तिल की खेती
Farm and Food|August Second 2022
आमतौर पर तिल 2 प्रकार के होते हैं यानी काले व सफेद.
शैलेंद्र सिंह
तिल की खेती

तिल का इस्तेमाल तेल निकालने और तमाम तरह के पकवान बनाने में किया जाता है. तिल की खली पशुओं को खिलाई जाती है. यह स्वाद में मीठी व चिकनी होती है.

काले तिलों का इस्तेमाल हवन, पूजन व यज्ञ वगैरह में किया जाता है, जबकि सफेद व काले दोनों तिलों का इस्तेमाल तेल निकालने और व्रत के दौरान फलाहार वगैरह बनाने में किया जाता है. गुजरात, मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र सूबों में तिल की भरपूर खेती होती है.

खेत की तैयारी : तिल के लिए हलकी, मध्यम गठी हुई बलुई दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है. मिट्टी में नमी होना बेहतर रहता है. इस के अलावा मिट्टी से जल निकासी का सही इंतजाम होना जरूरी है.

गरमी में रबी की फसल कटने के बाद खेत की 2-3 बार गहरी जुताई करने के बाद मिट्टी की जांच करानी पड़ती है. इस के बाद जिप्सम का इस्तेमाल करते हैं, जिस से खेत की मिट्टी भुरभुरी हो जाती है.

Bu hikaye Farm and Food dergisinin August Second 2022 sayısından alınmıştır.

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पशुओं के लिए बरसीम एक पौष्टिक दलहनी चारा
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कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल में लगे कृषि मेले में 'फार्म एन फूड' का जलवा
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