हर शहर में सौंदर्य प्रसाधनों से सजी दुकानें और उनमें खरीददारी करती ढेरों महिलाएं। आपको यह दृश्य लगभग हर शहर में देखने को मिल जाएगा। आज सभी अपने लुक को लेकर बहुत सजग हो गए हैं, लेकिन इतनी कॉस्मेटिक्स का बिकना केवल लुक का मामला है या फिर कोई मजबूरी? जो लोगों को इस प्रदूषण में त्वचा को स्वस्थ और सुंदर बनाने का भ्रम पैदा कर रही हैं। क्या वे वाकई काम करती हैं? बढ़ते प्रदूषण और हवाओं में घुलते जहर ने आज समय से पहले त्वचा पर बुढ़ापे का असर ला दिया है। आंखों के नीचे काले धब्बे, एक्ने और बालों से संबंधित समस्याओं को बढ़ा दिया है। 'द बॉम्बे स्किन क्लिनिक' के संस्थापक और चर्चित त्वचा विशेषज्ञ, डॉ. बतुल पटेल अपने एक लेख में लिखते हैं, "प्रदूषण में मौजूद बारीक कण उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप चेहरे पर झुर्रियां और महीन रेखाएं दिखने लगती हैं, ऐसा लगता है मानो समय से पहले उम्र बढ़ गई हो।"
प्रदूषण का असर सेहत और शरीर की सुंदरता पर तो पड़ता है, यह हमारे बजट को भी प्रभावित कर रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, जिन शहरों में हवा की गुणवत्ता जितनी खराब है, वहां सौंदर्य प्रसाधन पर महिलाओं का खर्च उतना ही ज्यादा है।
भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एसोचेम) द्वारा पिछले साल जारी एक व्यापक सर्वेक्षण बताता है कि दिल्ली में युवा पुरुष और महिलाएं अन्य महानगरीय में शहरों में अपने समकक्षों की तुलना में सौंदर्य प्रसाधन पर अधिक खर्च कर रहे हैं।
Bu hikaye Rupayan dergisinin January 12, 2023 sayısından alınmıştır.
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छोटी चोटें बड़ा जोखिम
घर के ढेर सारे काम करने के दौरान आपको जख्म या चोट लग जाती है, जिसका इलाज आप घर पर खुद ही कर लेती हैं, लेकिन हमेशा ऐसा करना आपको परेशानी में डाल सकता है।
मायके से अनूठा प्रेम
“असल में वह कंवलजीत के मायके की तरफ से आया था, इसलिए मुझसे नहीं रहा गया”, कहते हुए उनकी आंखों से कंवलजीत के लिए स्नेह उमड़ आया था।
पत्ते-पत्ते में सहित
स्वस्थ रहने के लिए सबसे जरुरी है पोष्टिक आहार का सेवन। ठंड का मौसम विशेष रूप से गलत त से पोषक तत्वों के सेवन के लिए उपयुक्त होता है, जो आपको हरी पत्तेदार सब्नियों के साथ-साथ अन्य सब्जियों के पत्तों से भी मिल सकता है।
उफ ! ये डैंड्रफ और हेयर फॉल
ठंडी हवाएं त्वचा की नमी को छीनती हैं और स्कैल्प को रुखा बना देती हैं। नतीजा, डैंड्रफ ओर बालों का झड़ना। लेकिन ऐसा क्यों होता है, आपने कभी जानने की कोशिश की?
नए साल में कुछ नया, कुछ पुराना
नए साल में नया फैशन आजमाएं ओर खुद को ताजगी से भरें ट्रेंडिंग रंगों, स्टाइलिश लुक ओर वाइब्रेंट एक्सेसरीज के साथ अपने वार्डरोब को अपडेट करें।
ये डर कहीं एब्लूटोफोबिया तो नहीं !
सर्दी के मोसम में बच्चे पानी को देखते ही भागने लगते हैं। ऐसे में उन्हें नहलाना आसान काम नहीं है। लेकिन अगर वे हर मौसम में ऐसा करते हैं तो यह एब्लूटोफोबिया' हो सकता है।
किचन का भी एक सिस्टम है
कई घरों में छोटा होने के कारण किचन हमेशा अव्यवस्थित दिखता है। इससे किचन में जाने का मन नहीं करता और समय पर चीजें भी नहीं मिलती हैं। ऐसे में क्या करती हैं आप?
क्या कहता है बालों का नया ट्रेंड
साल नया है, तो आपको अपने लुक और हेयर स्टाइल को भी बदल लेना चाहिए। इस समय कई ऐसे विंटर हेयर स्टाइल ट्रेंड में हैं, जो आपको सबसे खास और आकर्षक लुक दे सकते हैं।
उसका रुखा स्वभाव
अगर आपका बच्चा जरुरत से ज्यादा आक्रामक हो रहा है तो आपको उसके व्यवहार पर खास ध्यान देने की जरुरत है।
मॉर्निंग वॉक से सुधरेगी रिश्ते की सेहत
सुबह ताजगी से भरी होती है। जानकार कहते हैं कि मॉर्निंग वॉक से सिर्फ सेहत ही अच्छी नहीं रहती, बल्कि अगर कोई अनबन है तो सुबह की सैर आपके रिश्ते की सेहत को भी सुधार सकती है।