रिटायर्ड प्रोफेसर आशा के पास 14 मार्च, 2024 की दोपहर एक वीडियो काल आई. उन्होंने जैसे ही काल अटेंड की तो काल करने वाली एक महिला थी. उस ने आशा से कहा, "मैं मुंबई क्राइम ब्रांच से सुनीता बोली रही हूं. आप के नाम के डाक्यूमेंट्स का उपयोग कर कुछ सिमकार्ड लिए गए हैं और इन सिमकार्डों के जरिए लड़कियों को अश्लील मैसेज भेजे जा रहे हैं. आप के खिलाफ अब तक 24 एफआईआर मुंबई में दर्ज हो चुकी हैं."
इतना सुनते ही 72 साल की आशा घबराते हुए बोलीं, "लेकिन मैं ने तो किसी को अपने डाक्यूमेंट्स दिए ही नहीं, फिर सिमकार्ड कैसे कोई यूज कर रहा है?"
"आप को जो भी कुछ कहना है, मुंबई आ कर कहिए मैडम, आप के खिलाफ जो कंपलेंट हैं, उस में हमें आप को गिरफ्तार करना पड़ेगा." काल करने वाली महिला ने आशा को धमकाते हुए कहा.
"लेकिन मैं मुंबई नहीं आ सकती, घर में अकेली रहती हूं. उम्र और बीमारी की वजह से चलना फिरना कम होता है." आशा ने अपनी परेशानी बताई.
"आप मुंबई नहीं आ सकतीं तो आप को वीडियो कालिंग पर अपने बयान दर्ज करवाने होंगे." उस ने आशा से कहा.
"मैं पहले अपने बेटे और बेटियों से इस संबंध में बात करना चाहती हूं." आशा ने निवेदन करते हुए कहा.
"देखिए जब तक इनवैस्टीगेशन पूरी नहीं हो जाती, आप को किसी से भी बात करने की परमिशन नहीं है." डपटते हुए वह महिला बोली.
आशा काफी डर गई थीं, इसलिए वीडियो काल पर बयान देने को तैयार हो गईं.
मध्य प्रदेश के ग्वालियर के मुरार थाना क्षेत्र में रहने वाली 72 साल की आशा भटनागर रिटायर्ड प्रोफेसर हैं. उन की 2 विवाहित बेटियां पुणे में रहती हैं और एक बेटा अमेरिका में जौब करता है. आशा के पति की 2017 में मौत हो चुकी है.
वह अब घर में अकेली रहती हैं. वीडियो कालिंग के जरिए 2 घंटे तक आशा से बातचीत कर उस महिला ने औनलाइन ही घर की पूरी तलाशी ली.
इस दौरान एक महिला पुलिसकर्मी ने बुजुर्ग आशा को मुंबई पुलिस के अफसर से वीडियो कालिंग के जरिए बात करने को कहा. इसी दौरान पुलिस की वरदी में एक व्यक्ति महिला को दिखाई दिया और उस ने रौबदार अंदाज में उस महिला पुलिसकर्मी से कहा, "इन को अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?"
Bu hikaye Manohar Kahaniyan dergisinin May 2024 sayısından alınmıştır.
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