सावन में सबके शिव
Rupayan|July 19, 2024
सावन को मनभावन कहते हैं। सावन में प्रकृति झूम उठती है। प्रकृति में शिव रहते हैं और शिव की आराधना सावन के दिनों अमोघ फल देने वाली होती है। इस बार सावन में पांच सोमवार पड़ रहे हैं, जो विशेष फलदायी हैं।
गुंजन वार्ष्णेय
सावन में सबके शिव

ऋतु बदलते ही सावन और मन बदलते ही जीवन में उमंग की बहार आ जाती है और मनुष्य को जीवन का कायाकल्प करने का एक अन्य अवसर फिर से मिल जाता है, ताकि वह अपने हाथों से भाग्य का नवसृजन कर सके। यूं तो भाग्य एवं भविष्य में घटित होने वाली घटनाओं को बदलना कठिन है, मगर शिव आराधना से भविष्य को सुधारा अवश्य जा सकता है। धर्मशास्त्रों में भगवान शिव के विषय में कहा गया है, 'भावी मेट सकहिं त्रिपुरारी', अर्थात शिव भावी को मेटने में समर्थ हैं, वे ललाट में लिखे विधाता के लेख को भी बदल सकते हैं, इसलिए सावन में शिव आराधना आवश्यक मानी गई है। सावन के महीने में शिव की आराधना अंतर्मन के दुखों को दूर करके ग्रह कष्ट एवं अन्य किसी भी प्रकार की बाधा को दूर कर जीवन में उमंग एवं शुभ तत्व की वृद्धि करती है।

■ शिव की आराधना के दिन

शिव की आराधना से मन का दुख और शरीर का कष्ट कम होने लगता है, जिससे जीवन में चमत्कारिक अनुभूति होती है। हर प्रकार के दुख एवं संताप से बचने के लिए, घर-परिवार की सुरक्षा के लिए, स्त्रियों को सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना अवश्य करनी चाहिए। भगवान शिव शीघ्र ही प्रसन्न होकर मनोकामना पूर्ति करने वाले देव हैं। भगवान शिव कुंआरी कन्याओं को मनचाहा वर, विवाहिता को संतान सुख आदि प्रदान करते हैं, इसलिए शिव की आराधना करने वाला मनुष्य पृथ्वी पर हर समय सुखपूर्वक निवास करता है। शिव को प्रसन्न करने के लिए सावन मास से बेहतर कोई अन्य समय नहीं है।

■ दांपत्य जीवन के लिए

सावन के महीने में प्रतिदिन भोले शंकर भगवान को जल चढ़ाकर बेल-पत्र अर्पण करने से उनकी विशेष अनुकंपा प्राप्त होती है। चातुर्मास प्रारंभ होने के बाद यह पहला माह आता है। इसमें चंद्रोदय व्यापिनी द्वितीया तिथि में अशून्य शयन का व्रत किया जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस व्रत को करने से पति-पत्नी का दांपत्य जीवन अक्षुण्ण अर्थात लंबी अवधि तक बना रहता है। इसका मान 22 जुलाई, सोमवार को होगा। चंद्रोदय रात्रि 7:53 बजे चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाएगा।

■ पांच सोमवार बेहद खास

Bu hikaye Rupayan dergisinin July 19, 2024 sayısından alınmıştır.

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