कहते हैं, प्रेम की परिभाषा सबकी अपनी-अपनी होती है और उसे गढ़ने में हरेक को अपने मनोभावों की माटी ही लगानी होती है। भाव से भाव बंधते जाते हैं और इस जुड़ाव को व्यक्त करने के लिए शब्दों को माध्यम ढूँढ़ने पड़ते हैं। और ये माध्यम कौन-से होंगे, यह बस प्रेम-उमड़ता मन ही जानता है कि उसे सुकून शान्ति मिलेगी तो किससे, प्रेमपत्रों से या प्रेम-मनुहार पगे शब्द-सेतुओं से।
यह किताब छत्तीस ऐसे पत्रों का संकलन है जिनमें प्रेम है, आसक्ति है, और है रोम-रोम को झुलसाता प्रेमपीड़ा का गान, वो भी असग़र वजाहत, अनामिका, नन्द भारद्वाज, सविता सिंह-पंकज सिंह, मैत्रेयी पुष्पा, हुज़ैफा पंडित, वंदना टेटे, के सच्चिदानंदन, जयंती रंगनाथन, गीताश्री, उषाकिरण खान, आलोक धन्वा... जैसे हिन्दी साहित्य जगत के कुछ चुनिन्दा सृजनकारों की कलम से लिखे और उनके शब्दों से जगमगाते! क्या पता, यह संकलन प्रेम करने के लिए तत्पर कर दे और इन पत्रों से प्रेरित हो आप एक नया अध्याय प्रेमपत्रों का लिखने लग जाएँ क्योंकि प्रेमपत्र सिर्फ़ शब्द नहीं होते, जीजिविषा होती है स्वयं को उन्मुक्त करने की, व्यक्त करने की।
प्रेमपत्र लिखना और प्रेमपत्र पाना, ये दोनों बातें गहरा रोमांच पैदा करती हैं। आज जब पत्र-लेखन लगभग परिदृश्य से बाहर होता जा रहा है ऐसे में पेंगुइन रैंडम हाउस और हिन्द पॉकेट बुक्स एक किताब लेकर उपस्थित हुई है जिसका नाम है 'यारेख'। इसमें छत्तीस रचनाकारों के प्रेमपत्र हैं। इसे संपादित किया है हिंदी की जानी-मानी कवियत्री अनामिका अनु ने।
इस किताब का संपादकीय जहाँ एक ओर आपका ध्यान आकर्षित करती है वहीं दूसरी ओर इस संग्रह के छत्तीस पत्र आपका त' आरुफ़ प्रेम के छत्तीस सुंदर रंग-राग से करवाते हैं।
Bu hikaye Samay Patrika dergisinin August 2023 sayısından alınmıştır.
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इज़रायल-फ़िलिस्तीन संघर्ष और उसकी जटिल सामाजिक-मानवीय परिणतियों का गहन अध्ययन
यह पुस्तक इज़रायल-फ़िलिस्तीन संघर्ष और उसकी जटिल सामाजिक-मानवीय परिणतियों का गहन अध्ययन प्रस्तुत करती है। इसमें कहानियों, कविताओं, साहित्यिक-राजनीतिक लेखों, साक्षात्कारों और टिप्पणियों का संग्रह है जो इस संघर्ष के विभिन्न पहलुओं को उजागर करते हैं।
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प्रभात प्रकाशन विभिन्न विधाओं की पुस्तकें प्रकाशित करता है, जैसे-रंगीन बाल साहित्य, प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं-यू.पी.एस.सी., एस.एस.सी., बैंकिंग, रेलवे इत्यादि की पुस्तकें। फिक्शन और नॉन-फिक्शन, जिनमें धन प्रबंधन, शेयर मार्केट, मन शरीर व आत्मा, प्रेरणादायक जीवनियाँ और आत्मकथाएँ, व्यक्तित्व विकास, व्यवसाय, राजनीति आदि की पुस्तकें शामिल हैं। प्रभात प्रकाशन प्रा. लि. के निदेशक, पीयूष कुमार से खास बातचीत....
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डेल कारनेगी की पुस्तक 'अच्छा बोलने की कला और कामयाबी' के माध्यम से आप बातचीत कौशल में सुधार कर सकते हैं और महान वक्ता बनने की कड़ी मेहनत में नई ऊँचाइयों तक पहुँच सकते हैं।