बोनी बंदर के दोस्त खुश थे, क्योंकि गरमी की छुट्टियां शुरू हो चुकी थीं. उन्हें फैसला करना था कि अपने ट्रैकिंग टीचर के साथ छुट्टियां मनाने कहां जाना चाहिए. वे सब यह फैसला करने के लिए बोनी के घर पर इकट्ठा हुए.
“मैं कुल्लूमनाली जाना चाहती हूं,” सैली गिलहरी ने कहा.
“नहीं, मैं श्रीनगर जाना चाहता हूं और हाउसबोट में रहने का आनंद लेना चाहता हूं तथा डल झील में शिकारा की सवारी करना चाहता हूं,” गीगी जिराफ ने कहा.
बोनी बोला, "देखो दोस्तो, अगर हम इस तरह बहस करेंगे तो हम कहीं नहीं जा पाएंगे. मेरे पास एक आइडिया है."
एल्मो हाथी ने कहा, "हमें जल्दी बताओ, बोनी.”
जब बोनी ने अपना आइडिया शेयर किया तो सभी खुश हो गए.
रोरो खरगोश बोला, “वाह, कितना अच्छा आइडिया है, बोनी. इस तरह हम एक के बजाय 3 हिल स्टेशनों की यात्रा कर सकते हैं."
जब उन के ट्रैकिंग टीचर टोटो कछुआ ने पूछा कि क्या उन्होंने तय कर लिया है, तो उन सभी ने अल्मोड़ा कहा.
यह सुन कर टोटो ने सुझाव दिया, "नैनीताल भी चलो, जो दिल्लीअल्मोड़ा के रास्ते में है."
“हां, हमें भी नैनीताल ले चलो. हम नैनी झील पर नाव की सवारी का आनंद लेंगे.”
“रानीखेत अल्मोड़ा से मुश्किल से 50 किलोमीटर दूर है. हमें वहां भी जाना चाहिए. यह एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है, ” सैली बोली.
“हां, यह सही है. हम अल्मोड़ा व रानीखेत जाएंगे और बाद में नैनीताल भी जाएंगे. यह अंतिम योजना है, ” टोटो ने अपनी योजना बताते हुए कहा.
बच्चों के जाने के लिए एक टैंपो ट्रैवलर की व्यवस्था की गई. पहाड़ों के फोटो खींचने के लिए गीगी अपना कैमरा साथ लाया था. कैमरा गले में लटके होने के कारण गीगी एक प्रौफैशनल फोटोग्राफर लग रहा था.
उन्होंने सुबह दिल्ली से अपनी यात्रा शुरू की. ट्रैवलर से दिल्ली से मुरादाबाद, रामपुर और रुद्रपुर होते हुए 381 किलोमीटर का सफर तय किया. वे शाम को अल्मोड़ा पहुंचे. एक होटल में उन के लिए पहले से ही कमरे बुक थे. बच्चे थके हुए थे, जल्दी ही खापी कर सो गए.
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin May Second 2023 sayısından alınmıştır.
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बर्फीला रोमांच
\"अरे, सुन, जल्दी से मुझे दूसरा कंबल दे दे. आज बहुत ठंड है,” मीकू चूहे ने अपने रूममेट चीकू खरगोश से कहा.
अलग सोच
\"वह यहां क्या कर रहा है?\" अक्षरा ने तनुषा कुमारी, जबकि वह आधी अधूरी मुद्रा में खड़ी थी या जैसे उन की भरतनाट्यम टीचर गायत्री कहती थीं, अरामंडी में खुद को संतुलित कर रही थी.
दादाजी के जोरदार खर्राटे
मीशा और उस की छोटी बहन ईशा सर्दियों की छुट्टी में अपने दादादादी से मिलने गए थे. उन्होंने दादी को बगीचे में टमाटरों को देखभाल करते हुए देखा. उन के साथ उन की बूढ़ी बिल्ली की भी थी. टमाटरों के पौधों को तैयार करना था ताकि वे अगली गर्मियों में खिलें और फल दें.
कौन कर रहा था, मिस्टर चिल्स से खिलवाड़
वीर और उस के दोस्त अपनी सर्दियों की यात्रा के लिए दिन गिन रहे थे. वे नैनीताल जा रहे थे और बर्फ में खेलने और उस के बाद अंगीठी के पास बैठने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. आखिरकार जब वे नैनीताल पहुंचे, तो पहाड़ी शहर उन की कल्पना से भी ज्यादा मनमोहक था. बर्फ से जमीन ढक रखी थी. झील बर्फ की पतली परत से चमक रही थी और हवा में ताजे पाइन की खुशबू आ रही थी. यह एक बर्फीली दुनिया का दृश्य था, जो जीवंत हो उठा था.
मेरा संकल्प
जनवरी 2025 का पहला सप्ताह शुरू हो चुका था और 10 वर्षीय रोहन ने कोई संकल्प नहीं लिया था. वह जहां भी गया, स्कूल में, खेल के मैदान में और आसपड़ोस में सब जगह लोग नए साल के संकल्पों के बारे में बात कर रहे थे. रोहन भी एक महत्त्वपूर्ण और सार्थक संकल्प लेना चाहता था, लेकिन वह उलझन में था. वह एक ऐसा संकल्प लेना चाहता था, जो उस के लिए अच्छा हो और जिसे वह पूरे साल आसानी से पूरा कर सके.
सेल्वी का सरप्राइज
'चाय काप्पिई, चाय काप्पिई,' 'इडली वड़े, इडली वड़े,' बेचने वालों की तेज आवाज ने सेल्वी को जगा दिया. सूरज ढल चुका था और उस की ट्रेन अभी अभी तिरुनेलवेली जंक्शन में दाखिल हुई थी.
नौर्थ पोल की सैर
\"अंतरा, तुम कई घंटों से क्रिसमस ट्री सजा रही हो, क्या तुम थकी नहीं,\" मां ने किचन में काम निबटाने के बाद कहा...
जलेबी उत्सव
चंपकवन के राजा शेरसिंह को कार चलाने का बड़ा शौक था. जाड़े की एक शाम को वह अकेले ही लंबी ड्राइव पर निकल पड़ा...
मिशन सांता क्लौज
यह एक ठंडी, बर्फीली रात थी और शिमला की सभी सड़कें रोशनी में जगमगा रही थीं. करण, परी और समीर क्रिसमस मनाने के लिए उत्साहित थे. हर साल की तरह वे क्रिसमस के मौके पर समीर के घर सोने जा रहे थे, लेकिन इस साल उन्होंने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक अतिरिक्त कार्यक्रम की योजना बनाई थी...
अनोखा क्रिसमस
\"क्या तुम्हें मालूम है कि क्रिसमस आ ही वाला है?\" ब्राउनी सियार ने अपने दोस्त ब्रूटस भेड़िया से झल्लाते हुए पूछा...