर सकते हैं।
नर्सरी स्थापना करने की प्रक्रिया। सब्जी नर्सरी के लिए स्थान का चयन
• नर्सरी के लिए साइट चयन करना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इसके लिए निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखें।
• नर्सरी क्षेत्र को पालतू और जंगली जानवरों से बचाने के लिए अच्छी तरह से बाड़ लगाई जानी चाहिए।
• क्षेत्र जल स्रोत के पास होना चाहिए।
• क्षेत्र जलभराव से मुक्त होना चाहिए।
• रोपाई के लिए नर्सरी मुख्य खेत के पास होनी चाहिए।
Bu hikaye Modern Kheti - Hindi dergisinin 1st December 2024 sayısından alınmıştır.
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अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धी प्राप्त विज्ञानी डॉ. महिन्द्र सिंह रंधावा
डॉ. महिन्द्र सिंह रंधावा एक बहुआयामी शकसीयत के मालिक थे। डॉ. महिन्द्र सिंह रंधावा का जन्म एक जाट किसान परिवार के घर 2 फरवरी 1909 को जीरे में हुआ। उनमें बचपन से ही पढ़ने-लिखने व खेलने की दिलचस्पी थी।
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