उसना चावल, अरहर की दाल, रसेवाली मौसमी सब्जी, आलू की क्रिस्पी भुजिया, सत्तू के परांठे, लौकी का रायता और भी ना जाने क्या-क्या ! सब्जियां व नॉनवेज सरसों तेल में बनते हैं, वहीं दाल को हींग से नहीं, पंचफोड़न से छौंका जाता है। चूड़ा-दही फेवरेट नाश्ता है, तो सरसोंवाली मछली का जवाब नहीं ! मखाने यहां खूब उपजते हैं, तो वह भी यहां का पसंदीदा स्नैक है। यहां एक ही चीज की कई रेसिपीज मिल जाएंगी जैसे सत्तू के परांठे बनाएं, दूध या पानी से गूंध कर खा लें या गरमियों में ड्रिंक बना कर पी लें। चूड़ा को दही के साथ खाएं, फ्राई करके मूंगफली वगैरह डाल कर हेल्दी स्नैक बना लें या पोहा बना लें। परवल की यहां खूब पैदावार होती है, तो रसेवाली सब्जी, सूखी भुजिया, परवल का मुरब्बा भी बहुत अच्छा बनता है। चने की घुघनी, पकौड़े, भूंजा बनाए जाते हैं, तो इसे तोरई में डाल कर मस्त सब्जी बनती है। बिहारी स्टाइल में बनी नॉनवेज डिश का कौन नहीं दीवाना ! यहां की सांस्कृतिक विरासत ही नहीं, खानपान भी बहुत मशहूर है।
रसिया
सामग्री : 1 लीटर गन्ने का रस, 200 ग्राम चावल, 1 छोटा चम्मच इलायची पाउडर, 1/4 छोटा चम्मच गोल मिर्च पाउडर, 1 बड़ा चम्मच बारीक कटे मेवे और 1 छोटी कटोरी दूध।
विधि : गन्ने के रस को उबलने दें। उसमें झाग दिखे, तो उसे बाहर निकाल दें। जब उबाल आ जाए तो उसमें चावल धो कर डाल दें और धीमी आंच पर बीच-बीच में चलाते हुए पकाएं। जब पक जाए, तो उसमें इलायची पाउडर, गोल मिर्च और मेवा डाल कर मिक्स करें और आंच बंद कर दें अब उसमें दूध मिला कर गरम सर्व करें।
Bu hikaye Vanitha Hindi dergisinin March 2023 sayısından alınmıştır.
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