![मायरा का समोसा प्रेम मायरा का समोसा प्रेम](https://cdn.magzter.com/1338812469/1687348010/articles/E2Gcbt-yu1687419699557/1687420216982.jpg)
मायरा ने अपना स्कूल बैग रखा और मां को इधरउधर ढूंढ़ने लगी.
"अरे, मायरा, मैं यहां हूं, यह देखो," मां ने गुलाब के फूलों का गुलदस्ता सजाते हुए कहा.
"मैं स्कूल से आ गई हूं, मुझे पहला स्थान मिला है. मेरा पुरस्कार देखो ."
"अरे, वाह, हमारी मायरा को प्रथम पुरस्कार, ' "" मां उस की ट्रौफी देख कर उस की सराहना करते हुए बोली.
"अब मुझे समोसा खिलाने ले चलो, आप ने कहा था कि अगर मुझे पहला पुरस्कार मिला तो आप मेरा मनपसंद इनाम दोगी, " मायरा चहकती हुई बोली.
"अच्छा, मायरा, पर कल रविवार था और समोसा तो कल ही खाया है न बेटी," मां ने उसे याद दिलाया.
"हां मां, कल तो खाया है लेकिन आज तो इनाम वाला खाना है, है न," मायरा ने पूछा.
"ठीक है मायरा, हम शाम को समोसा खाने " चलेंगे," मां ने हामी भरी.
"एकदम बढ़िया. मैं बहुत उत्साहित हूं," मायरा मैं ने कहा.
7 साल की मायरा का समोसा प्रेम कुछ ज्यादा ही बढ़ गया था. पिछले एक महीने से उसे लगभग हर दिन समोसा खाने का ही मन करता था.
वादे के मुताबिक शाम को समोसा खा कर मायरा और उस की मां लौट रही थी, तो मायरा की नजर दूर से ही घर की पिछली दीवार पर लगे गुलाब के झाड़ पर पड़ी, "मां, इन गुलाब के गुच्छों को देखो."
"हां मायरा, आज ही खिले हैं ये सब," मां ने सहमति व्यक्ति की.
"ऐसा लग रहा है कि मेरी लाल फ्रौक उलटी लटक रही है," मायरा ने कहा.
"अरे, यह बिलकुल सच है मायरा," मां ने सहमति जताई.
मायरा और उस की मां दोनों दीवार के पास आ गईं.
"वाह मां, इस बरतन के आकार को देखो," मायरा ने गुलाब के विशाल बरतन को दिखाते हुए कहा. मां ये झाड़ी तो पड़ोस के तनेजा अंकल के घर पर चली गई, "वह देखो, गुच्छे भी उधर की तरफ लटक रहे हैं."
"अरे, हां सचमुच मायरा, गुलाब कितने खूबसूरत हैं."
दोनों ने कुछ देर तक गुलाब के फूलों की खूबसूरती का आनंद लिया, उस के बाद मां और मायरा अपने काम में व्यस्त हो गईं.
अगले दिन मायरा स्कूल गई थी तो मां ने डाक्टर के पास जा कर सलाह ली कि मायरा की समोसे की इच्छा कैसे कम की जाए?
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin June Second 2023 sayısından alınmıştır.
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चिनी चींटी ने कन्नू कनखजूरे को देख कर कहा, \"कन्नू, तुम क्या कर रहे हो?\"
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\"ओह, पूरा एक सप्ताह और इस ठंडे मौसम में बिताना होगा,” प्रिया ने अपने दांत किटकिटाते हुए कहा और अपना स्वेटर कस कर अपने चारों ओर खींच लिया.
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जब चंपकवन के निवासियों को पता चला कि प्रसिद्ध अभिनेता लकी कुमार गोरिल्ला उन के जंगल में अपनी नई फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं, तो दर्जनों लोग शूटिंग स्थल की ओर दौड़ पड़े.
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एल्सा पर दोष
जैसे ही कृति स्कूल से घर आई, उस के गोल्डन रिट्रीवर एल्सा ने उत्साह से भौंकना शुरू कर दिया. वह खुशी से गोलगोल घूम कर अपने पिछले पैरों पर खड़ा हो गया और उस ने कृति के चेहरे को चाटने की कोशिश की.
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पर्सी की समस्या
13 फरवरी का दिन था और प्रेमवन में चहलपहल थी. वनवासी अपने एनुअल वैलेंटाइन डे मेले की तैयारी कर रहे थे, जो अगले दिन एमराल्ड तालाब के आसपास के क्षेत्र में आयोजित होने वाला था. तालाब और उसके परिसर की अंतिम सफाई चल रही थी और स्टेला हेजहोग इस की प्रभारी थी.
![गुलाबी संकेत और धीरज गुलाबी संकेत और धीरज](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/872/1989957/wU99jqne41739260860486/1739261171910.jpg)
गुलाबी संकेत और धीरज
\"काश, मैं कुछ कर पाता,” इंस्पैक्टर मिश्रा ने औफिस से लौटने के बाद खाने की मेज पर बैठते हुए कहा.
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बा और बापू
मोहनदास करमचंद गांधी, जिन्हें लोग 'महात्मा' और कुछ प्यार से 'बापू' कहते थे, मेरे परदादा एक असाधारण व्यक्ति थे.
![वादा गलत हो गया वादा गलत हो गया](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/872/1971275/8oezMZZsi1737700758794/1737701153156.jpg)
वादा गलत हो गया
‘मैं थक गई हूं, मैं पढ़ना नहीं चाहती,’ सुनैना ने बड़बड़ाते हुए कहा. उस की मां अंजना परेशान दिखीं, लेकिन उन्होंने शांत स्वर में कहा, “अभी तो सिर्फ तीन परीक्षाएं बाकी हैं. हम तुम्हारी परीक्षाओं के बाद सप्ताहांत में तुम्हारी पसंद की जगह छुट्टियां मनाने चलेंगे, मैं वादा करती हूं.”
![तिरंगा पुरस्कार तिरंगा पुरस्कार](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/872/1971275/LGpJnsRVB1737697918044/1737698174785.jpg)
तिरंगा पुरस्कार
जैसे ही वैली तितली ने टोटो चींटी को अपनी नई साइकिल पर तिरंगा झंडा लहराते हुए देखा, वह उड़ कर उस के पास आई और पूछा, “टोटो, तुम अपनी साइकिल पर तिरंगा झंडा लगा कर कहां जा रही हो?”
![हमारा संविधान हमारा संविधान](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/872/1971275/zYLJd5BSC1737701159189/1737701448309.jpg)
हमारा संविधान
26 जनवरी नजदीक आ रही थी और चंपकवन के निवासी गणतंत्र दिवस मनाने की तैयारियों में व्यस्त थे. सबकुछ ठीक चल रहा था, तभी बैडी सियार के नेतृत्व में वनवासियों के एक ग्रुप ने जंगल के लिए अलग संविधान की मांग शुरू कर दी.