इन सभी विधियों से धान की खेती करने के अलगअलग फायदे हैं, लेकिन अगर किसान ड्रम सीडर यंत्र से अपने खेत में धान की बोआई करें, तो उस से कई तरह के फायदे हैं. किसान इस तरह की बोआई से अधिक लाभ कमा सकते हैं.
ड्रम सीडर धान की बोआई में प्रयोग किया जाने वाला प्लास्टिक से बना एक मानवचालित यंत्र है. इस के प्रयोग से धान की बोआई में श्रम शक्ति, पैसा व समय की बचत भी की जा सकती है.
मशीन की बनावट व मूल्य
ड्रम सीडर यंत्र में 4-6 प्लास्टिक के डब्बे लगे होते हैं. इन डब्बों में क्रमशः 28 व 14 छेद पास व दूर में बने होते हैं. इस यंत्र के डब्बों की लंबाई 25 सैंटीमीटर और व्यास 18 सैंटीमीटर होती है. एक डब्बे में डेढ़ से 2 किलोग्राम मात्रा में बीज रखा जाता है.
इस यंत्र में किनारे पर 2 चक्के लगे होते हैं, जो खेत में बोआई के संचालन में उपयोगी होते हैं. इस में 2 हैंडल दोनों छोरों से होते हुए आपस में आकर मिले होते हैं. इसे कोई भी एक व्यक्ति पकड़ कर बोआई का काम कर सकता है.
ड्रम सीडर से धान की बोआई करने के जून माह के पहले सप्ताह से जुलाई माह के पहले सप्ताह तक का समय सब से उपयुक्त होता है. इस के लिए सब से पहले जिस खेत में धान की बोआई ड्रम सीडर से करनी हो, उस को खरपतवार नियंत्रण के लिए एक बार हैरो या रोटावेटर से जुताई कर मिट्टी भुरभुरी कर लेनी चाहिए. इस के बाद जिस दिन ड्रम सीडर से धान की बोआई करनी हो, उस खेत में पलेवा कर के उस का पानी बाहर निकाल देना उचित होता है.
बीज की तैयारी
ड्रम सीडर से धान की बोआई करने के लिए आप अपने खेत के अनुसार जिस भी धान की प्रजाति का चयन कर रहे हों, उसे 12 घंटे तक पानी में भिगो कर रख 24 घंटे तक छाया में ढका जाता है.
इस के उपरांत जब धान के बीज में आंखें फूट जाएं, आधे घंटे छाया में सुखा लेना चाहिए. बीज को भिगोने के लिए पहले इस का ट्राइकोडर्मा या थीरम दवा से शोधन करना न भूलें.
बीज की प्रजाति एवं मात्रा
Bu hikaye Farm and Food dergisinin May First 2024 sayısından alınmıştır.
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