कैसे मनाएं दीवाली
Champak - Hindi|October Second 2022
पिछली दीवाली के बाद चंपकवन के राजा शेरसिंह को अपने गुप्तचरों से खबर मिली थी कि उन की प्रजा के बहुत से प्राणी दीवाली पर खुश नहीं थे. शेर सिंह बहुत दयालु राजा थे और अपनी प्रजा के सुखदु बहुत ध्यान रखते थे. दीवाली आने में कुछ ही समय रह गया था, वे चाहते थे कि इस बार उन की प्रजा खुश हो कर दीवाली मनाए. बहुत विचार कर उन्होंने एक मीटिंग रखी, जिस में वन के सभी प्राणी आमंत्रित थे.
वंदना गुप्ता
कैसे मनाएं दीवाली

निश्चित समय पर मीटिंग शुरू हुई. राजा ने सभी को संबोधित करते हुए कहा, "हमें पता चला है कि हमारे वन में जिस तरह से दीवाली मनाई जाती है, उसे ले कर आप लोग खुश नहीं हैं. मीटिंग में आप सभी को अपनी बात कहने का पूरा मौका दिया जाएगा. आप सभी बारीबारी से निडर हो कर अपनी परेशानी हमें बताइए. आप सब की राय से ही यह तय किया जाएगा कि इस बार दीवाली कैसे मनाएं."

सब से पहले रौकी कुत्ता सामने आया और बोला, "महाराज, यह तो सभी जानते हैं कि हमारी सुनने की शक्ति तेज होती है. जब दीवाली पर बमपटाखे चलाए जाते हैं तो तेज आवाज के कारण हमारी हालत बहुत खराब हो जाती है. हमें पागलपन व दिल का दौरा पड़ने का खतरा भी बढ़ जाता है."

रौकी की बात सुनने के बाद गाय व हिरण जैसे घास खाने वाले कुछ पशु आगे आ कर बोले, "महाराज, दीवाली के अगले दिन जब हम घास चरने जाते हैं तो उस में यह इस तरह मिल जाते हैं कि हम उन्हें अलग नहीं कर पाते, उन में मौजूद कैमिकल्स से हमारा पेट खराब हो जाता है."

"महाराज, मैं तो इस बार पटाखों की आवाज से डर कर कन्फ्यूज हो गई और रास्ता भटक गई. मैं सारी रात इधरउधर घूमती रही और सुबह घर पहुंच पाई," मीनू गौरैया ने भी अपनी बात शेर सिंह के सामने रख दी.

"मैं घर तो पहुंच गई पर मेरे घोंसले में एक जलता हुआ रौकेट आ गिरा और मेरे पंख जल गए. कई दिन तक मैं खाना लेने भी नहीं जा पाई," ये शिकायत मायरा मैना की थी.

"महाराज, सब से ज्यादा परेशान तो हम उल्लू होते हैं, हम तो रात को ही शिकार पर निकलते हैं, लेकिन रोशनी की चकाचौंध से हम इमारतों से टकरा जाते हैं और हमें भूखा रहना पड़ता है," ओली उल्लू भी भला क्यों पीछे रहता.

तभी सैली गिलहरी फुदकती हुई आगे आई और बोली, "मैं तो धमाके की आवाज से डर गई और उछल कर पेड़ की डाली से नीचे गिर गई. मेरी कमर में चोट भी लग गई."

Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin October Second 2022 sayısından alınmıştır.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin October Second 2022 sayısından alınmıştır.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

CHAMPAK - HINDI DERGISINDEN DAHA FAZLA HIKAYETümünü görüntüle
चीनी की जीत
Champak - Hindi

चीनी की जीत

चिनी चींटी ने कन्नू कनखजूरे को देख कर कहा, \"कन्नू, तुम क्या कर रहे हो?\"

time-read
4 dak  |
February First 2025
गोलगप्पों के स्वाद का रहस्य
Champak - Hindi

गोलगप्पों के स्वाद का रहस्य

\"ओह, पूरा एक सप्ताह और इस ठंडे मौसम में बिताना होगा,” प्रिया ने अपने दांत किटकिटाते हुए कहा और अपना स्वेटर कस कर अपने चारों ओर खींच लिया.

time-read
6 dak  |
February First 2025
रिपोर्टर डमरू
Champak - Hindi

रिपोर्टर डमरू

जब चंपकवन के निवासियों को पता चला कि प्रसिद्ध अभिनेता लकी कुमार गोरिल्ला उन के जंगल में अपनी नई फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं, तो दर्जनों लोग शूटिंग स्थल की ओर दौड़ पड़े.

time-read
6 dak  |
February First 2025
एल्सा पर दोष
Champak - Hindi

एल्सा पर दोष

जैसे ही कृति स्कूल से घर आई, उस के गोल्डन रिट्रीवर एल्सा ने उत्साह से भौंकना शुरू कर दिया. वह खुशी से गोलगोल घूम कर अपने पिछले पैरों पर खड़ा हो गया और उस ने कृति के चेहरे को चाटने की कोशिश की.

time-read
6 dak  |
February First 2025
पर्सी की समस्या
Champak - Hindi

पर्सी की समस्या

13 फरवरी का दिन था और प्रेमवन में चहलपहल थी. वनवासी अपने एनुअल वैलेंटाइन डे मेले की तैयारी कर रहे थे, जो अगले दिन एमराल्ड तालाब के आसपास के क्षेत्र में आयोजित होने वाला था. तालाब और उसके परिसर की अंतिम सफाई चल रही थी और स्टेला हेजहोग इस की प्रभारी थी.

time-read
6 dak  |
February First 2025
गुलाबी संकेत और धीरज
Champak - Hindi

गुलाबी संकेत और धीरज

\"काश, मैं कुछ कर पाता,” इंस्पैक्टर मिश्रा ने औफिस से लौटने के बाद खाने की मेज पर बैठते हुए कहा.

time-read
5 dak  |
February First 2025
बा और बापू
Champak - Hindi

बा और बापू

मोहनदास करमचंद गांधी, जिन्हें लोग 'महात्मा' और कुछ प्यार से 'बापू' कहते थे, मेरे परदादा एक असाधारण व्यक्ति थे.

time-read
4 dak  |
January Second 2025
वादा गलत हो गया
Champak - Hindi

वादा गलत हो गया

‘मैं थक गई हूं, मैं पढ़ना नहीं चाहती,’ सुनैना ने बड़बड़ाते हुए कहा. उस की मां अंजना परेशान दिखीं, लेकिन उन्होंने शांत स्वर में कहा, “अभी तो सिर्फ तीन परीक्षाएं बाकी हैं. हम तुम्हारी परीक्षाओं के बाद सप्ताहांत में तुम्हारी पसंद की जगह छुट्टियां मनाने चलेंगे, मैं वादा करती हूं.”

time-read
6 dak  |
January Second 2025
तिरंगा पुरस्कार
Champak - Hindi

तिरंगा पुरस्कार

जैसे ही वैली तितली ने टोटो चींटी को अपनी नई साइकिल पर तिरंगा झंडा लहराते हुए देखा, वह उड़ कर उस के पास आई और पूछा, “टोटो, तुम अपनी साइकिल पर तिरंगा झंडा लगा कर कहां जा रही हो?”

time-read
5 dak  |
January Second 2025
हमारा संविधान
Champak - Hindi

हमारा संविधान

26 जनवरी नजदीक आ रही थी और चंपकवन के निवासी गणतंत्र दिवस मनाने की तैयारियों में व्यस्त थे. सबकुछ ठीक चल रहा था, तभी बैडी सियार के नेतृत्व में वनवासियों के एक ग्रुप ने जंगल के लिए अलग संविधान की मांग शुरू कर दी.

time-read
5 dak  |
January Second 2025