करिश्मा गुप्ता और शेफाली शाह किशोर उम्र में ऊटी के एक बोर्डिंग स्कूल में मिली थीं। देर रात तक बातें करते हुए एक दिन दोनों बेस्ट फ्रेंड बन गईं। उनके मन में साथ में वेंचर शुरू करने का सपना भी पलने लगा। आगे चलकर दोनों को एक ही दफ्तर में काम करने का अवसर भी मिला और पुराने अधूरे सपने को फिर से पंख मिल गए। 2014 की घटना है, करिश्मा और शेफाली ने मिलकर एक स्किनकेयर ब्रांड शुरू किया। बकौल करिश्मा, हम दोनों का स्वभाव बिल्कुल विपरीत है। फैसला लेने में मतभेद होते हैं। उसका समाधान भी खुद ही निकालते हैं। दोनों को एक-दूसरे की कमजोरी और खासियत पता है, इसलिए हमारी दोस्ती आज भी इतनी खास है। उद्यमिता के सफर में कई बार आप अकेला महसूस करने लगती हैं, लेकिन दोस्त साथ होने पर राह कमोबेश आसान हो जाती है।
■ दूर करनी होती है हिचक
आमतौर पर महिलाएं उद्यमिता में कदम रखने से घबराती या संकोच करती हैं। मन में कई तरह के प्रश्न होते हैं कि पैसे कहां से आएंगे, टीम कैसे बनाएंगी आदि । स्केटिंग की एक क्लास में मिलीं आशा ललवानी और जूही बंसल भी जब दोस्त बनीं तो उनके बीच बच्चों की परवरिश, कॅरिअर, घर-परिवार की चुनौतियों से लेकर तमाम दूसरे मुद्दों पर बातें शुरू हुईं। उन्हें अहसास हुआ कि अन्य महिलाओं को भी इन स्थितियों से आए दिन दो-चार होना पड़ता है, लेकिन उन्हें गाइड करने या रास्ता दिखाने वाला कोई नहीं होता। इसके बाद दोनों के मन में कोई ऐसा प्लेटफॉर्म शुरू करने का विचार आया, जिसके माध्यम से महिलाओं को जागरूक और सशक्त किया जा सके। तब नींव पड़ी 'वर्किंग मॉम्स ऑफ अहमदाबाद' की। जूही के अनुसार, एक हिचक होती है, जिसे तोड़ना होता है और खुद पर विश्वास करना होता है। हम दोनों की अपनी-अपनी खूबियां थीं। एक तरह से कहें तो हम एक-दूसरे के पूरक थे। इससे जब काम करना शुरू किया तो सामंजस्य बनाने में दिक्कत नहीं आई।
Bu hikaye Rupayan dergisinin July 21, 2023 sayısından alınmıştır.
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मन की साफ-सफाई
अचानक रीना ने गंभीर होते हुए कहा, \"मीता, मैं सोचती हूं, क्यों मन की सफाई भी कर लूं। आखिर भगवान जी हमारे दिल में ही तो विराजते हैं।\"
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पेट्स दिन भर घर में दौड़-भाग करते हैं, इसलिए उनके बाल भी घर के हर कोने में नजर आते हैं, जिनकी सफाई आसान नहीं है।
याद रहे जन्मदिन पार्टी
आपके बच्चे का पहला जन्मदिन है। अगर आप इसे यादगार बनाना चाहत हैं तो आपको थीम से लेकर ढेर सारी तैयारियां करनी होंगी।
रिश्तों का 'डे आउट'
भाई-बहन के रिश्ते में शरारत होती है और होता है ढेर सारा प्यार। अगर ये सब पीछे छूट गया है तो आपको और आपके भाई को एक 'सिबलिंग डे आउट' की सख्त जरूरत है।
निखार नहीं और अगले महीने शादी!
जैसे-जैसे शादी के दिन नजदीक आ रहे हैं, आपका निखार मुरझा रहा है। आपकी चिंता बढ़ गई है और तनाव दोगुना हो गया है। जानकार कहते हैं कि ऐसी स्थिति में आपको प्राकृतिक तरीकों और एक सही ब्यूटी रूटीन पर भरोसा करना चाहिए।
मंद-मंद मुस्कुराती सर्दी में आप
सर्दी ने अपने पंख फैल लिए हैं। ठंड का अहसास होने लगा है। इस सुहावने मौसम में आपको जरूरत है अदरक वाली चाय की चुस्की और आरामदेह तथा स्टाइलिश लिबास की।
थोड़ी बोरियत भी अच्छी!
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खाते-पीते आधी रात
जब मन हुआ, कुछ खा लिया। जब मन हुआ, कुछ पी लिया। मन नहीं भरता। कभी-कभी तो आधी रात में भी खाने की तलब लगती है। लेकिन क्या आपके शरीर को भोजन की इतनी जरूरत है?
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फूल! जिनकी आयु सबसे छोटी है, वह भी जरा-सा स्नेह रस पाकर जीवंत रह सकते हैं तो मैं क्यों नहीं?
इस आदत को बदल डालें
कुछ लोग बहुत परिश्रमी होते हैं और अपने समय का सदुपयोग करने के लिए पूरे दिन व्यस्त रहते हैं। लेकिन कहीं यह व्यस्तता आपकी आदत तो नहीं बन गई है?