क्या है रूरल एग्रो टूरिज्म
रूरल एग्रो टूरिज्म यानी ग्रामीण और कृषि पर्यटन उन लोगों के लिए काफी अच्छा फील कराने वाला है, जो गांवों से कट चुके हैं. यह उन के और उन के बच्चों के लिए न केवल रोमांचक साबित होता है, बल्कि उन्हें शहरी प्रदूषण से मुक्त शांत व साफ प्राकृतिक वातावरण में रहने, बच्चों में देहात की समझ और सीखनेसिखाने की प्रवृत्ति के विकास का मौका भी देने वाला होता है.
यह बेहद किफायती भी होता है, जहां रहनेखाने में अपेक्षाकृत कम खर्च से खुल कर आनंद लेने का अवसर भारतीय गंवई माहौल और संस्कृति को करीब से समझने का मौका भी देता है. इस से किसानों और ग्रामीणों की आमदनी में इजाफा होने के साथ ही शहरों के साथ कनैक्टिविटी का मौका भी मिलता है.
इस की खूबियां
ग्रामीण और कृषि पर्यटन में पर्यटकों को पूरे देशी अंदाज में पर्यटन का लुत्फ उठाने का मौका मुहैया कराते हैं. लखनऊ के रहने वाले राधेश्याम दीक्षित ग्राम उत्सव के नाम से लोगों को बेहद कम पैसों में ग्रामीण पर्यटन का मौका उपलब्ध कराते हैं, जिस में वे देशी खानपान, देशी खेल जैसे कबड्डी, खोखो, गिल्लीडंडा, रस्सीकूद, बगीचों में देशी झूला, पेड़ पर चढ़ना, खेतीकिसानी की बारीकियों को सिखाना, प्राकृतिक खेती को जमीनी तौर पर देखनासमझना, परिवार सहित किसानों के खेत से सब्जियां तोड़ना, देशी गाय के दूध, दही और मट्ठे के साथ स्वादिष्ठ मिठाइयों का जायका लेने का मौका उपलब्ध कराते हैं.
वे पर्यटकों को गांव टहलाना, सर्दी में कौड़ा यानी बोन फायर का आनंद, गोबर के कंडे की आग में भुने हुए आलुओं के स्वाद के साथ बाटीचोखा, लोकसंगीत और लोकनृत्य का अनुभव, शहरी जीवन की भागदौड़ से छुटकारा पाने सहित ग्रामीण परिवेश में सैल्फी और फोटो, वीडियोग्राफी की पूरी सुविधा मुहैया कराते हैं.
Bu hikaye Farm and Food dergisinin July Second 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye Farm and Food dergisinin July Second 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
फार्म एन फूड की ओर से सम्मान पाने वाले किसानों को फ्रेम कराने लायक यादगार भेंट
उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड
'चाइल्ड हैल्प फाउंडेशन' के अधिकारी हुए सम्मानित
भारत में काम करने वाली संस्था 'चाइल्ड हैल्प फाउंडेशन' से जुड़े 3 अधिकारियों संस्थापक ट्रस्टी सुनील वर्गीस, संस्थापक ट्रस्टी राजेंद्र पाठक और प्रोजैक्ट हैड सुनील पांडेय को गरीबी उन्मूलन और जीरो हंगर पर काम करने के लिए 'फार्म एन फूड कृषि सम्मान अवार्ड' से नवाजा गया.
लखनऊ में हुआ उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के किसानों का सम्मान
पहली बार बड़े लैवल पर 'फार्म एन फूड' पत्रिका द्वारा राज्य स्तरीय 'फार्म एन फूड कृषि सम्मान अवार्ड' का आयोजन लखनऊ की संगीत नाटक अकादमी में 17 अक्तूबर, 2024 को किया गया, जिस में उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड से आए तकरीबन 200 किसान शामिल हुए और खेती में नवाचार और तकनीकी के जरीए बदलाव लाने वाले तकरीबन 40 किसानों को राज्य स्तरीय 'फार्म एन फूड कृषि सम्मान अवार्ड' से सम्मानित किया गया.
बढ़ेगी मूंगफली की पैदावार
महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने 7 अक्तूबर, 2024 को मूंगफली पर अनुसंधान एवं विकास को उत्कृष्टता प्रदान करने और किसानों की आय में वृद्धि करने हेतु मूंगफली अनुसंधान निदेशालय, जूनागढ़ के साथ समझौतापत्र पर हस्ताक्षर किए.
खाद्य तेल के दामों पर लगाम, एमआरपी से अधिक न हों दाम
केंद्र सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के सचिव ने मूल्य निर्धारण रणनीति पर चर्चा करने के लिए पिछले दिनों भारतीय सौल्वेंट ऐक्सट्रैक्शन एसोसिएशन (एसईएआई), भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ (आईवीपीए) और सोयाबीन तेल उत्पादक संघ (सोपा) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की.
अक्तूबर महीने में खेती के खास काम
यह महीना खेतीबारी के नजरिए य से बहुत खास होता है इस महीने में जहां खरीफ की अधिकांश फसलों की कटाई और मड़ाई का काम जोरशोर से किया जाता है, वहीं रबी के सीजन में ली जाने वाली फसलों की रोपाई और बोआई का काम भी तेजी पर होता है.
किसान ने 50 मीट्रिक टन क्षमता का प्याज भंडारगृह बनाया
रकार की मंशा है कि खेती लाभ का धंधा बने. इस के लिए शासन द्वारा किसान हितैषी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.
खेती के साथ गौपालन : आत्मनिर्भर बने किसान निर्मल
आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना का लाभ ले कर उन्नत नस्ल का गौपालन कर किसान एवं पशुपालक निर्मल कुमार पाटीदार एक समृद्ध पशुपालक बन गए हैं.
जीआई पंजीकरण से बढ़ाएं कृषि उत्पादों की अहमियत
हमारे देश में कृषि से जुड़ी फल, फूल और अनाज की ऐसी कई किस्में हैं, जो केवल क्षेत्र विशेष में ही उगाई जाती हैं. अगर इन किस्मों को उक्त क्षेत्र से इतर हट कर उगाने की कोशिश भी की गई, तो उन में वह क्वालिटी नहीं आ पाती है, जो उस क्षेत्र विशेष \" में उगाए जाने पर पाई जाती है.
पराली प्रबंधन पर्यावरण के लिए जरूरी
मौजूदा दौर में पराली प्रबंधन का मुद्दा खास है. पूरे देश में प्रदूषण का जहर लोगों की जिंदगी तबाह कर रहा है और प्रदूषण का दायरा बढ़ाने में पराली का सब से ज्यादा जिम्मा रहता है. सवाल उठता है कि पराली के जंजाल से कैसे निबटा जाए ?