मेघा और ऋचा अपने पड़ोस के पार्क में खेल रही थीं और कुछ देर बाद उन्होंने ब्रेक लिया.
"तुम्हें पता है, मेरे पापा अपने एक विदेश दौरे से आने के बाद मेरे लिए कैंडी लाए थे. मैं उन्हें तुम से शेयर करने के लिए लाई थी," ऋचा ने कहा.
मेघा तुरंत जोश व उत्साह से भर गई.
"ओह, धन्यवाद, कैंडी मुझे बहुत पसंद है," वह बोली.
ऋचा ने अपनी जैकेट की जेब से एक छोटा सा डब्बा निकाला, जिस में छोटीछोटी रंगीन बेलनाकार कैंडी थी.
"वे दवाई की गोलियां जैसी दिखाई दे रही हैं," मेघा ने मुंह बनाते हुए कहा.
"हां, वे ऐसी दिखती हैं," लेकिन दवा की गोलियां नहीं हैं," वे चौकलेट्स से भरी हैं और आसानी से मुंह में पिघल जाती हैं. एक को आजमा कर देखो, अपनी सहेली को बौक्स सौंपते हुए ऋचा ने कहा.
ठीक उसी समय ऋचा का पालतू कुत्ता उस की गोद से एक चिड़िया को पकड़ने के लिए कूदा. उस की इस कूदफांद के दौरान ऋचा के हाथ से कैंडी का डब्बा झाड़ियों में गिर गया.
"अरे, मेरी कैंडीज," वह चिल्लाई.
मेघा उन्हें ढूंढ़ने के लिए झाड़ी की ओर दौड़ी.
"क्या वे तुम्हें मिलीं?" ऋचा ने पूछा.
"देखो, डब्बा जमीन पर खाली पड़ा है. मैं समझती हूं कि कैंडीज अब खाने लायक नहीं होंगी," मेघा ने उदास होते हुए कहा.
वे झाड़ियों के चारों ओर ढूंढ़ते रहे.
"अरे, वह देखो, उन में से दो कैंडी पत्ते पर गिरी हैं. वे गंदी नहीं हैं, इसलिए हम उन्हें खा सकते हैं," ऋचा ने खुशी से कहा.
मेघा ने दो औरेंज कलर वाली बेलनाकार कैंडियों को देखा. उन्होंने चारों ओर देखा लेकिन अन्य कैंडियों का वहां पर कोई निशान नहीं था.
"चलो, इन्हें खाते हैं," मेघा ने कहा.
दोनों सहेलियों ने अपने मुंह में एकएक कैंडी को ढूंस ली.
"इस का स्वाद तो बढ़िया है, लेकिन चौकलेट का कोई फ्लैवर नहीं है जैसा कि तुम ने कहा था," मेघा ने उसे चबाते हुए कहा.
"इस का भी बिलकुल अलग स्वाद है," ऋचा ने सहमति में सिर हिलाया.
5 मिनट बाद एक बहुत जोर की आवाज हुई जैसे बैलून फटा हो और दोनों ही सहेलियां यह देख कर हैरान रह गईं कि वे छोटी होती जा रही थीं.
"ये क्या हो रहा है ?" मेघा चिल्लाई.
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin February First 2023 sayısından alınmıştır.
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