आपको पता हैं स्तनपान कराने के सही तरीके?
Rupayan|March 01, 2024
स्तनपान कराना एक सुखद अहसास है। इसके लिए आपको स्तनपान के सही तरीके को जानना बहुत जरूरी है।
आपको पता हैं स्तनपान कराने के सही तरीके?

ब्रेस्टफीडिंग मां के लिए एक सुखद अहसास होता है। यही वह समय होता है, जब मां और बच्चे के बीच एक गहरा रिश्ता बनता है। स्तनपान शिशु और मां, दोनों के लिए कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। मां का दूध एंटीबॉडी और आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने और उन्हें संक्रमण एवं बीमारियों से बचाने में मदद करता है। यह आसानी से पचने योग्य होता है और बढ़ते शिशु की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए सक्षम होता है। इसके अतिरिक्त स्तनपान मां और बच्चे, दोनों में मोटापा, मधुमेह कुछ प्रकार के कैंसर जोखिम को कम करने में सहायक होता है। हालांकि इसके और फायदों के बावजूद अगर स्तनपान सही ढंग से न कराया जाए तो यह चुनौतियां पैदा कर सकता है। इनमें सबसे आम चिंताओं में से एक है निप्पल का दर्द, जो अनुचित लैचिंग के कारण मां और बच्चे, दोनों के लिए कई समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।

Bu hikaye Rupayan dergisinin March 01, 2024 sayısından alınmıştır.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

Bu hikaye Rupayan dergisinin March 01, 2024 sayısından alınmıştır.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

RUPAYAN DERGISINDEN DAHA FAZLA HIKAYETümünü görüntüle
शाप भी देते हैं पितर
Rupayan

शाप भी देते हैं पितर

धर्मशास्त्रों ने श्राद्ध न करने से जिस भीषण कष्ट का वर्णन किया है, वह अत्यंत मार्मिक है। इसीलिए शास्त्रों में पितृपक्ष में पूर्वजों का श्राद्ध करने को कहा गया है।

time-read
2 dak  |
September 13, 2024
हर तिथि का अलग श्राद्धफल
Rupayan

हर तिथि का अलग श्राद्धफल

पितृपक्ष में पितरों के निमित्त तिथियों का ध्यान रखना भी जरूरी है। शास्त्रों के अनुसार, तिथि अनुसार किए गए श्राद्ध का फल भी अलग-अलग होता है।

time-read
2 dak  |
September 13, 2024
पितृदोष में पीपल की परिक्रमा
Rupayan

पितृदोष में पीपल की परिक्रमा

शास्त्रों के अनुसार, पितृपक्ष में पितृदोष दूर करने के उपाय जरूर करने चाहिए, ताकि पितर प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दें।

time-read
2 dak  |
September 13, 2024
पिंडदान के अलग-अलग विधान
Rupayan

पिंडदान के अलग-अलग विधान

व्यक्ति का अंत समय कैसा रहा, इस आधार पर उसकी श्राद्ध विधि भी विशेष हो जाती है। अलग-अलग मृत्यु स्थितियों के लिए अलग-अलग तरह से पिंडदान का विधान है।

time-read
2 dak  |
September 13, 2024
पितृपक्ष में दान
Rupayan

पितृपक्ष में दान

भारतीय संस्कृति में दान की महत्ता अपरंपार है। लेकिन पितृ पक्ष के दौरान दान का विशेष महत्व है। कुछ वस्तुओं के दान को तो महादान माना गया है।

time-read
2 dak  |
September 13, 2024
जैसी श्रद्धा, वैसा भोज
Rupayan

जैसी श्रद्धा, वैसा भोज

पितृपक्ष में ब्राह्मण भोज जरूरी है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति अत्यंत गरीब है तो वह जल में काले तिल डालकर ही पूर्वजों का तर्पण कर सकता है।

time-read
2 dak  |
September 13, 2024
स्त्रियों को भी है अधिकार
Rupayan

स्त्रियों को भी है अधिकार

यदि परिवार में कोई पुरुष सदस्य नहीं है तो ऐसी स्थिति में स्त्री भी संकल्प लेकर श्राद्ध कर सकती है। शास्त्रों ने इसके लिए कुछ नियम बताए हैं।

time-read
2 dak  |
September 13, 2024
निस्संतान के श्राद्ध की विधि
Rupayan

निस्संतान के श्राद्ध की विधि

शास्त्रों के अनुसार, पुत्र ही पिता का श्राद्ध कर्म करता है। ऐसे में जो लोग निस्संतान थे, उन्हें तृप्ति कैसे मिलेगी ? शास्त्रों ने उनके लिए भी कुछ विधान बताए हैं।

time-read
2 dak  |
September 13, 2024
पंडित न हों तो कैसे करें पिंडदान
Rupayan

पंडित न हों तो कैसे करें पिंडदान

पिंडदान के लिए यदि कोई पंडित उपलब्ध नहीं हो पा रहा है तो ऐसे में शास्त्रों ने इसका भी मार्ग बताया है, जिससे आप श्राद्ध कर्म संपन्न कर सकते हैं।

time-read
1 min  |
September 13, 2024
किस दिशा से पितरों का आगमन
Rupayan

किस दिशा से पितरों का आगमन

पितरों के तर्पण में कुछ वास्तु नियम भी बहुत महत्वपूर्ण हैं, जिनके पालन से तर्पण का अधिकतम लाभ होता है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

time-read
2 dak  |
September 13, 2024