
आज छुट्टी का दिन है। पूरा परिवार इकट्ठा है। और संगीता के सास-ससुर, ननद, देवर तथा अन्य सभी सदस्य आए हुए हैं। सभी मिलकर उसके बेटे अरुण के लिए स्कूल का चुनाव कर रहे हैं। संगीता पढ़ी-लिखी नहीं है, जिस वजह से वह सभी के सामने अपनी राय रखने में झिझक रही है। वह इसलिए भी अपनी बात करने में झिझक और शर्म महसूस कर रही है, क्योंकि जब भी वह कोई बात अपने ससुराल वालों के सामने रखती है तो सभी उस पर हंसने लगते हैं और उसे कह देते हैं कि "तुम जानती ही क्या हो, जो अपनी राय दे रही हो।" लेकिन जब भी वह सभी के लिए कुछ अच्छा बनाती है तो सब उसकी तारीफ करते हैं, जिस पर वह हल्का-सा मुस्कुराकर शर्मा जाती है। संगीता की सास को उसका यूं शर्माना अच्छा लगता है। इसके साथ ही संगीता हमेशा सामाजिक कार्यक्रमों में जाने और किसी से बात करने में भी शर्माती है। वह अक्सर ऐसी जगहों पर यह महसूस करती है। कि वह अच्छी नहीं दिख रही, उसकी साड़ी ठीक नहीं है। वह जब भी लोगों को उसकी तरफ देखते हुए पाती है तो उसे लगता है कि वे उसके बारे में ही कुछ बातें बना रहे हैं, क्योंकि वह अच्छी नहीं लग रही।
क्या शर्मीलापन हमारे व्यक्तित्व से जुड़ी कोई ऐसी चीज है, जिसकी हमें जरूरत होती है? आमतौर पर महिलाओं में शर्मीलापन उनकी चारित्रिक शालीनता मानी जाती है, तो पुरुषों में इसे एक तरह से कमजोरी और आत्मविश्वास की कमी के तौर पर देखा जाता है। हमारा समाज भी हमेशा से यह कहता रहा है कि स्त्री के लिए शर्म गहने के समान है। स्त्री अगर शर्मीली है तो उसे संस्कारवान समझा जाता है, लेकिन जब वह स्त्री बोलती है, अपनी राय रखती है तो वही लोग उसके चरित्र पर सवाल खड़े कर देते हैं। उसे कैसे चलना है, क्या पहनना है, कितना बोलना है और कैसे हंसना है, ये सब तय करने की कोशिश करते हैं। शील और शर्म ही महिला के चारित्रिक गुण हैं, ऐसा नहीं है। कई मामलों में यही शर्मीलापन उनके लिए मुसीबत बन जाता है। शर्मीले लोग अक्सर दूसरों से अपनी अवास्तविक तुलना करते हैं और यह मानते हैं कि दूसरे लोग उनके बारे में बुरा सोच रहे हैं। यही सोच उनके लिए नए अवसरों को खो देने का कारण भी बनती है।
Bu hikaye Rupayan dergisinin April 12, 2024 sayısından alınmıştır.
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लगाती हैं आर्टिफिशियल नेल?
हाथों की खूबसूरती में चार-चांद लगाते हैं नाखून। नेल एक्सटेंशन इसकी सुंदरता को और अधिक निखार देते हैं। लेकिन कहीं ये आपके नेचुरल नाखूनों को नुकसान तो नहीं पहुंचा रहे !

अपनी राह अपनी मा जिल
कई महिलाएं अपने दम पर अलग पहचान बनाती हैं। वे समाज के उन लोगों के लिए हाथ बढ़ाती हैं, जिन्हें कभी मौका नहीं मिला। वे उन्हें राह दिखाती हैं और सशक्त बनाती हैं। ऐसी महिलाएं प्रेरक होती हैं।

झूठे ख्वाबों की दुनिया
हमारा आने वाला कल खूबसूरत हो, इसके लिए हम तमाम योजनाएं बनाते हैं। मगर हमेशा आने वाले कल की ही बातें करना और लुभावने वादों में फंस जाना 'फ्यूचर फेकिंग' हो सकता है।

अगर निकलवाना पड़ जाए यूट्रस
यूस यानी गर्भाशय निकलवाने का विचार किसी भी महिला के लिए बेहद डरावना होता है। ऐसे में इसकी प्रक्रिया, जोखिम और पुनः स्वस्थ होने की प्रक्रिया को समझना बहुत जरूरी है।

उम्र क्या चीज है ...
आप बेहद खूबसूरत हैं, फिर चाहे आपकी उम्र 40 हो या उससे ज्यादा। ऐसे में क्यों केवल सूट-सलवार तक सिमट कर रहना? आप हर उम्र में अपने स्टाइल का जलवा बिखेर सकती हैं।

डिलीवरी बॉय
क्या हुआ, कुछ दिक्कत है क्या?\" पीछे से किसी ने आवाज दी। रश्मि ने पलटकर देखा तो एक फूड डिलीवरी बॉय था।

सजी-संवरी घर की दीवारें
घर की खाली दीवारें उबाऊ-सी लगती हैं, जिन पर किसी का कोई खास ध्यान नहीं जाता। लेकिन अगर इन्हें सुंदर वॉल आर्ट डिजाइन से सजा दिया जाए तो ये आकर्षण का केंद्र बन जाती हैं।

फंकी मेकअप आप हो जाएंगी खास
अगर आप अपने लुक के साथ एक्सपेरिमेंट करना चाहती हैं तो फंकी मेकअप आपके लिए ही है। यह बोल्ड लुक, अनोखे रंग, टेक्सचर और स्टाइल चुनने का विकल्प देता है।

घर का करें 'ड्रेसअप'
आप जैसे ही घर में थोड़ा-सा भी परिवर्तन करती हैं तो मेहमानों से लेकर सबका ध्यान बदलाव पर जाता है। इसलिए समय-समय पर घर का ड्रेसअप करती रहें।

दोस्त नहीं और दुश्मन भी नहीं
कुछ दोस्त ऐसे होते हैं, जो कहने को तो दोस्ती का रिश्ता रखते हैं, मगर आपकी पीठ पीछे आपसे दुश्मनी निभाते हैं। ऐसे दोस्तों को 'फ्रेनेमी' नाम दिया गया है।