"प्रतीक्षा, मैं तुम्हें एक उपाय बताता हूं, इस से तुम्हारी समस्या का समाधान हो जाएगा और तुम्हारे घर वाले भी खुश हो जाएंगे." मोहम्मद शफीक ने कहा.
"क्या उपाय है, बोलो?" प्रतीक्षा उत्सुकता से बोली.
"देखो, मुझे पता चला है कि जीवाजी यूनिवर्सिटी में वहां के कर्मचारियों से मिल कर तुम्हारे नाम से मिलतीजुलती किसी ऐसी लड़की की डिग्री और मार्कशीट निकलवाई जा सकती है, जिस ने वहां से एमबीबीएस पास किया हो. उस के आधार पर तुम कहीं नौकरी भी कर सकती हो." शफीक ने कहा.
"यह तो तुम ने बहुत अच्छी बात बताई. तुम किसी से बात करो और यह काम करा दो." प्रतीक्षा दायमा बोली.
"ठीक है, तुम चिंता मत करो, यूनिवर्सिटी में कुछ लोग मेरी जानपहचान के हैं. मैं उन से बात करता हूं," मोहम्मद शफीक ने कहा.
"यह काम हो जाएगा तो हमारी लाइफ मजे से गुजरेगी." प्रतीक्षा दायमा बोली.
9 जून को मध्य प्रदेश के जिला ग्वालियर की क्राइम ब्रांच के एडिशनल एसपी ऋषिकेश मीणा को भाजपा नेता सतीश बोहरे ने मुलाकात कर अवगत कराया कि गजराराजा मैडिकल कालेज से उन की भांजी प्रतीक्षा शर्मा ने साल 2018 में एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी. सुना है मालेगांव की किसी युवती ने उन की भांजी की एमबीबीएस की डुप्लीकेट मार्कशीट और डिग्री हासिल करने के लिए जीवाजी विश्वविद्यालय में एप्लीकेशन दी है.
सतीश बोहरे की शिकायत सुन कर एडिशनल एसपी मीणा भी भौचक्के रह गए. उन्होंने तत्काल इस सनसनीखेज मामले में काररवाई करने के लिए थाना झांसी रोड के एसएचओ शैलेंद्र भार्गव को अपने औफिस में बुला कर आदेश दिया कि इस मामले में गोपनीयता बरतते हुए इसे किसी भी तरह जल्द से जल्द सुलझाएं और दोषियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाओ. क्योंकि पता चला है कि इस मामले में जीवाजी विश्वविद्यालय और गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के कर्मचारी भी शामिल हैं.
मामला काफी गंभीर और संवेदनशील था, इसलिए क्राइम ब्रांच के एडिशनल एसपी ने समय न गंवाते हुए एसएचओ को बुला कर पूरी बात समझाते हुए इस मामले का खुलासा कराने की जिम्मेदारी सौंपी थी.
Bu hikaye Manohar Kahaniyan dergisinin January 2024 sayısından alınmıştır.
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