बच्चों को डांटना तो पेरेंट्स के लिए बड़ी आम सी बात है। लेकिन कई बार हम उन्हें डांटते हुए यह भूल जाते हैं कि हमारी कही हुई बातें उनके मन पर बहुत असर डालती हैं। दूसरे बच्चों से उनकी तुलना करना, जरूरत से ज्यादा अपेक्षाएं रखना, उनकी कमियों को गिनाना- ये सब ऐसी बातें हैं, जो उनके मन पर नकारात्मक असर डालती हैं। चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट मीमांसा का कहना है, "आजकल पेरेंट्स पर सोशल प्रेशर इतना ज्यादा होता है कि वे अपने बच्चों को भी इसका हिस्सा बना लेते हैं। यह रवैया बच्चों के मन पर बुरा असर डालता है। उन्हें लगता है कि वे लाइफ में उतना अच्छा परफॉर्म नहीं कर पा रहे हैं, जितना उन्हें करना चाहिए। इस वजह से उनमें एग्रेशन, लो सेल्फ एस्टीम, कॉन्फिडेंस की कमी होने लगती है। पेरेंट्स को चाहिए कि वे बच्चों को मोटिवेट करने के लिए अपनी बातों व बॉडी लैंग्वेज में मोटिवेशन लाएं, इससे बच्चे में अंदर से कुछ अच्छा करने की भावना विकसित होगी।"
Bu hikaye Vanitha Hindi dergisinin February 2024 sayısından alınmıştır.
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चिल्ड्रंस डे कुछ सवाल
अगर आज हम अपने बच्चों को बेहतर वर्तमान देने की हैसियत रखते हैं तो कल | हम देश के बेहतर भविष्य की गारंटी दे सकते हैं। चिल्ड्रंस डे पर दो अहम मुद्दे, जिन पर ध्यान देना जरूरी है। ये दोनों बातें बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं और इन्हें समझने की जरूरत है।
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