अपने लिए कब खाना बनाया आपने?
Rupayan|August 25, 2023
घर और बाहर की जिम्मेदारियां निभाते हुए अक्सर महिलाएं अपनी सेहत को नजरअंदाज करती हैं। अकेली हैं तो घर पर खाना बनाने से बचती हैं। कई बार थकान भी इसकी वजह होती है। लेकिन हर रोज की यह लापरवाही सेहत को बिगाड़ सकती है। बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं को ज्यादा पोषण की जरूरत होती है।
अलका 'सोनी'
अपने लिए कब खाना बनाया आपने?

घर के खाने में कम घी, तेल, मिर्च-मसालों को वरीयता दी जाती है, वहीं बाहर के खाने में चिकनाई और मिर्च-मसालों की भरमार होती है।

ज के दौर में महिलाओं के गुणों, स्वभाव और जीवन-शैली में ढेर सारे बदलाव आए हैं। इनमें से एक बड़ा बदलाव, जो आजकल खासतौर से देखने को मिल रहा है, वह यह है कि महिलाएं नौकरी अथवा पढ़ाई के लिए या फिर कुछ अन्य कारणों से अकेली रह रही हैं। वे भी पुरुषों की तरह भागते हुए ऑफिस जा रही हैं। यह बदलाव काफी सुखद है। लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जब पुरुष बाहर जाते हैं तो महिलाएं उनके लिए भोजन आदि की व्यवस्था करती हैं। लेकिन जब महिला बाहर निकलती है तो उसके लिए कोई नहीं होता, जो उससे यह भी पूछे कि तुमने खाया या नहीं? वैसे भी कुकिंग को एक तरह से महिलाओं के हिस्से में डाल दिया गया। शायद इसीलिए पहले स्त्रियों के गुणों में पाक कला की निपुणता थी, मगर आज उनकी प्राथमिकता बदल गई है। जाहिर सी बात है कि इससे लड़कियों का पाक कला के प्रति रुझान भी बदल रहा है। इसके बावजूद जब कोई महिला परिवार के साथ रहती है तो सबकी पसंद के हिसाब से भोजन बनाती है और खुद भी वही खा लेती है। लेकिन समस्या तब आती है, जब वह अकेली रहती है। इसके अलावा हर समय घर और बाहर का काम करते-करते महिलाएं इतनी ऊब जाती हैं कि मौका हो, तब भी वे अपनी पसंद का खाना नहीं बनाना चाहती हैं।

Bu hikaye Rupayan dergisinin August 25, 2023 sayısından alınmıştır.

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