धान की रोपाई के लिए बाजार में कई तरह के रोपाई यंत्र मौजूद हैं. इन में हाथ से ले कर पैट्रोलडीजल से चलने वाले प्लांटर तक मौजूद हैं, जो 4, 6 और 8 लाइनों में धान की रोपाई करते हैं. इन से रोपाई करने पर समय की बचत होती है और लागत भी कम आती है. रोपाई यंत्र एक निश्चित दूरी पर पौधों की रोपाई करता है. इस यंत्र से रोपाई करने के लिए नर्सरी को ट्रे में तैयार करना पड़ता है.
ट्रांसप्लांटर से बोआई के लाभ
इस मशीन से बोआई करने का मुख्य लाभ यह है कि इस में मजदूरों की जरूरत बहुत ही कम पड़ती है.
इस ट्रांसप्लांटर मशीन से एक दिन में तकरीबन 7 से 10 एकड़ तक की रोपाई की जा सकती है. लेकिन अगर किसान मजदूरों से रोपाई का काम करवाएंगे, तो पूरे दिन 1 से 2 एकड़ कृषि भूमि में ही रोपाई कर पाएंगे. पैदावार में तकरीबन 10 से 12 फीसदी तक की बढ़ोतरी होती है.
महिंद्रा एमपी 461 इस प्लांटर
Bu hikaye Farm and Food dergisinin May First 2024 sayısından alınmıştır.
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बढ़ेगी मूंगफली की पैदावार
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खाद्य तेल के दामों पर लगाम, एमआरपी से अधिक न हों दाम
केंद्र सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के सचिव ने मूल्य निर्धारण रणनीति पर चर्चा करने के लिए पिछले दिनों भारतीय सौल्वेंट ऐक्सट्रैक्शन एसोसिएशन (एसईएआई), भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ (आईवीपीए) और सोयाबीन तेल उत्पादक संघ (सोपा) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की.
अक्तूबर महीने में खेती के खास काम
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आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना का लाभ ले कर उन्नत नस्ल का गौपालन कर किसान एवं पशुपालक निर्मल कुमार पाटीदार एक समृद्ध पशुपालक बन गए हैं.
जीआई पंजीकरण से बढ़ाएं कृषि उत्पादों की अहमियत
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