नौ वर्षीय शुभांगी की मां मोनिका पहले पहल बच्चों की गर्मी की छुट्टियों को लेकर काफी उधेड़बुन में रहती थीं कि इस डेढ़ महीने बेटी का रूटीन क्या रखें, जिससे कि वह बोर न हो और कुछ नया भी सीख सके। मगर अब वह अब इस उधेड़बुन में नहीं रहतीं। वह बताती हैं, "मैंने पिछली गर्मी की छुट्टियों में शुभांगी के लिए पूरे छह हफ्ते की योजना बनाई। इसमें मैंने उसकी डांस, पेंटिंग, स्केटिंग क्लासेस के साथ-साथ समर कैंप को शामिल किया। होमवर्क एवं पढ़ाई का समय भी निर्धारित किया। मेरी कोशिश रही कि उसे अपनी रुचि की चीजें सीखने का मौका मिले, जिसका मुझे फायदा भी दिखा। अब हर साल शुभांगी के साथ ही मुझे भी उसकी छुट्टियों का इंतजार रहता है। मुझे लगता है कि समर कैंप, हॉबी क्लास या स्किल बेस्ड वर्कशॉप से बच्चों को कई तरह के फायदे होते हैं। इससे क्रिएटिविटी के साथ उनकी सोच का दायरा भी बढ़ता है। उनकी जिज्ञासा बढ़ती है और वे चीजों को नए नजरिए से देख पाते हैं।” अब जब गर्मी की छुट्टियां नजदीक आ रही हैं, सभी माता-पिता की बेचैनी भी बढ़ रही है कि कैसे वे अपने बच्चों की शरारतों को काबू में रखते हुए उन्हें कुछ नया सिखाएं और उनकी इन छुट्टियों को मजेदार बनाएं।
■ कला को निखारने का समय
इसमें दो मत नहीं कि पहले की अपेक्षा गर्मी की छुट्टियों का स्वरूप आज काफी बदल चुका है। यह सिर्फ कहीं घूमने-फिरने या होमवर्क पूरा करने तक सीमित नहीं रहा, बल्कि बच्चे इस समय का भरपूर फायदा उठाने में ज्यादा रुचि रखते हैं। वे थिएटर, पॉटरी, स्विमिंग, टेनिस, बास्केटबॉल, म्यूजिक से लेकर नई भाषाएं और स्टोरी टेलिंग जैसी विधाएं सीख रहे हैं। आठ साल की मानुषि को कहानियों से खास लगाव है। वह अपने खाली समय में शौकिया तौर पर छोटी-छोटी कहानियां लिखती रहती है। एक दिन उसे किसी ने स्टोरी टेलिंग के बारे में बताया। मानुषि ने तभी तय कर लिया कि स्कूल की छुट्टियों में वह इस कला को सीखेगी। इसके लिए उसने अपने माता-पिता से बात की और बिना देर किए इसकी वर्कशॉप में अपना पंजीकरण करा लिया। मानुषि बताती है, "मैंने स्टोरी टेलिंग की तीन दिन की एक ऑनलाइन वर्कशॉप पूरी की, जिसमें मुझे बहुत मजा आया। मैं आगे भी और ऐसी ही वर्कशॉप में हिस्सा लेती रहूंगी।"
Bu hikaye Rupayan dergisinin May 03, 2024 sayısından alınmıştır.
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ढीला ढक्कन
“ओफ्फो श्रेया, कुछ काम तो तसल्ली से कर लिया करो। पता नहीं क्यों, हर समय जल्दबाजी में रहती हो?”श्रेया ने आवाज सुन वहीं से जानना चाहा और बोली, “अब क्या हुआ शेखर? क्या कर दिया मैंने?”
सर्दी के मौसम में अदरक का साथ
सर्दियों में अदरक का सेवन करने से शरीर को गरमी और ऊर्जा मिलती है, लेकिन इसका सेवन कितनी मात्रा में करना चाहिए?
ये परदे कुछ खास हैं
परदे घर की खूबसूरती को बढ़ाते हैं और कमरे में रंग, पैटर्न और टेक्सचर की छटा बिखेरते हैं। परदे बाहर से आने वाली गंदगी को घर में आने से भी रोकते हैं और कमरे में एकांत की भावना पैदा करते हैं। इसके साथ ही खूबसूरत परदों के इस्तेमाल से फर्नीचर की शोभा भी बढ़ जाती है। आजकल बाजार में कई डिजाइनों के खूबसूरत परदे आसानी से मिल जाते हैं, जिससे घर की खूबसूरती में चार-चांद लगाए जा सकते हैं।
कहीं छोटा न रह जाए!
बच्चों की हाइट को लेकर कई माता-पिता परेशान रहते हैं, खासतौर से जिनकी हाइट उम्र के हिसाब से कम होती है। जानकार कहते हैं कि ऐसे में आत्मविश्वास को कमजोर न होने दें।
जेन-जी का आकर्षक स्टाइल
जेन-जी के फैशन ट्रेंड्स ने सर्दियों के फैशन को एक नया आयाम दिया है। उसकी स्टाइलिंग में एक ऐसा कॉन्फिडेंस और इनोवेशन है, जो उसे भीड़ में भी सबसे खास दिखाता है।
क्या फट गई हैं एड़ियां?
सर्दियों में कई महिलाओं की एड़ियां फटने लगती हैं। कभी-कभी तो यह समस्या इतनी विकराल हो जाती है कि एड़ियों खून तक आने लगता है। ऐसे आप क्या करती हैं?
नए साल में खिलें फूल की तरह!
दिन बदले। साल बदल गए। खुद को कितना बदला आपने? खुद को कितना 'नया' बनाया आपने? समय-समय पर सकारात्मक बदलाव जरूरी हैं, तभी जिंदगी में कुछ नया होता है।
सपनों की स्टीयरिंग
उस वक्त रोजगार की कोई खास समस्या नहीं थी। समस्या थी तो बस पिता के पास बैठ अपने सपने की बात करना।
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तंदूरी प्याज कुलचा
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