यह कृषि क्षेत्र में उपयोग किए जाने वाले बेहतरीन उपकरणों में से एक है, जो खेतीबारी से जुड़े अनेक छोटेबड़े कामों को और भी अधिक आरामदायक बनाता है. इस का इस्तेमाल खेत की जुताई, थ्रैशर, रीपर, कल्टीवेटर, बीज ड्रिल मशीन, पावर टिलर में पानी का पंप जोड़ कर किसान तालाब, पोखर, नदी आदि से पानी निकाल सकते हैं.
इसे चलाना बेहद ही आसान होता है, क्योंकि यह बहुत ही हलका और सुरक्षित होता है. इसे आप दोपहिए वाला ट्रैक्टर भी कह सकते हैं, जिसे कोई भी आराम से कहीं भी ले जा सकता है.
कुछ खास पावर टिलर
सम्यक एसटी 960
यह पावर टिलर एक सिलैंडर, 12 एचपी (हौर्सपावर) और 2000 आरपीएम रेटेड इंजन के साथ आता है. इस में 4 स्ट्रोक डीआई डीजल इंजन और सिंगल क्लच दिया गया है. इस में 744 सीसी का शक्तिशाली इंजन और 6 फारवर्ड + 2 रिवर्स गियर बौक्स दिए गए हैं.
सम्यक एसटी 960 पावर टिलर 11 लिटर की डीजल टैंक क्षमता और इस की अधिकतम स्पीड 15 किलोमीटर प्रति घंटा है. इस में कूलिंग के लिए वाटर कूल्ड थर्मोसाइफन भी दिया गया है. भारतीय बाजार में सम्यक एसटी 960 की कीमत लगभग 1.50 लाख से 1.75 लाख रुपए तक है.
होंडा एफजे 500
होंडा एफजे 500 पावर टिलर कृषि क्षेत्र में बहुत ही उपयोगी है. यह होंडा पावर टिलर एक मिनी पावर टिलर है. इस का रखरखाव और लागत कम है. यह टिलर सभी जुताई के कामों को कुशलतापूर्वक करता है.
इस में 1 सिलैंडर और 163 सीसी का इंजन दिया गया है. यह 4 स्ट्रोक इंजन और 5.5 एचपी (हौर्सपावर) के साथ आता है.
इस पावर टिलर का कुल वजन 105 किलोग्राम है. इस में 2.4 लिटर की डीजल टैंक क्षमता है. इस पावर टिलर में 2 फारवर्ड +1 रिवर्स गियर बौक्स दिया गया है. होंडा एफजे 500 की कीमत तकरीबन 68,000 से 1 लाख रुपए तक है.
वीएसटी शक्ति 135 डीआई अल्ट्रा
वीएसटी शक्ति 135 डीआई अल्ट्रा पावर टिलर सब से उन्नत मशीनों में से एक है, जो खेतों में शानदार प्रदर्शन प्रदान करता है.
वीएसटी शक्ति 135 डीआई अल्ट्रा पावर टिलर 13 एचपी ( हौर्सपावर) और 2400 आरपीएम रेटेड इंजन के साथ आता है. इस में 673 सीसी का शक्तिशाली इंजन दिया गया है.
Bu hikaye Farm and Food dergisinin August First 2022 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye Farm and Food dergisinin August First 2022 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
कचरे के पहाड़ों पर खेती कमाई की तकनीक
वर्तमान में कचरा एक गंभीर वैश्विक समस्या बन कर उभरा है. भारत की बात करें, तो साल 2023 में पर्यावरण की स्थिति पर जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में प्रतिदिन तकरीबन डेढ़ करोड़ टन ठोस कचरा पैदा हो रहा है, जिस में से केवल एकतिहाई से भी कम कचरे का ठीक से निष्पादन हो पाता है. बचे कचरे को खुली जगहों पर ढेर लगाते हैं, जिसे कचरे की लैंडफिलिंग कहते हैं.
सर्दी की फसल शलजम
कम समय में तैयार होने वाली फसल शलजम है. इसे खास देखभाल की जरूरत नहीं होती है और किसान को क मुनाफा भी ज्यादा मिलता है. शलजम जड़ वाली हरी फसल है. इसे ठंडे मौसम में हरी सब्जी के रूप उगाया व इस्तेमाल किया जाता है. शलजम का बड़ा साइज होने पर इस का अचार भी बनाया जाता है.
राममूर्ति मिश्र : वकालत का पेशा छोड़ जैविक खेती से तरक्की करता किसान
हाल के सालों में किसानों ने अंधाधुंध रासायनिक खादों और कीटनाशकों का प्रयोग कर धरती का खूब दोहन किया है. जमीन से अत्यधिक उत्पादन लेने की होड़ के चलते खेतों की उत्पादन कूवत लगातार घट रही है, क्योंकि रसायनों के अंधाधुंध प्रयोग के चलते मिट्टी में कार्बांश की मात्र बेहद कम हो गई है, वहीं सेहत के नजरिए से भी रासायनिक उर्वरकों से पैदा किए जाने वाले अनाज और फलसब्जियां नुकसानदेह साबित हो रहे हैं.
करें पपीते की वैज्ञानिक खेती
पपीता एक महत्त्वपूर्ण फल है. हमारे देश में इस का उत्पादन पूरे साल किया जा सकता है. पपीते की खेती के लिए मुख्य रूप से जाना जाने वाला प्रदेश झारखंड है. यहां उचित जलवायु मिलने के कारण पपीते की अनेक किस्में तैयार की गई हैं.
दिसंबर महीने के जरुरी काम
आमतौर पर किसान नवंबर महीने में ही गेहूं की बोआई का काम खत्म कर देते हैं, मगर किसी वजह से गेहूं की बोआई न हो पाई हो, तो उसे दिसंबर महीने के दूसरे हफ्ते तक जरूर निबटा दें.
चने की खेती और उपज बढाने के तरीके
भारत में बड़े पैमाने पर चने की खेती होती है. चना दलहनी फसल है. यह फसल प्रोटीन, फाइबर और विभिन्न विटामिनों के साथसाथ मिनरलों का स्त्रोत होती है, जो इसे एक पौष्टिक आहार बनाती है.
रोटावेटर से जुताई
आजकल खेती में नएनए यंत्र आ रहे हैं. रोटावेटर ट्रैक्टर से चलने वाला जुताई का एक खास यंत्र है, जो दूसरे यंत्रों की 4-5 जुताई के बराबर अपनी एक ही जुताई से खेत को भुरभरा बना कर खेती योग्य बना देता है.
आलू खुदाई करने वाला खालसा पोटैटो डिगर
खालसा डिगर आवश्यक जनशक्ति और समय बचाता है. इस डिगर को जड़ वाली फसलों की खुदाई के लिए डिजाइन किया गया है. इस का गियर बौक्स में गुणवत्तापूर्ण पुरजों का इस्तेमाल किया गया है, जो लंबे समय तक साथ देने का वादा करते हैं.
कृषि एवं कौशल विकास से ही आत्मनिर्भर भारत बन सकेगा
बातचीत : गौतम टेंटवाल, कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री, मध्य प्रदेश
गेहूं में खरपतवार नियंत्रण के प्रभावी उपाय
खरपतवार ऐसे पौधों को कहते हैं, जो बिना बोआई के ही खेतों में उग आते हैं और बोई गई फसलों को कई तरह से नुकसान पहुंचाते हैं. मुख्यतः खरपतवार फसलीय पौधों से पोषक तत्त्व, नमी, स्थान यानी जगह और रोशनी के लिए होड़ करते हैं. इस से फसल के उत्पादन में कमी होती है.