अगस्त माह में निबटाएं खेती से जुड़े जरूरी काम
Farm and Food|August First 2023
खेती के लिहाज से अगस्त का महीना किसानों के लिए खास होता है, क्योंकि मानसून जोरों पर होता है. वर्षा वाले क्षेत्रों में झमाझम बारिश होती है या यह भी कह लें कि मानसून में बरसात की झड़ी लग जाती है. इस के चलते चारों तरफ हरियाली बढ़ जाती है.
बृहस्पति कुमार पांडेय
अगस्त माह में निबटाएं खेती से जुड़े जरूरी काम

अगस्त के महीने में होने वाली बारिश जहां फसलों के लिए फायदेमंद होती है, वहीं इस महीने कई तरह के कीड़ेमकोड़े भी पनपते हैं, जो फसल और पशुओं के साथसाथ इनसानी सेहत के लिए भी नुकसानदायक हैं.

इस माह ज्यादा मच्छरों के पनपने से मलेरिया व डेंगू जैसी बीमारियां बढ़ जाती हैं, वहीं पशुओं में खुरपकामुंहपका रोग भी काफी बढ़ जाता है. फसलों में भी कीटों और बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ जाता है.

बारिश अधिक होने से फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़ों की तादाद में इजाफा हो जाता है, जो बोई गई फसल की पत्तियों से रस, फूल व फलों को अपना भोजन बनाते हैं. इस से पैदावार में काफी कमी आ जाती है.

ऐसे में अगर कीटों का प्रकोप फसल में दिखाई दे, तो अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र के फसल सुरक्षा विशेषज्ञ से संपर्क कर समाधान पा सकते हैं.

इस माह फसल में बहुत सी बीमारियां फैलती हैं, जिस से उपज में भारी कमी के साथसाथ गुणवत्ता भी गिर जाती है. बीमारियों से बचने के लिए किसानों को रोगरोधी किस्मों का चयन करना चाहिए और बीजोपचार का उपाय जरूर अपनाना चाहिए.

अगस्त के महीने में खेतों में बोई गई फसल के बीच और मेंड़ों पर घासफूस उग आते हैं, जो फसल की बढ़वार को रोक देते हैं, जिस से फसल का उत्पादन प्रभावित हो जाता है. ऐसे में यह सुनिश्चित कर लें कि फसल में खरपतवार बिलकुल न उगने पाएं.

अगर खपतवार उग आए हों, तो निराईगुड़ाई कर के उन्हें फसल से निकाल दें. इन खरपतवारों के नियंत्रण से कीट व बीमारियों की रोकथाम में मदद मिलती है, साथ ही, यह भी ध्यान दें कि फसल में कोई रोगग्रस्त पौधा दिखाई दे, तो उसे फौरन उखाड़ कर नष्ट कर दें. इस से बीमारियों को पूरी फसल में फैलने से रोकने में मदद मिलती है.

किसान खरीफ फसल के रूप में सब से ज्यादा खेती धान की करते हैं. रोपाई का काम अगस्त के महीने में पूरी तरह से पूरा हो चुका होता है. ऐसे में धान की फसल को पानी की ज्यादा जरूरत पड़ती है.

अगस्त के महीने में बारिश अच्छी होती है. ऐसी अवस्था में खेतों के चारों तरफ मेंड़ों को मजबूत करें, जिस से बरसात का पानी खेत से बह कर बाहर न जाने पाए. फसल में पर्याप्त नमी बनाए रखने के लिए उचित अंतराल पर सिंचाई करते रहें.

Bu hikaye Farm and Food dergisinin August First 2023 sayısından alınmıştır.

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कचरे के पहाड़ों पर खेती कमाई की तकनीक
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कचरे के पहाड़ों पर खेती कमाई की तकनीक

वर्तमान में कचरा एक गंभीर वैश्विक समस्या बन कर उभरा है. भारत की बात करें, तो साल 2023 में पर्यावरण की स्थिति पर जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में प्रतिदिन तकरीबन डेढ़ करोड़ टन ठोस कचरा पैदा हो रहा है, जिस में से केवल एकतिहाई से भी कम कचरे का ठीक से निष्पादन हो पाता है. बचे कचरे को खुली जगहों पर ढेर लगाते हैं, जिसे कचरे की लैंडफिलिंग कहते हैं.

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December 2024
सर्दी की फसल शलजम
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सर्दी की फसल शलजम

कम समय में तैयार होने वाली फसल शलजम है. इसे खास देखभाल की जरूरत नहीं होती है और किसान को क मुनाफा भी ज्यादा मिलता है. शलजम जड़ वाली हरी फसल है. इसे ठंडे मौसम में हरी सब्जी के रूप उगाया व इस्तेमाल किया जाता है. शलजम का बड़ा साइज होने पर इस का अचार भी बनाया जाता है.

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राममूर्ति मिश्र : वकालत का पेशा छोड़ जैविक खेती से तरक्की करता किसान
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राममूर्ति मिश्र : वकालत का पेशा छोड़ जैविक खेती से तरक्की करता किसान

हाल के सालों में किसानों ने अंधाधुंध रासायनिक खादों और कीटनाशकों का प्रयोग कर धरती का खूब दोहन किया है. जमीन से अत्यधिक उत्पादन लेने की होड़ के चलते खेतों की उत्पादन कूवत लगातार घट रही है, क्योंकि रसायनों के अंधाधुंध प्रयोग के चलते मिट्टी में कार्बांश की मात्र बेहद कम हो गई है, वहीं सेहत के नजरिए से भी रासायनिक उर्वरकों से पैदा किए जाने वाले अनाज और फलसब्जियां नुकसानदेह साबित हो रहे हैं.

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करें पपीते की वैज्ञानिक खेती
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पपीता एक महत्त्वपूर्ण फल है. हमारे देश में इस का उत्पादन पूरे साल किया जा सकता है. पपीते की खेती के लिए मुख्य रूप से जाना जाने वाला प्रदेश झारखंड है. यहां उचित जलवायु मिलने के कारण पपीते की अनेक किस्में तैयार की गई हैं.

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दिसंबर महीने के जरुरी काम
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दिसंबर महीने के जरुरी काम

आमतौर पर किसान नवंबर महीने में ही गेहूं की बोआई का काम खत्म कर देते हैं, मगर किसी वजह से गेहूं की बोआई न हो पाई हो, तो उसे दिसंबर महीने के दूसरे हफ्ते तक जरूर निबटा दें.

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December 2024
चने की खेती और उपज बढाने के तरीके
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चने की खेती और उपज बढाने के तरीके

भारत में बड़े पैमाने पर चने की खेती होती है. चना दलहनी फसल है. यह फसल प्रोटीन, फाइबर और विभिन्न विटामिनों के साथसाथ मिनरलों का स्त्रोत होती है, जो इसे एक पौष्टिक आहार बनाती है.

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रोटावेटर से जुताई
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आजकल खेती में नएनए यंत्र आ रहे हैं. रोटावेटर ट्रैक्टर से चलने वाला जुताई का एक खास यंत्र है, जो दूसरे यंत्रों की 4-5 जुताई के बराबर अपनी एक ही जुताई से खेत को भुरभरा बना कर खेती योग्य बना देता है.

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December 2024
आलू खुदाई करने वाला खालसा पोटैटो डिगर
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आलू खुदाई करने वाला खालसा पोटैटो डिगर

खालसा डिगर आवश्यक जनशक्ति और समय बचाता है. इस डिगर को जड़ वाली फसलों की खुदाई के लिए डिजाइन किया गया है. इस का गियर बौक्स में गुणवत्तापूर्ण पुरजों का इस्तेमाल किया गया है, जो लंबे समय तक साथ देने का वादा करते हैं.

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कृषि एवं कौशल विकास से ही आत्मनिर्भर भारत बन सकेगा
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बातचीत : गौतम टेंटवाल, कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री, मध्य प्रदेश

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December 2024
गेहूं में खरपतवार नियंत्रण के प्रभावी उपाय
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गेहूं में खरपतवार नियंत्रण के प्रभावी उपाय

खरपतवार ऐसे पौधों को कहते हैं, जो बिना बोआई के ही खेतों में उग आते हैं और बोई गई फसलों को कई तरह से नुकसान पहुंचाते हैं. मुख्यतः खरपतवार फसलीय पौधों से पोषक तत्त्व, नमी, स्थान यानी जगह और रोशनी के लिए होड़ करते हैं. इस से फसल के उत्पादन में कमी होती है.

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