दो ऋतुओं के बीच का मौसम है सितंबर, जब आने वाली सरदियों के लिए बगीचे तैयार किए जाने लगते हैं। इस मौसम में कुछ खास फूल लगाए जा सकते हैं, जो जाड़ों भर और उसके बाद भी आपके बगीचे को रंग और खुशबू से सराबोर कर देंगे। ये सभी लो मेंटेनेंस पौधे हैं, जिन्हें एक बार लगाने के बाद खास देखभाल की जरूरत नहीं होती।
गेंदा
यों तो इसे साल भर लगाया सकता है, लेकिन सितंबर इसका बी लगाएंगे तो गारंटी है कि सरदियों भर यह आपके गुलशन को गुलजार रखेगा। इस महीने गेंदे के बीजों को सीडिंग ट्रे में लगाएं। लगभग एक महीने के भीतर पौधे उग आएंगे। कुछ बड़े हो जाएं तो इन्हें गमलों में शिफ्ट कर दें। प्लांटिंग के एक-डेढ़ महीने के भीतर ही इनमें फूल आने शुरू हो जाते हैं।
गेंदे के फूल का धार्मिक महत्व तो है ही, डेकोरेशन के लिए भी इनके फूलों का उपयोग सर्वाधिक होता है, क्योंकि ये जल्दी मुरझाते नहीं। गेंदों में अलग-अलग किस्में मिलती हैं। छोटे पीले और गाढ़े फूल, बड़े हाइब्रिड पीले फूल और छोटे पीले फूल। हर वेरायटी लगा सकते हैं। इन्हें लगाने का एक फायदा यह भी है कि ये कीट प्रतिरोधी हैं। इन्हें सीधे धूप में रखें और मौसम के अनुरूप थोड़ा-थोड़ा पानी देते रहें। ध्यान रहे कि गमले में मिट्टी बहुत भारी ना हो और पानी की निकासी अच्छी तरह होती रहे।
रात की रानी
इस खुशबूदार दूधिया सफेद या हल्के पीले फूल को चाहिए नमी और बलुई मिट्टी। दिलचस्प तथ्य यह है कि इसकी लगभग 200 किस्में मौजूद हैं। इसलिए नर्सरी से खरीदते हुए या माली से लगवाते हुए जानकारी ले लें कि कौन सी किस्म आपको मिल रही है। कुछ किस्मों में खुशबू कम होती है। कलम या बीज, इसे दोनों तरह से लगा सकते हैं। यह पौधा जमीन पर ज्यादा खुश रहता है, लेकिन बड़े गमले में भी इसे लगा सकते हैं। इसे कम धूप वाली जगह पर रखें और पानी देते रहें। अगर आप इसकी कलम को पानी से भरे जग में कुछ दिन छोड़ दें तो पाएंगे कि इसमें अंखुए फूटने लगे हैं और जड़ें दिखने लगी हैं। कलम लगाते हुए ध्यान दें कि इसमें फूल या कली ना हो, बस दो-तीन पत्तियां हों। एक-दो हफ्तों में नयी पत्तियां आने लगेंगी। अच्छी बढ़त के लिए सीवीड या फिश इमल्सन फर्टिलाइजर का घोल स्प्रे करें। महीने में एकाध बार ऑर्गेनिक या नाइट्रोजन खाद प्रयोग कर सकते हैं।
Bu hikaye Vanitha Hindi dergisinin September 2024 sayısından alınmıştır.
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